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मुरैना जिला अस्पताल की गैलरी में खुलेआम घूम रहे मवेशी, सरकारी दावों की खुली पोल - mp news

मुरैना जिला अस्पताल इन दिनों खुद बीमार चल रहा है. यहां मरीजों को सुविधाओं से महरूम रहकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है. आलम ये है कि अस्पताल में मवेशी भी खुलेआम घूम रहे हैं.

जिला अस्पताल में गंदगी का अंबार
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Published : Jun 27, 2019, 3:09 PM IST

मुरैना। मुरैना जिला अस्पताल लोग आते तो हैं ठीक होने, लेकिन यहां की गंदगी और असुविधाओं के बीच और ज्यादा बीमार हो जाते हैं. आलम ये है कि मरीज के लिए बेड पर चादर नहीं है, एक बेड पर दो मरीज लेटे हैं,पंखे और कूलर मरीज खुद घरों से लाकर लगा रहे हैं. यहां तक कि अस्पताल की गैलरी में खुलेआम मवेशी तक घूम रहे हैं.

जिला अस्पताल में गंदगी का अंबार

वहीं जब अव्यवस्थाओं के बारे में सीएमएचओ विनोद गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि कूलर-पंखे चल रहे हैं, लेकिन जिन मरीजों को ज्यादा गर्मी लगती है तो वह मरीज अपना कूलर ले आते हैं और कुछ जगह चादर नहीं है, तो उसका इंतजाम करा रहे हैं. यहां तक तो ठीक है, लेकिन इसके बाद जो सीएमएचओ साहब ने कहा वह वाकई सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा कि 300 मरीज की जगह है, लेकिन 500 लोग होंगे तो असुविधा होना तो लाजिमी है.

हैरानी की बात ये है कि सरकारी जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए की मशीनरी लगी हुई है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं दिया जा रहा है.

मुरैना। मुरैना जिला अस्पताल लोग आते तो हैं ठीक होने, लेकिन यहां की गंदगी और असुविधाओं के बीच और ज्यादा बीमार हो जाते हैं. आलम ये है कि मरीज के लिए बेड पर चादर नहीं है, एक बेड पर दो मरीज लेटे हैं,पंखे और कूलर मरीज खुद घरों से लाकर लगा रहे हैं. यहां तक कि अस्पताल की गैलरी में खुलेआम मवेशी तक घूम रहे हैं.

जिला अस्पताल में गंदगी का अंबार

वहीं जब अव्यवस्थाओं के बारे में सीएमएचओ विनोद गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि कूलर-पंखे चल रहे हैं, लेकिन जिन मरीजों को ज्यादा गर्मी लगती है तो वह मरीज अपना कूलर ले आते हैं और कुछ जगह चादर नहीं है, तो उसका इंतजाम करा रहे हैं. यहां तक तो ठीक है, लेकिन इसके बाद जो सीएमएचओ साहब ने कहा वह वाकई सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा कि 300 मरीज की जगह है, लेकिन 500 लोग होंगे तो असुविधा होना तो लाजिमी है.

हैरानी की बात ये है कि सरकारी जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए की मशीनरी लगी हुई है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं दिया जा रहा है.

Intro:एंकर - मुरैना का जिला अस्पताल वैसे तो संभागीय मुख्यालय में आता है। पर यहां पर सुविधाओं के नाम पर केवल मरीजों को गंदगी, बीमारियां, असुविधाएं ही दी जाती है। और ऐसे समय पर जब भीषण गर्मी व उमस पढ़ रही हो तो उस समय आप यहां आने की भूल भी ना करें। क्योंकि जिम्मेदारों का साफ कहना है कि 300 की जगह ज्यादा मरीज आएंगे तो असुविधा तो होगी। मुरैना जिले का सरकारी जिला अस्पताल जहां पर करोड़ों रुपए की मशीनरी लगी हुई है। लाखों रुपए यहां के स्टाफ को सैलरी के रूप में दी जाती है। पर हालात इन तस्वीरों में आप देखिए मरीज लेटा है पर बैड पर चादर नही,बोतल चढ़ रही है पर महिला अटेंडर हाथ से उसे पकड़े हुए हैं। पंखे व कूलर मरीज घरों से लाकर लगा रहे हैं और अस्पताल की गैलरी में खुलेआम जानवर घूम रहे हैं।

बाईट1 - माया - अटेंडर
बाईट2 - चक्रपान - अटेंडर
बाईट3 - गिरजा शर्मा - अटेंडर


Body:वीओ1 - जब अव्यवस्थाओं के बारे में सीएमएचओ से बात की गई तो उनके अनुसार कूलर पंखे चल रहे हैं। कुछ जगह चादर नहीं तो उसका इंतजाम करा रहे हैं पर इसके बाद जो बोला वह बहुत ही महत्वपूर्ण है उनके अनुसार 300 मरीजों की जगह पर ज्यादा मरीज है जिसके चलते असुविधा तो होगी। बात तो सही कही अस्पताल में अंदर खुलेआम घूमता जानवर भी होगा। जितने बेड हैं उन पर चादर नहीं होगा कूलर पंखे सही नहीं होंगे। मतलब यह है कि आना है तो आओ नहीं तो बाहर जाओ।

बाईट4 - विनोद गुप्ता - सीएमएचओ मुरैना।


Conclusion:वीओ2 - अगर आपको बीमारियां चाहिए अगर आपको महसूस करना है कि नर्क में क्या हालत होते होंगे तो उसके लिए प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नमूने के तौर पर सुविधा शुरू की है। जी हां इसका नाम है जिला अस्पताल जहां वह गरीब पहुंचता है जिसके पास प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए पैसे नहीं होते। पर सरकारी अस्पतालों को जिस तरह से अव्यवस्थाओं का घर बना दिया गया है। उससे ये इलाज कराने की जगह बीमारी देने वाली जगह ज्यादा लग रही है।
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