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International Yoga Day: मुरैना के जय किशन बच्चों को खेल-खेल में सिखा रहे हैं योग

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Published : Jun 19, 2020, 10:19 PM IST

मुरैना के रहने वाले योगाचार्य जय किशन ने योग सिखाने का नायाब तरीका निकाला है. वे बच्चों को खेल-खेल में योगा सिखाते हैं. साथ ही योग को प्रतियोगिता से जोड़ दिया है. जिससे बच्चों में योग की तरफ रुझान बढ़ रहा है.

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खेल-खेल में योग

मुरैना। 21 जून को पूरी दुनिया 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाती है. 5 हजार सालों से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है. योग के महत्व को समझते हुए मुरैना जिले में इसकी अलख जगाने का बीणा उठाया है योगाचार्य जय किशन ने. जय किशन बच्चों को योग सिखाने का काम करते हैं. इसके लिए उन्होंने योग को खेल और प्रतियोगिताओं से जोड़ा है.

खेल-खेल में बच्चे सीख रहे योग

जय किशन की पहल का ये असर हुआ है कि, आज मुरैना से 35 से अधिक बच्चों ने योग प्रतियोगिताओं में स्टेट से लेकर नेशनल, इंटर नेशनल लेवल तक शहर का नाम रोशन किया है. इन बच्चों का हौसला कोरोना काल में भी कम नहीं हुआ है.

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योग करते हुए बच्चे

योग से बीमारियों को हराया

योगाचार्य जय किशन की स्टूडेंट प्रिया गोयल बताती हैं कि, उन्हें कई बीमारियां थीं. जिसके बाद उन्होंने योग करना शुरू किया. पहले भी घर पर ही योग करतीं थीं, लेकिन फिर इस संस्था से जुड़ीं. योग के जरिए उन्होंने इन बीमारियों पर कंट्रोल पा लिया है. अंकिता ने लोगों को योग करने का संदेश भी दिया.

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योगासन में बालिका

स्टूडेंट करेंगे योग

योगाचार्य जय किशन ने बताया कि, कोविड-19 के चलते अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. जिनका पालन करते हुए 3 मिनट का वीडियो बनाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही योग संस्थान 21 जून को सुबह 7 बजे से 8 बजे तक ऑनलाइन योगा करवाएंगे. इस दौरान उनके स्टूडेंट भी योगा करेंगे.

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योगासन में बालिका

कैसे हुई योग दिवस की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई. 27 सितंबर 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक साथ योग करने की बात कही थी. इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया.

क्यों 21 जून को मनाया जाता है

इसके पीछे भी एक बेहद खास वजह है. दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है. भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. कहा जाता है कि, सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. इसी वजह से 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाते हैं.

भारत के नाम दर्ज रिकॉर्ड

बता दें 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था. पहले योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड भी बनाए थे. इस दिन पीएम मोदी ने 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ राजपथ पर योग किया था. पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना है.

मुरैना। 21 जून को पूरी दुनिया 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाती है. 5 हजार सालों से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है. योग के महत्व को समझते हुए मुरैना जिले में इसकी अलख जगाने का बीणा उठाया है योगाचार्य जय किशन ने. जय किशन बच्चों को योग सिखाने का काम करते हैं. इसके लिए उन्होंने योग को खेल और प्रतियोगिताओं से जोड़ा है.

खेल-खेल में बच्चे सीख रहे योग

जय किशन की पहल का ये असर हुआ है कि, आज मुरैना से 35 से अधिक बच्चों ने योग प्रतियोगिताओं में स्टेट से लेकर नेशनल, इंटर नेशनल लेवल तक शहर का नाम रोशन किया है. इन बच्चों का हौसला कोरोना काल में भी कम नहीं हुआ है.

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योग करते हुए बच्चे

योग से बीमारियों को हराया

योगाचार्य जय किशन की स्टूडेंट प्रिया गोयल बताती हैं कि, उन्हें कई बीमारियां थीं. जिसके बाद उन्होंने योग करना शुरू किया. पहले भी घर पर ही योग करतीं थीं, लेकिन फिर इस संस्था से जुड़ीं. योग के जरिए उन्होंने इन बीमारियों पर कंट्रोल पा लिया है. अंकिता ने लोगों को योग करने का संदेश भी दिया.

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योगासन में बालिका

स्टूडेंट करेंगे योग

योगाचार्य जय किशन ने बताया कि, कोविड-19 के चलते अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किए हैं. जिनका पालन करते हुए 3 मिनट का वीडियो बनाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही योग संस्थान 21 जून को सुबह 7 बजे से 8 बजे तक ऑनलाइन योगा करवाएंगे. इस दौरान उनके स्टूडेंट भी योगा करेंगे.

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योगासन में बालिका

कैसे हुई योग दिवस की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हुई. 27 सितंबर 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक साथ योग करने की बात कही थी. इसके बाद महासभा ने 11 दिसंबर 2014 को इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और तभी से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस अस्तित्व में आया.

क्यों 21 जून को मनाया जाता है

इसके पीछे भी एक बेहद खास वजह है. दरअसल 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है. भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. कहा जाता है कि, सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है. इसी वजह से 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाते हैं.

भारत के नाम दर्ज रिकॉर्ड

बता दें 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था. पहले योग दिवस पर भारत ने दो शानदार रिकॉर्ड भी बनाए थे. इस दिन पीएम मोदी ने 35 हजार से ज्यादा लोगों के साथ राजपथ पर योग किया था. पहला रिकॉर्ड 35,985 लोगों के साथ योग करना और दूसरा रिकॉर्ड 84 देशों के लोगों द्वारा इस समारोह में हिस्सा लेना है.

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