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Morena News: लद्दाख में शहीद मुरैना के सपूत महेंद्र सिंह सिकरवार का पैतृक गांव अटार में गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम संस्कार

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Published : Aug 22, 2023, 1:21 PM IST

लद्दाख में शनिवार को सड़क हादसे में शहीद 113वीं बटालियन जबलपुर के सैनिक महेंद्र सिंह सिकरवार की पार्थिव देह सोमवार की शाम पैतृक मुरैना जिले के गांव अटार पहुंची. यहां उनकी गार्ड ऑफ ऑनर देकर सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई. इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने भारत माता व शहीद जवान के जयकारे लगाए और नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.

Last rites of Mahendra Singh Sikarwar
शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार का गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम संस्कार
शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार का गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम संस्कार

मुरैना। जिले की सबलगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले अटार गांव के किसान परिवार में जन्मे जवान महेंद्र सिंह सिकरवार इन दिनों लद्दाख में पोस्टेड थे. 2 दिन पहले ही वे अपने काफिले के साथ जा रहे थे. इसी दौरान उनका वाहन खाई में पलट गया, जिसमें महेंद्र सिंह सहित 9 जवान शहीद हो गए. उनके सैनिक साथी शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह लेकर अटार गांव में पहुंचे. शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार की पार्थिव देह को उनके घर से पूरे सैनिक सम्मान के साथ कांधा देते हुए खेत पर ले जाया गया.

Last rites of Mahendra Singh Sikarwar
लद्दाख में शहीद मुरैना के सपूत महेंद्र सिंह सिकरवार

भारत माता के जयकारे गूंजे : उन्हें पहले उन्हें सैनिक साथियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद उनके 17 साल के बेटे मनीष ने जैसे ही मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद ग्रामीणों ने भारत माता और अमर शहीद के नारे लगाए. इस मौके पर एसडीओपी बद्री प्रसाद तिवारी, राजनेता सहित समाजसेवियों ने भी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें कि महेंद्र सिंह सिकरवार की पत्नी पिंकी की तबीयत खराब रहती है, जो सबलगढ़ में अपने बेटे मनीष व बेटी प्रिया को लेकर रहती हैं. इसको लेकर महेंद्र सिंह जल्द ही छुट्टी लेकर आने वाले थे.

Last rites of Mahendra Singh Sikarwar
शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार को नम आंखो से दी विदाई

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जनवरी में था रिटायरमेंट : महेंद्र सिंह सिकरवार का जनवरी में रिटायरमेंट था, लेकिन उससे पहले हादसे में ड्यूटी पर उनका बलिदान हो गया. उनके पिता रामसहाय सिंह सिकरवार का भी चार महीने पहले निधन हो गया था. वहीं भाई विजेंद्र सिंह भी सेना से रिटायर होकर जेल पुलिस में दमोह में पदस्थ हैं, जहां वे अपने परिवार के साथ रहते हैं. महेंद्र के ताऊ पूरन सिंह सिकरवार का कहना है जब से यह सूचना गांव के लोगों को मिली है तो सभी दुखी हो गए. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं गांव में किसी के घर खाना नहीं बना. सब लोग इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ खड़े हैं.

शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार का गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम संस्कार

मुरैना। जिले की सबलगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले अटार गांव के किसान परिवार में जन्मे जवान महेंद्र सिंह सिकरवार इन दिनों लद्दाख में पोस्टेड थे. 2 दिन पहले ही वे अपने काफिले के साथ जा रहे थे. इसी दौरान उनका वाहन खाई में पलट गया, जिसमें महेंद्र सिंह सहित 9 जवान शहीद हो गए. उनके सैनिक साथी शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह लेकर अटार गांव में पहुंचे. शहीद महेंद्र सिंह सिकरवार की पार्थिव देह को उनके घर से पूरे सैनिक सम्मान के साथ कांधा देते हुए खेत पर ले जाया गया.

Last rites of Mahendra Singh Sikarwar
लद्दाख में शहीद मुरैना के सपूत महेंद्र सिंह सिकरवार

भारत माता के जयकारे गूंजे : उन्हें पहले उन्हें सैनिक साथियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद उनके 17 साल के बेटे मनीष ने जैसे ही मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद ग्रामीणों ने भारत माता और अमर शहीद के नारे लगाए. इस मौके पर एसडीओपी बद्री प्रसाद तिवारी, राजनेता सहित समाजसेवियों ने भी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें कि महेंद्र सिंह सिकरवार की पत्नी पिंकी की तबीयत खराब रहती है, जो सबलगढ़ में अपने बेटे मनीष व बेटी प्रिया को लेकर रहती हैं. इसको लेकर महेंद्र सिंह जल्द ही छुट्टी लेकर आने वाले थे.

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