मुरैना। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ही भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. जी हां बता दें कि भाजपा के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह गुर्जर ने विधानसभा चुनाव से पूर्व ही अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी से पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह मुरैना विधानसभा से अपने टिकट की मांग लगातार कर रहे थे, लेकिन बीजेपी ने पूर्व मंत्री का टिकट काट दिया. जिसके बाद से वह बीजेपी से नाराज चल रहे थे. इसके बाद पहले तो उन्होंने अपने बेटे को बसपा से टिकट दिलवाया. वहीं आज पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह गुर्जर ने भी बीजेपी को नमस्ते कर अपने सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थकों के साथ बसपा का दामन थाम लिया है. जिसके कारण अब बीजेपी को बड़ा झटका चंबल में लग सकता है.
रुस्तम सिंह ने थामा बसपा का दामन: वहीं रुस्तम सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी में रहकर क्या कुछ नहीं किया. मैंने बीजेपी को बहुत कुछ दिया, लेकिन फिर भी मेरा टिकट क्यों काटा गया. मैंने शिवराज सरकार में रहकर इतना काम किया. जितना किसी ने नहीं किया, अगर मैं अपनी उम्र की बात करूं तो मेरे से कई और उम्रदराज प्रत्याशियों को उतारा गया है, लेकिन मेरा टिकट काट दिया गया. नाराज मंत्री ने कहा कि "मुझे बीजेपी में मान सम्मान सब मिला, लेकिन इस टिकट कटने से बहुत ही ज्यादा हताश हो गया हूं. जिसके बाद मैंने अब बसपा का दामन थामा है. बता दें कि उनके बेटे राकेश का अब बसपा से टिकट मुरैना विधानसभा से हो चुका है. अब वह अपने बेटे का प्रचार-प्रसार करेंगे.
बीजेपी सरकार में कई अहम पदों पर रहे रुस्तम सिंह: बता दें कि रुस्तम सिंह पूर्व के पुलिस अधिकारी हैं. सिंह 8 साल जबलपुर, इंदौर और रायपुर में एसपी थे. जिसके बाद आईजी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और अपनी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक भी प्राप्त किया. सेवानिवृति के बाद सिंह ने राजनीति में हाथ आजमाया और वर्ष 2003 में बीजेपी से मुरैना विधानसभा से चुनाव लड़ा और चुनाव में जीत दर्ज की. जिसके बाद रुस्तम सिंह को खेल और युवा कल्याण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, खाद्य व नागरिक आपूर्ति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण, जैव विविधता एवम जैव प्रौद्योगिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास के मंत्री रहे. वर्ष 2008 में वह फिर चुनाव लडे़, लेकिन हार गए. तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और 2013 में फिर चुनाव लड़े और चुनाव जीता. जिसके बाद वर्ष 2016 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में शामिल किए गए. फिर पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में काम किया. अब वह बीजेपी से वर्ष 2023 के विधानसभा के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन उनका टिकट काट दिया. जिसके बाद वह नाराज हो गए और बीएसपी का दामन थाम लिया है.