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शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी - मुरैना न्यूज

मुरैना में चंबल नदी के रास्ते अवैध शराब का कारोबार शराब माफियाओं ने शुरू कर दिया है. शराब माफिया दूध टैंकरों में, रेत में और लग्जरी वाहनों से तस्करी करते है. इसलिए सरकारी शराब की बिक्री 50 प्रतिशत तक कम हो गई है.

Liquor sales down by 50 percent
शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी
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Published : Jan 25, 2021, 1:54 PM IST

मुरैना। जिले में चंबल नदी के रास्ते अवैध शराब का कारोबार शराब माफियाओं ने शुरू कर दिया है. पुलिस की कार्रवाई से डरे शराब माफिया नए-नए रास्ते और नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं. अवैध शराब का कारोबार करोड़ों रुपए का है. यही वजह है कि इसमें कई बड़े नाम भी शामिल है. पुलिस रिकॉर्ड की बात करें तो साल 2020 में लॉकडाउन के बावजूद भी ढाई करोड़ की शराब पुलिस ने जब्त की. अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो शराब नहीं पकड़ी गई उसका आंकड़ा कितना होगा. वहीं आबकारी विभाग ने भी 4 से 5 लीटर शराब जब्त कि है. फिर भी दोनों विभाग आज तक इन शराब के आने की जगह और मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाए.ये भी कह सकते हैं कि नहीं पहुंचना चाहते. वहीं सरकारी शराब ठेकेदार के अनुसार जिले में पहले की तुलना में उनकी बिक्री में 50 प्रतिशत की कमी आई है. जिससे साफ है कि अवैध शराब का धंधा लगातार फल फूल रहा है.

शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी

शराब कांड के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है

साल 2020 में पुलिस ने अवैध शराब के 1336 प्रकरण दर्ज किए. जिसमें 1400 मुल्जिमों को पकड़ा भी गया और उनसे 46 हजार लीटर शराब जब्त कि गई. जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड रुपए की आंकी गई है. पुलिस के अनुसार शराब कई जगहों से आती है और समाज में खपती है. अपराधी नए नए रास्तों से शराब लाते हैं तो पुलिस भी उन पर लगातार कार्रवाई करती है. वहीं छैरा मानपुर गांव में हुए शराब कांड के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है.

Liquor sales down by 50 percent
शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी
50 प्रतिशत तक कम हुई शराब की बिक्रीमुरैना जिले की आबकारी अधिकारी की मानें तो पिछले साल विभाग ने कुछ जगहों पर कार्रवाई की है. पर उनके सोर्स तक नहीं पहुंचा गया. अब वो अवैध शराब बिक्री को लेकर जिले में मुनादी करा रही है और अपना मुखबिर तंत्र बनाने का प्रयास कर रही है. जिससे कि अवैध शराब के सूत्र तक पहुंचा जा सके. सरकारी शराब ठेकेदार के अनुसार शराब माफिया नए नए तरीके और नए नए रास्ते ढूढ़कर तस्करी कर रहे है. शराब माफिया दूध टैंकरों में, रेत में और लग्जरी वाहनों से तस्करी करते है. वहीं शराब माफियों ने चंबल के रास्ते से जिले की सीमा से लगे दूसरे राज्यों से ही ये अवैध शराब की तस्करी की जाती है. जिसके चलते उनकी बिक्री में 50 प्रतिशत की कमी आ गई है. शराब माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण नकली और अवैध शराब के चलते ही इस तरह के हादसे हो रहे हैं.

मुरैना। जिले में चंबल नदी के रास्ते अवैध शराब का कारोबार शराब माफियाओं ने शुरू कर दिया है. पुलिस की कार्रवाई से डरे शराब माफिया नए-नए रास्ते और नए-नए तरीके ढूंढ रहे हैं. अवैध शराब का कारोबार करोड़ों रुपए का है. यही वजह है कि इसमें कई बड़े नाम भी शामिल है. पुलिस रिकॉर्ड की बात करें तो साल 2020 में लॉकडाउन के बावजूद भी ढाई करोड़ की शराब पुलिस ने जब्त की. अब इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो शराब नहीं पकड़ी गई उसका आंकड़ा कितना होगा. वहीं आबकारी विभाग ने भी 4 से 5 लीटर शराब जब्त कि है. फिर भी दोनों विभाग आज तक इन शराब के आने की जगह और मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच पाए.ये भी कह सकते हैं कि नहीं पहुंचना चाहते. वहीं सरकारी शराब ठेकेदार के अनुसार जिले में पहले की तुलना में उनकी बिक्री में 50 प्रतिशत की कमी आई है. जिससे साफ है कि अवैध शराब का धंधा लगातार फल फूल रहा है.

शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी

शराब कांड के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है

साल 2020 में पुलिस ने अवैध शराब के 1336 प्रकरण दर्ज किए. जिसमें 1400 मुल्जिमों को पकड़ा भी गया और उनसे 46 हजार लीटर शराब जब्त कि गई. जिसकी कीमत लगभग ढाई करोड रुपए की आंकी गई है. पुलिस के अनुसार शराब कई जगहों से आती है और समाज में खपती है. अपराधी नए नए रास्तों से शराब लाते हैं तो पुलिस भी उन पर लगातार कार्रवाई करती है. वहीं छैरा मानपुर गांव में हुए शराब कांड के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है.

Liquor sales down by 50 percent
शराब माफिया नए नए तरीके से कर रहे तस्करी
50 प्रतिशत तक कम हुई शराब की बिक्रीमुरैना जिले की आबकारी अधिकारी की मानें तो पिछले साल विभाग ने कुछ जगहों पर कार्रवाई की है. पर उनके सोर्स तक नहीं पहुंचा गया. अब वो अवैध शराब बिक्री को लेकर जिले में मुनादी करा रही है और अपना मुखबिर तंत्र बनाने का प्रयास कर रही है. जिससे कि अवैध शराब के सूत्र तक पहुंचा जा सके. सरकारी शराब ठेकेदार के अनुसार शराब माफिया नए नए तरीके और नए नए रास्ते ढूढ़कर तस्करी कर रहे है. शराब माफिया दूध टैंकरों में, रेत में और लग्जरी वाहनों से तस्करी करते है. वहीं शराब माफियों ने चंबल के रास्ते से जिले की सीमा से लगे दूसरे राज्यों से ही ये अवैध शराब की तस्करी की जाती है. जिसके चलते उनकी बिक्री में 50 प्रतिशत की कमी आ गई है. शराब माफियाओं को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण नकली और अवैध शराब के चलते ही इस तरह के हादसे हो रहे हैं.
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