मुरैना। जिला अस्पताल (Morena district hospital) में बीती रात हंगामा हो गया. मुरैना में मरीज के अटेंडरों ने जूनियर डॉक्टर से हाथापाई और मारपीट कर दी. जिसके बाद जूनियर डॉक्टर काम बंद कर अटेंडरों के रवैया के विरोध में उतर आए. इसके साथ ही जूनियर डॉक्टरों का गुस्सा नेता, विधायक और मंत्रियों के ऊपर फूट पड़ा. डॉक्टरों का कहना है जो भी अटेंडर आता है वो विधायक और मंत्री की धौंस देता है और नेताओं से फोन करवा कर दवाब बनाते हैं. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि 12 घंटे की डियूटी में 8 घंटे तो नेताओं से बात करने में निकल जाते हैं. इलाज कब करें, हालांकि मारपीट के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
जूनियर डॉक्टर की मारपीट के बाद हंगामा
बीती रात एक बजे के करीब जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में बने कोविड वार्ड में हंगामा हो गया और सभी जूनियर डॉक्टर काम छोड़कर बाहर हंगामा करने लगे. सूचना मिलने पर एसडीएम, सीएमएचओ और सिटी कोतवाली थाना फोर्स के साथ पहुंच गई. जहां एक जूनियर डॉक्टर ने बताया कि एक मरीज साक्षी मंगल के पिता दवाइयों की जानकारी लेने आए, लेकिन वो पर्चा साथ में नहीं लाए थे. इस बात पर ही मरीज के पिता और भाई ने जूनियर डॉक्टर से अभद्रता शुरू कर दी. डॉक्टर ने विरोध किया तो मरीज के परीजनों ने हाथापाई शुरु कर दी. जिससे बचने के लिए जूनियर डॉक्टर बाहर की तरफ भाग निकले.
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विधायक और मंत्री के देते हैं धौंस
डॉक्टरों ने कहा कि जो भी मरीज आता है. किसी न किसी नेता, विधायक और मंत्री से फोन पर बात करने की जिद करता है. जूनियर डॉक्टरों की बात सुनकर आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हम सब डॉक्टरों को नौकरी से निकाल दीजिए और विधायक, मंत्री आकर यहां मरीजों का इलाज कर लेंगे. डॉक्टरों की नाराजगी देखकर सिविल सर्जन ने कहा कि अभद्रता करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होगा.
दो लोगों के खिलाफ मामला
सीएमएचओ (CMHO) ने कहा कि डॉक्टर अपने हिसाब से काम करें, किसी दबाव में नहीं आए. सबसे जरूरी मरीजों का इलाज और उनकी जान बचाना है.अगर कोई नेता परेशान करता है तो मुझे बताएं. मैं ऐसे नेता पर खुद एफआइआर करवाऊंगा. करीब ढाई घंटे तक यह हंगामा चलता रहा और जूनियर डॉक्टर से हाथापाई करने वालों पर एफआईआर का आश्वासन मिलने के बाद डॉक्टर काम पर लौटे. हालांकि इस मामले में कोतवाली थाने में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है.
पुलिस नहीं रोकती किसी को भी
हंगामे के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि वार्ड के बाहर जो पुलिस कर्मचारी लगे हैं, वो किसी को भी नहीं रोकते हैं, जो भी व्यक्ति और अटेंडर कोविड वार्ड में बेरोकटोक के अंदर आ जा रहा है. ऐसे में मरीज और हम डॉक्टर्स को काफी परेशानी होती है. इसलिए इससे अच्छा ये है कि उन पुलिस कर्मचारियों को वहां से हटा दिया जाए. जब किसी को रोक नहीं पा रहे है तो उनका यहां खड़े होने का क्या फायदा.