मुरैना। जिले में वेतन वृद्धि की मांग को लेकर रोजगार सहायक 1 अप्रैल से कलमबंद हड़ताल पर बैठे हुए हैं. इसी हड़ताल के दौरान उन्होंने मंगलवार को जिला अस्पताल में ब्लड डोनेट किया. रोजगार सहायकों का कहना है कि "जब तक मांग पूरी नहीं होगी, हम हड़ताल से नहीं उठेंगे. चाहे हमको अपना त्याग पत्र क्यों न देना पड़े." बता दें कि प्रदेश संगठन के आह्वान पर मनरेगा ग्राम रोजगार सहायक, सहायक सचिव महासंघ मध्य प्रदेश के बैनर तले जिलेभर के ग्राम रोजगार सहायक अपनी मांगों को लेकर 13 मार्च से 18 मार्च तक सामूहिक अवकाश पर थे. लेकिन इनकी मांगें न मानने पर अब ये 1 अप्रैल से दोबारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं. हड़ताल के दौरान मुरैना जिला अस्पताल में रोजगार सहायकों ने 30 यूनिट ब्लड डोनेट किया और समाज सेवा की मिसाल पेश की.
रोजगार सहायक संघ की प्रमुख मांगः ग्राम रोजगार सहायक और सहायक सचिव महासंघ की ओर से शासन से काफी समय से मांग की जा रही है, पर आज तक शासन-प्रशासन ने इन मांगों पर कोई विचार नहीं किया है. रोजगार सहायक संघ की प्रमुख मांग है जिला संवर्ग सहायक सचिव में संविलियन कर नियमितिकरण किया जाए और वेतन को कम से कम 30 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए.
जिला उपाध्यक्ष बोले- 30 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए वेतनः सहायक सचिव संगठन के जिला उपाध्यक्ष सौरव सिकरवार ने बताया कि "सरकार हम लोगों को 9 हजार रुपये सैलरी दे रही है. इतनी कम सैलरी में हमारा परिवार नहीं चल रहा है. इसलिए वेतन वृद्धि की मांग को लेकर हम लोग कलमबंद हड़ताल पर बैठे हैं." जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारा वेतन भी सचिवों की तरह 30 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए. उन्होंने कहा कि "मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना लागू कर जिस तरह से प्रदेश भर की महिलाओं का ख्याल रख रहे हैं, उसी तरह से हमारे परिवार का भी ख्याल रखें. इसलिए जब तक हमारी मांग पूरी नहीं की जाएगी, हम हड़ताल से नहीं उठेंगे. यदि जरूरत पड़ी तो त्याग पत्र देने के लिए भी तैयार हैं."
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इन लोगों ने किया रक्तदानः रक्तदान करने वालों में सौरव सिंह सिकरवार, अनूप धाकड़, पवन दुबे, श्यामसुन्दर व्यास, विवेक सिंकरवार, भूपेन्द्र शर्मा, पीयूष गोयल, विनोद कुशवाहा, शिवकुमार शर्मा, रवेन्द्र सिकरवार, रामजीलाल शर्मा, मदन शर्मा, विकास श्रीवास्तव, बलदेव सिंह यादव, आशीष शर्मा सहित अन्य सहायक सचिवों ने रक्तदान किया.