मुरैना। इनामी डकैत गुड्डा गुर्जर और उसकी गैंग के चार सदस्यों को जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. करीब साढ़े चार साल पहले की गई हत्या के मामले में षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाते हुए इन डकैतों को हत्या के मामले में सजा सुनाईहै. इसमें गुड्डा गुर्जर भी दोषी है, लेकिन वो फरार है.
चार डकैतों में से तीन सगे भाई : जिन चार डकैतों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, उनमें तीन सगे भाई हैं. लोक अभियोजक महेंद्र अग्रवाल ने बताया कि घटना ने 4 अक्टूबर 2017 को बानमोर थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव की है. जहां जखौदा गांव निवासी जितेंद्र सिंह गुर्जर अपने भाई बंटी गुर्जर के साथ खिरकाई में गाय चराने गया था. इसी दौरान डकैत गुड्डा गुर्जर के साथी जडेरुआ गांव के केशव सिंह, विजय सिंह, भारत सिंह पुत्रगण सीताराम गुर्जर और वल्ली पुत्र मेहकार गुर्जर निवासी पहाड़ी गांव ने जितेंद्र और बंटी को जंगल में घेर लिया था.
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गैंग का सरगना फरार है : डकैत गुड्डा और उसके साथी भारत सिंह के पास बंदूकें थीं. डकैत की गैंग ने दोनों भाई जितेंद्र व बंटी से मारपीट की. बचने के लिए भागे जितेन्द्र सिंह को गोली मार दी. इलाज के दौरान जितेंद्र ने दम तोड़ दिया था. इस मामले में चारों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इनमें से एक दोषी डकैत गुड्डा गुर्जर अब तक फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं. इस मामले में डकैत केशव सिंह, विजय सिंह, भारत सिंह और वल्ली गुर्जर गिरफ्तार हो चुके हैं. जो जेल में हैं. षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने यह फैसला सुनाया. इस गैंग का मुखिया गुड्डा गुर्जर अभी फरार है, जिस पर 70 हजार रुपये का इनाम घोषित है. (Life imprisonment for 5 dacoits) (Dacoits Gudda Gurjar in murder case)