मुरैना। जिला अस्पतालों में पदस्थ अधिकांश डॉक्टर खुद के क्लीनिक या नर्सिंग होम चला रहे हैं. ये डॉक्टर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजाें को बेहतर इलाज का झांसा देकर अपने-अपने क्लीनिक और नर्सिंग होम में ले जाते हैं. इसी मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर और एंबुलेंस संचालक में फोन पर लड़ाई हो गई, जिसका ऑडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. उक्त ऑडियो में जिस डॉक्टर की आवाज बताई जा रही है, वो जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के पद पर हैं और अपने ही घर में प्राइवेट अस्पताल भी चलाते हैं. इस ऑडियो में उक्त डॉक्टर एंबुलेंस ड्राइवर को धमका रहा है, कि वह जब मरीज को अपने घर (अस्पताल) ले जा रहा था, तब मरीज को क्यों बरगलाया. इस ऑडियो में डॉक्टर एंबुलेंस ड्राइवर को धमकी दे रहा है. इस ऑडियो वायरल के मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. विनोद गुप्ता का कहना है कि "इस ऑडियो में किस डॉक्टर की आवाज है यह मेरी समझ में नहीं आ रही. अगर आपको पता हो तो आप बता दीजिए. इस मामले की जांच करवाऊंगा और कार्रवाई की जाएगी."
दतिया में प्राइवेट एंबुलेंस की दलाली पर एक्शनः दतिया कलेक्टर संजय कुमार को लगातार कई दिनों से दतिया जिला चिकित्सालय की प्राइवेट एंबुलेंस को लेकर दलाली की खबरें लंबे समय से मिल रही थीं. इस पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर वेश बदलकर अस्पताल में पहुंचे. इनके साथ जिला पंचायत के एसीईओ धनंजय मिश्रा सहित कुछ अधिकारियों भी मौजूद थे, जो अस्पताल की अलग-अलग जगह पर छिप गए. इस दौरान कलेक्टर ने योजना बनाते हुए एक युवक को फर्जी तौर पर मरीज बनाया और पूरे नाटकीय अंदाज में उसे जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर पहुंचाया. आकस्मिक वार्ड में लेकर पहुंचते ही उसकी मां चिल्लाने लगी कि मेरे बेटे ने जहर खा लिया है. इसका जल्दी इलाज करो, चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टर ने आकर मरीज को देखा और उसे अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी. फिर भी मां चिल्लाती रही कि मैं यहां इलाज नहीं कराऊंगी, मैं उसे झांसी ले जाऊंगी. फर्जी मरीज की मां को चिल्लाते देख अस्पताल में खड़े दलाल सक्रिय हो गए और उसकी एंबुलेंस वाले से बात कराई.
एंबुलेंस चालक को किया गिरफ्तारः अस्पताल के कर्मचारी और दलाल चतुर्भुज शुक्ला ने एक एंबुलेंस मरीज को उपलब्ध कराई. चतुर्भुज ने एंबुलेंस वाले से बात कराई पर अधिक दाम मांगे. यह पूरा माजरा कलेक्टर संजय कुमार देखते रहे जब मरीज के परिजनों से एंबुलेंस की बात पूरी हो गई. इतने में ही कलेक्टर मौके पर पहुंच गए और जिला चिकित्सालय में पदस्थ कर्मचारी चतुर्भुज शुक्ला सहित एंबुलेंस चालक को रंगे हाथों पकड़ लिया. कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से एंबुलेंस को कोतवाली थाने पहुंचा दिया है एवं एंबुलेंस चालक को गिरफ्तार कर कोतवाली थाने में बंद किया. कलेक्टर ने चिकित्सालय के कर्मचारी चतुर्भुज शुक्ला को भी दंडित करने का निर्णय लिया है.
मामले पर की जाएगी कार्रवाईः इस मामले पर कलेक्टर संजय कुमार का कहना है कि "एंबुलेंस माफियाओं के सक्रिय होने की शिकायत लगातार मिल रही थी. लगातार एंबुलेंस मालिकों द्वारा मरीजों से अधिक पैसे लेने की शिकायतें मिल रही थीं. इसको लेकर हमने खुद अपनी आंखों से देखने का निर्णय लिया और मामले को परखा जब मामला पूरी तरह हमने खुद देख लिया तो कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में एक एबुंलेंस चालक को गिरफ्तार किया है और उसकी एंबुलेंस को गिरफ्तार किया है.