मुरैना। अखिल भारतीय संत समिति महाराष्ट्र और गोवा के प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती दो दिन के प्रवास पर चंबल संभाग में आए. जहां वे पहले अपने पैतृक गांव बरहद भिंड गए. जहां से दंदरौआ धाम पर दर्शन करने के लिए पहुंचे. शुक्रवार को दिल्ली के लिए मुरैना से रवाना हुए. इस दौरान उनका जगह- जगह पर सम्मान किया गया. मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रघुराज कंसाना के कार्यालय पर उनका सम्मान किया गया. इसके बाद कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष विष्णु अग्रवाल के कार्यालय पर उनके अनुयायियों ने जोरदार स्वागत किया.
ब्राह्मणों का विरोध क्यों : लोधी समाज के नेता प्रीतम लोधी द्वारा ब्राह्मणों के खिलाफ की गई टिप्पणी पर बातचीत करते हुए महामंडलेश्वर कहा कि जो हमेशा से ही हिन्दू धर्म और सनातन धर्म की रक्षा करते आ रहे हैं. जो इतिहास में भी सम्माननीय है, ऐसे ब्राह्मणों के खिलाफ बोलना राजनेताओं की राजनीति है. राजनेता ब्राह्मणों को शुरू से ही कोसते आ रहे हैं. जो लोग हिन्दू धर्म में जातिवाद का जहर घोलने का काम कर रहे है, ऐसे लोग किसी भी जाति समुदाय या पार्टी के हों, समाज में उनकी स्वीकृति नहीं होनी चाहिए.
पालघर में संतों की हत्या पर नाराजगी : भाजपा ने प्रीतम लोधी को पार्टी से निष्कासित किया, इसका स्वागत है. लेकिन वह किसी भी दल या समाज का व्यक्ति हो जो हिंदू समाज में जाति का जहर घोलकर एक दूसरे का अपमान करेगा उसकी किसी भी समाज में स्वीकृति नहीं होनी चाहिए. महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती महाराज ने पालघर में संतों की हुई हत्या को लेकर भी अपनी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने कहा कि पालघर में संतों का नरसंहार किया गया. लेकिन तत्कालीन सरकार ने दोषियों पर कोई कदम नहीं उठाया. अब हमें आशा है कि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार इन दोषियों को कड़ी सजा देगी. इसके बाद महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद दिल्ली के लिए रवाना हो गए.