ETV Bharat / state

मानहानि के 20 साल पुराने मामले में महापौर को 6 महीने की सजा - MORENA NEWS

मुरैना के महापौर अशोक अर्गल को कोर्ट में 6 महीने की सजा सुनाई है. बता दें 20 साल पहले IAS अधिकारी राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि का केस दर्ज कराया था.

अशोक अर्गल को 6 माह की सजा
author img

By

Published : Nov 2, 2019, 10:48 AM IST

Updated : Nov 2, 2019, 12:09 PM IST

मुरैना। 20 साल पुराने मानहानि के मामले में मुरैना नगर निगम महापौर और पूर्व सांसद अशोक अर्गल सहित एक अन्य को 6 महीने की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है. राजनैतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने IAS अधिकारी राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

अशोक अर्गल को 6 माह की सजा

क्या है पूरा मामला

दरअसल आईएएस राधेश्याम जुलानिया 1997 में मुरैना कलेक्टर थे. अशोक अर्गल ने 19 अगस्त 1997 को सार्वजनिक रूप से कहा था कि 'मुरैना कलेक्टर के हर निर्माण कार्य से रिश्वतखोरी की बू आ रही है. भ्रष्टाचार करने वाले सीएमओ से जुलानिया ने 5 लाख की रिश्वत ली है. नगर पालिका में 80 लाख का गोलमाल हुआ है, फर्जी रूप से 29 लाख रुपए के मास्टर निकाले गए हैं. लोक निर्माण, खाद्य, आबकारी, कृषि उपज मंडी में भ्रष्टाचार जुलानिया के इशारे पर हो रहा है'. इस बयान के आधार पर राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

वहीं सजा सुनाए जाने के बाद, महापौर अशोक अर्गल का कहना है कि हम मामले में हाईकोर्ट जाएंगे. हमने कोई मानहानि नहीं की, हमारा पक्ष पूरी तरह सुना नहीं गया है. मानहानि का दावा गलत है.

मुरैना। 20 साल पुराने मानहानि के मामले में मुरैना नगर निगम महापौर और पूर्व सांसद अशोक अर्गल सहित एक अन्य को 6 महीने की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है. राजनैतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने IAS अधिकारी राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

अशोक अर्गल को 6 माह की सजा

क्या है पूरा मामला

दरअसल आईएएस राधेश्याम जुलानिया 1997 में मुरैना कलेक्टर थे. अशोक अर्गल ने 19 अगस्त 1997 को सार्वजनिक रूप से कहा था कि 'मुरैना कलेक्टर के हर निर्माण कार्य से रिश्वतखोरी की बू आ रही है. भ्रष्टाचार करने वाले सीएमओ से जुलानिया ने 5 लाख की रिश्वत ली है. नगर पालिका में 80 लाख का गोलमाल हुआ है, फर्जी रूप से 29 लाख रुपए के मास्टर निकाले गए हैं. लोक निर्माण, खाद्य, आबकारी, कृषि उपज मंडी में भ्रष्टाचार जुलानिया के इशारे पर हो रहा है'. इस बयान के आधार पर राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

वहीं सजा सुनाए जाने के बाद, महापौर अशोक अर्गल का कहना है कि हम मामले में हाईकोर्ट जाएंगे. हमने कोई मानहानि नहीं की, हमारा पक्ष पूरी तरह सुना नहीं गया है. मानहानि का दावा गलत है.

Intro:एंकर - मानहानि दावे के 20 साल पुराने मामले में अदालत ने मुरैना नगर निगम महापौर और पूर्व सांसद अशोक अर्गल सहित एक अन्य व्यक्ति को छह माह के कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। राजनैतिक मामलों की गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया की ओर से पेश निजी इस्तगासे पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है।


Body:वीओ - आईएएस राधेश्याम जुलानिया 1997 में मुरैना कलेक्टर थे। अशोक अर्गल ने 19 अगस्त 1997 को सार्वजनिक रूप से कहा था कि मुरैना कलेक्टर के हर निर्माण कार्य में रिश्वतखोरी की बू आ रही है। भ्रष्टाचार करने वाले सीएमओ से जुलानिया ने 5 लाख की रिश्वत ली है। नगर पालिका में 80 लाख का गोलमाल हुआ है फर्जी रूप से 29 लाख रुपए के मास्टर निकाले गए हैं। इसमें 10 लाख का भ्रष्टाचार हुआ है लोक निर्माण, खाद्य, आबकारी, कृषि उपज मंडी में भ्रष्टाचार जुलानिया के इशारे पर हो रहा है। इस संबंध में खबरें विभिन्न स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी। इससे हुई मानहानि को लेकर राधेश्याम जुलानिया ने अशोक अर्गल के खिलाफ निजी इस्तगासा लगाया था।इस मामले में जब महापौर अशोक अर्गल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले में हाईकोर्ट जबलपुर जाएंगे।हमने कोई मानहानि नही की हमारा पक्ष पूरी तरह सुना नही गया है मानहानि का दावा जो लगाया है वो गलत है।हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नही था।अब जो भी फैसला होगा वो उच्च न्यायालय में होगा।


Conclusion:बाइट - अशोक अर्गल - महापौर नगर निगम मुरैना।
Last Updated : Nov 2, 2019, 12:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.