मुरैना। मुरैना जिला अस्पताल लोग आते तो हैं ठीक होने, लेकिन यहां की गंदगी और असुविधाओं के बीच और ज्यादा बीमार हो जाते हैं. आलम ये है कि मरीज के लिए बेड पर चादर नहीं है, एक बेड पर दो मरीज लेटे हैं,पंखे और कूलर मरीज खुद घरों से लाकर लगा रहे हैं. यहां तक कि अस्पताल की गैलरी में खुलेआम मवेशी तक घूम रहे हैं.
वहीं जब अव्यवस्थाओं के बारे में सीएमएचओ विनोद गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि कूलर-पंखे चल रहे हैं, लेकिन जिन मरीजों को ज्यादा गर्मी लगती है तो वह मरीज अपना कूलर ले आते हैं और कुछ जगह चादर नहीं है, तो उसका इंतजाम करा रहे हैं. यहां तक तो ठीक है, लेकिन इसके बाद जो सीएमएचओ साहब ने कहा वह वाकई सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा कि 300 मरीज की जगह है, लेकिन 500 लोग होंगे तो असुविधा होना तो लाजिमी है.
हैरानी की बात ये है कि सरकारी जिला अस्पताल में करोड़ों रुपए की मशीनरी लगी हुई है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ नहीं दिया जा रहा है.