मुरैना। जिले में नाराज ब्राह्मण समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इसके पीछे वजह है, सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज की महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना. टिप्पणी करने वाला शख्स विनोद सिंह धाकड़ है. ब्राह्मण समाज की मांग है कि रासुका के तहत टिप्पणी करने वाले शख्स पर कार्रवाई हो, और बुलडोजर चलाकर घर को नेस्तानबूत किया जाए.
इसी के विरोध में बीती रात ब्राह्मण समाज के लोग सबलगढ़ बाजार की सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए. प्रदर्शनकारी सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे. उन्होंने पूरे मामले में अपनी मांग रखते हुए एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा.
जुलूस निकालकर जताया विरोध: बीती रात, जिले की सबलगढ़ तहसील में एक बैठक गुरुकृपा गार्डन में आयोजित की गई. इसमें सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए. उसके बाद यहां से एक बड़ा जुलूस निकाला गया. राम मंदिर चौराहे पर समाज के लोगों ने इकट्ठे होकर जोरदार नारेबाजी की.
एसडीएम वीरेंद्र कटारे को ज्ञापन सौंपकर कहा, "अगर ब्राह्मण समाज की बहन-बेटियों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले आरोपी विनोद धाकड़ पर रासुका लगाकर उसका घर नहीं तोड़ा गया तो ब्राह्मण समाज एक जुट होकर एक बड़ा आंदोलन करेगा. विधानसभा चुनाव में भाजपा के विरोध में मतदान करेगा."
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टेंटरा में जन आशीर्वाद यात्रा का विरोध: मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील में भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा को बुधवार की रात 8 बजे पहुंचना था, लेकिन इससे पहले ही यहां ब्राह्मण समाज के युवाओं ने विरोध प्रदर्शन कर दिया. देखते ही देखते इस विरोध में भाजपा से लेकर मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री सिंधिया और नरेंद्र तोमर के खिलाफ भी नारेबाजी होने लगी. इस प्रदर्शन के कारण श्योपुर के ओछापुरा और वीरपुर में यात्रा को तय समय से ज्यादा देर तक रोका गया.
इसके बाद जब यात्रा मुरैना जिले की सीमा में एंट्री करते हुए टेंटरा गांव में आई तो यहां भी आधा से पौन घंटे तक यात्रा को रोका गया. श्योपुर से चली इस यात्रा में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल थे, लेकिन टेंटरा से पहले ही सिंधिया यात्रा को छोड़कर कार से ग्वालियर रवाना हो गए.
दूसरी ओर सबलगढ़ में विरोध जारी था, इस कारण देर रात तक यात्रा वहां नहीं पहुंची. सबलगढ़ में यात्रा के दौरान सभा का आयोजन था, जिसमें सिंधिया और तोमर दोनों को शामिल होना था, लेकिन देर रात तक पार्टी कार्यकर्ता अपने नेताओं का इंतजार करते ही रह गए.