मुरैना। इंडियन रेलवे द्वारा इन दिनों तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का काम बड़ी तेजी के साथ जारी है. आगरा से झांसी मंडल, बनमौर से मुरैना के बीच बिछाई गई तीसरी रेलवे लाइन का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी लतीफ खान लखनऊ से स्पेशल ट्रेन से ग्वालियर पहुंचे. इसके बाद वहां से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक ट्रॉली द्वारा बनमौर से मुरैना तक तीसरी लाइन पर ट्रेक्शन, सिग्नल, गेट, ओएचई, पुल-पुलियाओं का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कुछ खामियां विभागीय इंजीनियरों को भी बताई. कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी लतीफ खान के साथ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मंजुल माथुर और झांसी रेल मंडल के डीआरएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
तीसरी लाइन पर किया ट्रायल: बनमौर से मुरैना तक तीसरी रेलवे लाइन का निरीक्षण करने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी लतीफ खान मुरैना स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर नवनिर्मित स्टेशन मास्टर के कक्ष का निरिक्षण करने पहुंचे. निरिक्षण के बाद सीआरएस गुरुवार की रात लौटते समय अपनी विशेष ट्रेन को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर तीसरी लाइन पर ट्रेनें चलाने का ट्रायल ग्वालियर तक किया. जिसे अधिकारीयों ने पूरी तरह से सफल बताया. रेलवे झांसी मंडल के डीआरएस ने बताया कि, "मुरैना-बनमौर से पहले ग्वालियर-बनमौर 19.26 किलोमीटर, डबरा आंतरी 20 किलोमीटर, वीरांगना लक्ष्मीबाई बबीना 25.35 किलोमीटर, बिजरौठा-ललितपुर 28.98 किलोमीटर और ललितपुर से जखलौन 16.58 किलोमीटर पर ट्रायल संचालन भी शुरू हो गया है." शुक्रवार को रेलवे के मुख्य विद्युत अभियंता बनमौर से मुरैना तक ओएचई लाइन का निरीक्षण किया. इसके बाद तीसरी लाइन पर ट्रेन, मालगाड़ियों का संचालन शुरू हो सकेगा.
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कई फेज में होगा काम पूरा: डीआरएम आशुतोष ने एक सवाल पर बताया कि, "नेरोगेज लाइन से ब्रोडगेज में बनाने में समय लगेगा, काम काफी है. बहुत सारे बड़े बड़े पुल हैं उसका पूरा होना हैं. यह काम एक बार में पूरा नहीं होता, कई फेज में पूरा होगा. मुआवजा के सवाल पर उन्होंने कहा कि रेलवे अकेले सर्वे नहीं करता. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया एक बार में पूरी नहीं की जाती. आपत्तियां भी ली जाती है, इसलिए त्रुटि नहीं रहती फिर भी कोई अपना आवेदन देता है तो विचार किया जाएगा."