मुरैना। कृषि कानूनों के विरोध में मुरैना के देवरी में कांग्रेस की खाट पंचायत हुई. जिसके बाद किसानों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने बीजेपी पर हमला बोला. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के शासन में नेहरू से लेकर और राजीव गांधी तक सभी ने किसानों के हित के लिए काम किए और उसी का परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है, बावजूद इसके देश के हालात यह हैं कि 80 फ़ीसदी किसानों को आज भी समर्थन मूल्य नहीं मिलता सिर्फ 20 फ़ीसदी किसान ही ऐसे हैं जो समर्थन मूल्य का लाभ ले पाते हैं. उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र सरकार चंद उद्योगपतियों के इशारे पर किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने की काले कानून लेकर आई है.
किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने पर तुली है बीजेपी- कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि देश का सबसे बड़ा वर्ग किसान है और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है. सारे व्यापार खेती किसानी से चलते हैं. जब किसान के पास धन होता है तो सारे व्यापार चलते हैं, लेकिन आज भाजपा की सरकार किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने पर तुली है. वहीं कमलनाथ में नौजवानों और बुजुर्ग किसानों से अपील की है कि कृषि संबंधी लाए गए तीनों कानूनों को लेकर कांग्रेस का साथ दें, तभी कांग्रेस किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ सकती है.
चौपट हो जाएगी मंडी व्यवस्था- कांग्रेस
इस दौरान कमलनाथ में कांग्रेस के नेतृत्व वाले प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी लाल बहादुर शास्त्री मोरारजी देसाई से लेकर राजीव गांधी तक की सरकारों द्वारा किए गए कृषि क्षेत्र के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि, कांग्रेस की सरकारों की बदौलत ही आज किसान देश की रीड की हड्डी है. भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने जो कानून बनाए हैं उनसे मंडी व्यवस्था चौपट हो जाएगी और कॉन्टैक्ट फॉर्म इन के नाम पर किसानों को बधुआ मजदूर बना दिया जाएगा. बाजार में खाद बीज तक नहीं मिलेगा जो कंपनियां किसानों को देंगी मजबूरन वही उनको अपने खेतों में बोलना पड़ेगा.
खरीद-फरोख्त से बनाई सरकार
इसके साथ ही भंडारा की सीमा खत्म किए जाने को लेकर कमलनाथ ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि इससे बड़े-बड़े उद्योगपति लाखों मेट्रिक टन अनाज खरीद कर अपने गोदामों में भरते रहेंगे और फिर मनचाहे दामों पर ब्लैक मार्केटिंग कर देश की आम जनता का शोषण करेंगे. कमलनाथ ने शिवराज सरकार को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि इस समय प्रदेश माफियाओं के कब्जे में है, चाहे भूमाफिया हो, शराब माफिया हो. 15 माह की शासनकाल में हमने किसानों की हालत सुधारने के लिए कर्ज माफी की थी लेकिन 15 साल से सत्ता का सुख भोगने वाले यह पचा नहीं पाए और उन्होंने जोड़-तोड़ की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी और सरकार मैं काबिज हो गए.
कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का साथ दे किसान
कमलनाथ ने कहा कि 'मैं भी कर सकता था लेकिन मैं मध्यप्रदेश के दामन पर कलंक लगाना नहीं चाहता था' इसलिए मैंने सत्ता छोड़ दी. मैंने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया. मैंने विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, बेरोजगारों को पेंशन देने की स्कीम बनाने के साथ-साथ गरीब कन्याओं के विवाह की राशि बढ़ाई. इसमें मैंने कौन सा अपराध किया अगर आप लोग सच्चाई का साथ देना चाहते हो तो कांग्रेस पार्टी का साथ दो युवाओं से किसानों से बेरोजगारों से और आम जनता से सच्चाई का साथ देने की अपील करता हूं ताकि देश से भाजपा की सरकार को हटाया जा सके.
नागपुर से संचालित होती है बीजेपी- अजय सिंह
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को नागपुर से संचालित होना बताया और कहा कि कमलनाथ ने केंद्र में मंत्री रहते हुए किसानों के हित में काम किए थे और मध्य प्रदेश में जब सरकार बनी तब भी किसानों की कर्ज माफी का बड़ा काम किया था. लेकिन आज भारतीय जनता पार्टी के यह बनाए गए तीनों कानून अगर पूरी तरह लागू होते हैं तो मध्यप्रदेश में ही नहीं पूरे देश में किसान उद्योगपतियों का गुलाम हो जाएगा.
लड़नी होगी लड़ाई
अजय सिंह ने यह भी कहा कि हमारे पूर्वज पहले ईस्ट इंडिया कंपनी से लड़े थे और आज अगर यह कानून लागू होते हैं तो आने वाले समय में हम सबको मोदी अडानी और अंबानी की गुलामी से बचने के लिए आजादी की लड़ाई लड़नी होगी आज भारतीय जनता पार्टी बीएचएल और बीपीसीएल जैसी बड़ी कंपनियों को भी बेचने में लगी है जिन्हें देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नेहरू और इंदिरा की सरकारों ने खड़ा किया था.
15 साल बनाम 15 महीने की लड़ाई
इस बीच पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह अपने भाषण में भाजपा सरकार के 15 साल बनाम कमलनाथ सरकार के 15 माह की बात करते हुए कहा कि प्रदेश की सरकार और भारतीय जनता पार्टी कमलनाथ सरकार के द्वारा माफियाओं के खिलाफ की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई को पचा नहीं पा रही थी और यही कारण उन्हें जोड़-तोड़ कर सरकार बना ली. यही नहीं जयवर्धन सिंह ने मोदी सरकार पर भी हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार नीरव मोदी और ललित मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए कुछ भी कर सकती है, जबकि किसानों की आय को दोगुना करने का वादा करने वाली सरकार ने आज तक कोई ठोस कदम किसान हित के लिए नहीं उठाए जब के उद्योगपतियों की आय चार गुनी होती जा रही है.