मुरैना। जिले के पिपररुआ गांव के निवासी नेमीचंद कुशवाह अपने परिवार के साथ रिश्तेदार के यहां शादी समारोह में शामिल होने टूड़ीला गांव गए हुए थे. शादी में नेमीचंद का चचेरा भाई भी आया हुआ था. रात को एक बजे के करीब नेमीचंद अपने तीन साल के बच्चे को सुलाकर बाहर आ गया, जब उसकी बीवी कमरे में पहुंची तो उसका तीन साल का मासूम गायब था. काफी ढूंढने के बाद जब बच्चा नहीं मिला तो 100 डायल को मामले की सूचना दी गई, साथ ही बच्चा जहां लेटा हुआ था वहां से पत्र मिला जिसमें अपहरण की बात लिखी हुई थी.
पुलिस ने मामले में सक्रियता दिखाते हुए बच्चे की तलाश शुरू कर दी, वहीं मुरैना के साथ-साथ ग्वालियर पुलिस को भी सूचित कर दिया गया. इसी बीच पुलिस ने एक संदिग्ध को पकड़ा जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बच्चे के हाथ पैर बांधकर जंगल में डालना बताया. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस ने जब मामले में जांच की तो पता चला की बच्चे को अगवा करने वाला कोई नहीं उसका चाचा था, आरोपी ने बताया कि वह 12वीं कक्षा का छात्र है और उसने अपहरण इसलिए किया ताकि वह आज होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल न हो पाए. आरोपी ने सोचा कि यदि बच्चे का अपहरण हो जाएगा तो सब उसे ढूंढने में बिजी हो जाएंगे और उसे परीक्षा देने जाने के लिए कोई नहीं बोलेगा. छात्र बच्चे का किडनैप करने में तो कामयाब हो गया पर पुलिस की समझदारी से बच्चे को बचा लिया गया और आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.