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उपचुनाव 2020: प्रत्याशियों का हो रहा विरोध, कांग्रेस ने कहा बीजेपी की साजिश

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Published : Sep 18, 2020, 11:17 AM IST

मुरैना की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें से दो विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है. नामों की घोषणा होने के बाद से ही लगातार इन दोनों प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है.

congress candidate protest
प्रत्याशियों का विरोध

मुरैना। कांग्रेस पार्टी ने आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं, मुरैना की दिमनी और अंबाह विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशियों का लगातार विरोध किया जा रहा है. जिले में कांग्रेस कार्यकर्ता पिछले चार दिनों से इन प्रत्याशियों के पुतला दहन कर टिकट परिवर्तन किए जाने की मांग क्षेत्रीय स्तर पर कर रहे हैं. इस विरोध को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी सत्य प्रकाश सखबार और कांग्रेस प्रवक्ता राजेंद्र यादव ने कहा है कि जो भी असंतुष्ट है, वो सब भी पार्टी के लिए ही काम करेंगे. ये असंतोष नहीं बल्कि उनकी अपनी व्यक्तिगत राय है, जिसे वो दे रहे हैं. हालांकि इसे प्रचारित करने का काम भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है.

प्रत्याशियों का विरोध
चार दिन पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपचुनावों के लिए 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीटों में से दो के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं. इसमें दिमनी विधानसभा सीट से रविंद्र सिंह तोमर भरोसा को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं अंबाह विधानसभा सीट से बसपा से पूर्व विधायक रहे सत्य प्रकाश सखबार पर कांग्रेस पार्टी ने दांव लगाया है. सत्य प्रकाश सखबार का क्षेत्र में इसलिए विरोध हो रहा है, क्योंकि उन्होंने 2013 से 2018 के कार्यकाल में विधायक रहते हुए अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए काम किया था, इसलिए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. अब वो विरोध के स्वर मुखर होते जा रहे हैं, तो वहीं पार्टी के दूसरे दावेदार भी उनके विरोध में जाकर पार्टी से टिकट परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.

इसी तरह दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी द्वारा रविंद्र सिंह तोमर भरोसा को उम्मीदवार घोषित किया है, जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और दिमनी विधानसभा से दावेदारी कर रहे करीब 12 लोगों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष जाकर एक स्वर में टिकट न देने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि अगर पार्टी उत्तर प्रदेश से आए हुए और दलबदलू व्यक्ति को टिकट देती है तो वो पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे.

इन सबके बावजूद पार्टी ने रविंद्र सिंह तोमर को ही उम्मीदवार बनाया. बता दें, कांग्रेस ने सर्वे के आधार और क्षेत्र की जनता में सर्वाधिक लोकप्रिय उम्मीदवार मानते हुए उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है. रविंद्र सिंह तोमर जन्म से लेकर 2008 तक उत्तर प्रदेश में रहे हैं. वहां अपने कारोबार के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे, लेकिन 2008 में वे मुरैना की दिमनी विधानसभा से बसपा के उम्मीदवार बन के आए. इसके बाद उन्होंने बसपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और जब बीजेपी ने भी उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो बीजेपी छोड़कर वे कांग्रेस में चले गए.

ये भी पढ़ें- कमलनाथ का पोस्टर हटाने पर भड़के कांग्रेसी, फूंका मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का पुतला

क्षेत्र के लोग रविंद्र सिंह तोमर को एक महत्वकांक्षी और अति स्वार्थी नेता के रूप में भी देखते हैं, इसलिए लगातार उनका पुतला दहन कर विरोध किया जा रहा है. रविंद्र सिंह का पुतला दहन दिमनी में बड़े गांव चौराहे और शिवानिया में किया गया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का षड्यंत्र करार दिया है.

मुरैना। कांग्रेस पार्टी ने आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं, मुरैना की दिमनी और अंबाह विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशियों का लगातार विरोध किया जा रहा है. जिले में कांग्रेस कार्यकर्ता पिछले चार दिनों से इन प्रत्याशियों के पुतला दहन कर टिकट परिवर्तन किए जाने की मांग क्षेत्रीय स्तर पर कर रहे हैं. इस विरोध को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी सत्य प्रकाश सखबार और कांग्रेस प्रवक्ता राजेंद्र यादव ने कहा है कि जो भी असंतुष्ट है, वो सब भी पार्टी के लिए ही काम करेंगे. ये असंतोष नहीं बल्कि उनकी अपनी व्यक्तिगत राय है, जिसे वो दे रहे हैं. हालांकि इसे प्रचारित करने का काम भारतीय जनता पार्टी के षड्यंत्र के तहत किया जा रहा है.

प्रत्याशियों का विरोध
चार दिन पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उपचुनावों के लिए 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिसमें मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीटों में से दो के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं. इसमें दिमनी विधानसभा सीट से रविंद्र सिंह तोमर भरोसा को कांग्रेस उम्मीदवार बनाया गया है तो वहीं अंबाह विधानसभा सीट से बसपा से पूर्व विधायक रहे सत्य प्रकाश सखबार पर कांग्रेस पार्टी ने दांव लगाया है. सत्य प्रकाश सखबार का क्षेत्र में इसलिए विरोध हो रहा है, क्योंकि उन्होंने 2013 से 2018 के कार्यकाल में विधायक रहते हुए अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए काम किया था, इसलिए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. अब वो विरोध के स्वर मुखर होते जा रहे हैं, तो वहीं पार्टी के दूसरे दावेदार भी उनके विरोध में जाकर पार्टी से टिकट परिवर्तन की मांग कर रहे हैं.

इसी तरह दिमनी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी द्वारा रविंद्र सिंह तोमर भरोसा को उम्मीदवार घोषित किया है, जिसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और दिमनी विधानसभा से दावेदारी कर रहे करीब 12 लोगों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष जाकर एक स्वर में टिकट न देने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि अगर पार्टी उत्तर प्रदेश से आए हुए और दलबदलू व्यक्ति को टिकट देती है तो वो पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे.

इन सबके बावजूद पार्टी ने रविंद्र सिंह तोमर को ही उम्मीदवार बनाया. बता दें, कांग्रेस ने सर्वे के आधार और क्षेत्र की जनता में सर्वाधिक लोकप्रिय उम्मीदवार मानते हुए उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया है. रविंद्र सिंह तोमर जन्म से लेकर 2008 तक उत्तर प्रदेश में रहे हैं. वहां अपने कारोबार के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी से जुड़े थे, लेकिन 2008 में वे मुरैना की दिमनी विधानसभा से बसपा के उम्मीदवार बन के आए. इसके बाद उन्होंने बसपा छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और जब बीजेपी ने भी उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया तो बीजेपी छोड़कर वे कांग्रेस में चले गए.

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क्षेत्र के लोग रविंद्र सिंह तोमर को एक महत्वकांक्षी और अति स्वार्थी नेता के रूप में भी देखते हैं, इसलिए लगातार उनका पुतला दहन कर विरोध किया जा रहा है. रविंद्र सिंह का पुतला दहन दिमनी में बड़े गांव चौराहे और शिवानिया में किया गया, जिसे कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का षड्यंत्र करार दिया है.

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