मुरैना। "बीजेपी के पास मुरैना में तो क्या, पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ने लायक कोई नेता नहीं है. इसलिए चुनाव लड़ने के लिए आठ-आठ केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव लड़ने भेज दिया है. अब दिमनी विधानसभा से ही देख लीजिए. यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव लड़ रहे है. हम उनको बहुत बड़ा नेता समझते थे, लेकिन वे विधायक का चुनाव लड़ने आए हैं. जौरा से तो कोई भी आ जाए, हारकर ही जाएगा.", यह बात जौरा विधानसभा सीट से हाल ही में घोषित हुए कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय ने कही.
दो दिन पहले जारी की कांग्रेस ने उम्मीदवारों की सूची: जानकारी के अनुसार बीते रोज जारी हुई कांग्रेस की सूची में प्रदेश की 144 विधानसभा सीटों से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई. इनमें जौरा ओर सबलगढ़ से विधानसभा सीट के प्रत्याशियों के नाम भी शामिल है. जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस हाईकमान ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी पंकज उपाध्याय पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए चुनाव मैदान में उतार दिया है. प्रत्याशी घोषित होते ही आत्मविश्वास से भरे पंकज उपाध्याय ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा, "कमलनाथ पूरी तरह से सनातन धर्म को मानने वाले धार्मिक प्रवर्त्ति के इंसान है. उन्होंने बड़े ही शुभ मुहूर्त में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी की है. इससे निश्चित ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.
उन्होंने कहा, "उधर अपने-आपको सनातनी कहने वाली बीजेपी ने ऐसे समय मे सूची जारी की है, जब सभी शुभ और धार्मिक अनुष्ठान बंद रहते हैं. उस समय केवल पितरों को याद किया जाता है. इसका परिणाम भुगतान पड़ेगा."
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उन्होंने बेरोजगारी और क्षेत्र के विकास की बात करते हुए कहा, "कांग्रेस ने इस क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने के लिए शक्कर कारखाना स्थापित किया था. वह भी बीजेपी के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. बीजेपी ने पिछले 18 साल में इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई काम नहीं किया है. बीजेपी सरकार ने न तो इस क्षेत्र की बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई उद्योग स्थापित किया. न ही शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं में कोई सुधार किया. आज इस क्षेत्र के लोग के अलग-अलग राज्यों में पानी पूरी का ठेला लगाकर अपना पेट भर रहे हैं."
उन्होंने शराब के मुद्दे पर क्षेत्रीय विधायक को घेरते हुए कहा, "इस क्षेत्र में लोगों को जितना पानी नहीं मिलता है, उतनी शराब मिलती है. हर गली में अवैध शराब बिक रही है. क्षेत्रीय विधायक खुद इस बात को कबुल कर चुके हैं कि शराब के ठेके उनके है, इसलिए कैसे बंद करवाएं. इस क्षेत्र में अवैध शराब की बिकवाली के लिए विधायक जिम्मेदार हैं."
उन्होंने कहा, "कांग्रेस के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा का चुनाव लड़ने भेजा गया हो. जौरा से तो कोई भी आ जाए, हारकर ही जाएगा. भाजपा एक-दो बार यहां से चुनाव जीती है, अब बो भी बंद हो जाएगा."