मुरैना। शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री एदल सिंह कंसाना के बेटे कप्तान सिंह कंसाना उर्फ बंकू पर हत्या का प्रयास और अपहरण करने के मामले में गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान पुलिस ने मंत्री के घर पर दबिश दी. हालांकि राजस्थान पुलिस को बंकू कंसाना को गिरफ्तार करने में सफलता नहीं मिली. मुरैना पुलिस का कहना है कि राजस्थान पुलिस ने इस संबंध में कोई संपर्क नहीं साधा और ना ही कोई यहां दबिश देने के संबंधी जानकारी मुरैना पुलिस को मिली है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि मुरैना पुलिस मध्य प्रदेश सरकार के दबाव में है और वह मंत्री के पुत्र को बचाने के लिए राजस्थान पुलिस को कोई सहयोग नहीं कर रही.
कैबिनेट मंत्री पर आरोप
बता दें कि कैबिनेट मंत्री एदल सिंह कंसाना के बेटे कप्तान सिंह कंसाना द्वारा अवैध रेत के ट्रैक्टर रोकने वाले पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट कर अपहरण किया गया था. जिस मामले में राजस्थान पुलिस द्वारा बंकू कंसाना के विरुद्ध धारा 307 , 353 और अपहरण की धारा में अपराध दर्ज किया गया था. उस समय भी राजस्थान पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के प्रयास किए गए, लेकिन मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों जगह कांग्रेस की सरकार होने के कारण पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी. बाद में पुलिस ने इस मामले को न्यायालय में दायर किया. अभी न्यायालय द्वारा बंकू कंसाना की गिरफ्तारी के वारंट जारी किए गए हैं. जिनकी तामील में राजस्थान पुलिस द्वारा कैबिनेट मंत्री एदल सिंह कंसाना के निवास पर और गांव सराय छोला में दबिश देकर बंकू कंसाना की तलाश की गई, लेकिन राजस्थान पुलिस को बंकू को गिरफ्तार करने में सफलता मिलती उससे पहले ही वह मौके से फरार हो चुका था.
मुरैना पुलिस को नहीं जानकारी
इस मामले में पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा उन्हें इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई और ना ही उनसे किसी तरह का सहयोग मांगा गया है. हालांकि मुरैना पुलिस को भी सूत्रों से इस बात की जानकारी मिली थी कि राजस्थान पुलिस मुरैना में दबिश देने आई थी. एसपी अनुराग सुजानिया का कहना है कि अगर राजस्थान पुलिस सहयोग मांगेगी तो मुरैना पुलिस उन्हें पूरी तरह सहयोग करती.
कांग्रेस ने साधा निशाना
इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि प्रदेश सरकार के दबाव में मुरैना पुलिस राजस्थान पुलिस का सहयोग नहीं कर रही. यही नहीं कांग्रेसी नेता राकेश सिंह परमार का कहना है कि विभिन्न थानों में उनके द्वारा अपने लोग पदस्थ किए हैं, जो उन्हें समय-समय पर सहयोग करते हैं और अगर इस तरह अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो आगामी उपचुनाव को भी पुलिस के सहयोग से मंत्री और उसके रिश्तेदार प्रभावित करेंगे.