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जज्बा: 650किलोमीटर स्कूटी चलाकर ड्यूटी पहुंची महिला पुलिसकर्मी - एमपी फाइट कोरोना

मुरैना के अंबाह की सुधा तोमर 650 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूटी से इंदौर पहुंची, जहां उसने महु थाने पहुंचकर ड्यूटी ज्वाइन की.

Female constable goes from scooty to duty
स्कूटी से ड्यूटी जाती महिला कांस्टेबल
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Published : May 29, 2020, 8:43 AM IST

मुरैना। देश सेवा और अपने फर्ज को पूरा करने का जज्बा अगर दिल में हो तो फिर वह इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही कुछ मुरैना जिले के अंबाह की सुधा तोमर ने कर दिखाया है. 23 साल की उम्र में सुधा ने वो कर दिखाया जिसे देखकर हर लडकी के अंदर देश सेवा का जज्बा जरूर जागेगा.

स्कूटी से सफर तय कर पहुंची ड्यूटी

सुधा ने अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के लिए 650 किलोमीटर का सफर स्कूटी पर तय किया. सुधा इंदौर के महू थाने में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है. लॉकडाउन के पहले वो अपनी बहन की शादी के लिए 5 दिन की छुट्टी पर गई थीं. लेकिन लॉकडाउन के चलते वो यहां पर फंस गई. विभाग के आदेश के बाद उसे वहां पर ही आमद दे दी.

जब सुधा को पता चला कि उसके ना होने की वजह से महु थाने में बाकी साथियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो उसने स्कूटी से ही निकलने का फैसला कर लिया. 16 घंटो का सफर तय करने के दूसरे ही दिन उसने थाने पर भी आमद दे दी. वहीं अपनी बेटी के जज्बे को देखकर पिता का सीना भी गर्व से फूल गया.उन्होंने बेटी के इस फैसले का साथ दिया और उसके साथ हो लिए.

मुरैना। देश सेवा और अपने फर्ज को पूरा करने का जज्बा अगर दिल में हो तो फिर वह इंसान कुछ भी कर सकता है. ऐसा ही कुछ मुरैना जिले के अंबाह की सुधा तोमर ने कर दिखाया है. 23 साल की उम्र में सुधा ने वो कर दिखाया जिसे देखकर हर लडकी के अंदर देश सेवा का जज्बा जरूर जागेगा.

स्कूटी से सफर तय कर पहुंची ड्यूटी

सुधा ने अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के लिए 650 किलोमीटर का सफर स्कूटी पर तय किया. सुधा इंदौर के महू थाने में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है. लॉकडाउन के पहले वो अपनी बहन की शादी के लिए 5 दिन की छुट्टी पर गई थीं. लेकिन लॉकडाउन के चलते वो यहां पर फंस गई. विभाग के आदेश के बाद उसे वहां पर ही आमद दे दी.

जब सुधा को पता चला कि उसके ना होने की वजह से महु थाने में बाकी साथियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, तो उसने स्कूटी से ही निकलने का फैसला कर लिया. 16 घंटो का सफर तय करने के दूसरे ही दिन उसने थाने पर भी आमद दे दी. वहीं अपनी बेटी के जज्बे को देखकर पिता का सीना भी गर्व से फूल गया.उन्होंने बेटी के इस फैसले का साथ दिया और उसके साथ हो लिए.

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