मुरैना। लॉकडाउन के समय दो वक्त की रोटी के लिए काम की तलाश करने वाला परिवार आज अपने स्वयं के एक लघु उद्योग के रूप में कारोबार को स्थापित कर चुके हैं. जिले में जोरा तहसील की पथरिया ग्राम पंचायत में एक दलित परिवार ने लॉकडाउन के समय बाजार में सैनिटाइजर की बढ़ती मांग और आपूर्ति को देखते हुए इनको बनाने का काम शुरु किया.
साथ ही आज अंबेडकर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पथरिया ग्राम के प्रधानमंत्री आवास के तहत बने एक कमरे में सैनिटाइजर निर्माण, फिनायल, टॉयलेट क्लीनर, लिक्विड डिटर्जेंट, साबुन जैसे कई उत्पादों को बनाना और बाजार में बेचने का काम शुरू किया. आज वो एक लघु उद्योग के रूप में पहचाना जाने लगा है.
अंबेडकर स्व सहायता समूह द्वारा लॉकडाउन 1 के दौरान राष्ट्रीय आजीविका मिशन के मार्गदर्शन में सैनिटाइजर निर्माण का काम शुरू किया गया, जिसके लिए उन्हें आवश्यक केमिकल की उपलब्धता कराई गई, जिसे विशेषज्ञों के निर्देश में निश्चित अनुपात में मिश्रित कर तैयार किया गया और पैकिंग कर स्थानीय बाजारों में बेचने का काम शुरू किया गया.
साथ ही जिला पंचायत के माध्यम से ग्राम पंचायतों में भी भेजा गया. जब सैनिटाइजर की बिक्री होने लगी और लोग उपयोग करने के बाद उत्पाद को पसंद करने लगे हैं तब समूह द्वारा कपड़े धोने वाला लिक्विड साबुन , बर्तन साफ करने वाला लिक्विड डिटर्जेंट, फिनायल और टॉयलेट क्लीनर भी बनाना शुरू किया गया, जिसके लिए रॉ मैटेरियल प्रशासनिक मदद के माध्यम से ग्वालियर और इंदौर से उपलब्ध कराया गया.
फिलहाल अंबेडकर सोसाइटल समूह के द्वारा आधा दर्जन से अधिक उत्पादकों को अपने नाम से तैयार कर पैकेजिंग की जा रही है. इन उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए सुमावली के बाजार में एक दुकान खोली गई है, तो वहीं जिला पंचायत की परिसर में बनाए गए काउंटर पर भी स्वदेशी उत्पादों के साथ इन आधा दर्जन उत्पादों को भी बिक्री के लिए रखा गया है.
साथ ही जिन ग्राम पंचायतों से और क्षेत्रों से उन्हें मांग भेजी जाती है वहां तक यह समूह सप्लाई देकर अपने उत्पादों को बेचने का काम कर रहा है . सिर्फ 2 माह के अंदर यह काम एक लघु उद्योग का रूप ले चुका है .