ETV Bharat / state

खुदाई में मिला ग्रेट वर्ल्ड वार का शिलालेख, जानकारी जुटाने में लगा पुरातत्व विभाग

मुरैना जिले के खंडोली गांव में खुदाई के दौरान प्रथम विश्व युद्ध के समय से जुड़ा एक शिलालेख मिला है. यह शिलालेख सिंधिया राजवंश के शासन काल के समय ग्रेट बार 1914 से 1919 तक में जाने वाले मुरैना के लोगों की पहचान की जा रही है.

author img

By

Published : Sep 28, 2019, 10:09 PM IST

खुदाई में मिला ग्रेट वर्ल्ड वार का शिलालेख

मुरैना। जिले का इतिहास रहा है कि यहां के लोग देश और मातृभूमि पर मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. इसके उदाहरण समय-समय पर मिलते रहे हैं. आजादी की लड़ाई में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान से लेकर कारगिल युद्ध तक मुरैना के लोगों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया है.

खुदाई में मिला ग्रेट वर्ल्ड वार का शिलालेख

मुरैना के जरा तहसील के गांव खंडोली से 12 लोगों के जाने का एक शिलालेख मिला है. यह लोग पलटन में भर्ती होकर प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने के लिए तो गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए. जिला पुरातत्व अधिकारी ने इस शिलालेख को गांव से लाकर संग्रहालय में रखा है. ग्वालियर रियासत से जुड़े संग्रहालय में रखे दस्तावेजों को खंगालने का काम किया जाएगा, ताकि मुरैना से जाने वाले ऐसे लोगों को पहचान की जा सके.

प्रथम विश्व युद्ध यानी कि ग्रेट बार 1914 से 1919 तक में मुरैना जिले से कितने लोग गए होंगे इसका प्रमाण तो नहीं है, लेकिन पुरातत्व विभाग के मुताबिक खंडोली गांव से 12 और तोमर घार के हरीचे संगोली से 14 लोगों के जाने का शिला लेख मिले. इन शिलालेखों पर ग्वालियर रियासत का मोनो बना हुआ है और ग्वालियर स्टेट लिखा है, जिसके नीचे ग्रेट वार 1919 से 1914 तक जाने वाले लोगों की संख्या और उस गांव का नाम अंकित है.

मुरैना। जिले का इतिहास रहा है कि यहां के लोग देश और मातृभूमि पर मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. इसके उदाहरण समय-समय पर मिलते रहे हैं. आजादी की लड़ाई में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान से लेकर कारगिल युद्ध तक मुरैना के लोगों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया है.

खुदाई में मिला ग्रेट वर्ल्ड वार का शिलालेख

मुरैना के जरा तहसील के गांव खंडोली से 12 लोगों के जाने का एक शिलालेख मिला है. यह लोग पलटन में भर्ती होकर प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने के लिए तो गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए. जिला पुरातत्व अधिकारी ने इस शिलालेख को गांव से लाकर संग्रहालय में रखा है. ग्वालियर रियासत से जुड़े संग्रहालय में रखे दस्तावेजों को खंगालने का काम किया जाएगा, ताकि मुरैना से जाने वाले ऐसे लोगों को पहचान की जा सके.

प्रथम विश्व युद्ध यानी कि ग्रेट बार 1914 से 1919 तक में मुरैना जिले से कितने लोग गए होंगे इसका प्रमाण तो नहीं है, लेकिन पुरातत्व विभाग के मुताबिक खंडोली गांव से 12 और तोमर घार के हरीचे संगोली से 14 लोगों के जाने का शिला लेख मिले. इन शिलालेखों पर ग्वालियर रियासत का मोनो बना हुआ है और ग्वालियर स्टेट लिखा है, जिसके नीचे ग्रेट वार 1919 से 1914 तक जाने वाले लोगों की संख्या और उस गांव का नाम अंकित है.

Intro:खुदाई में मिले शिलालेख ने सिंधिया राजवंश के शासन काल के समय हुए ग्रेट बार 1914 से 1919 तक में जाने वाले मुरैना के लोगों की संख्या तो बताई पर उनकी पहचान अभी अनसुलझी पहेली बनी है जिसे जिला पुरातत्व विभाग द्वारा रियासत कालीन दस्तावेजों ग्वालियर और जबलपुर संग्रहालय में कहां लेकर तैयारी की जा रही है ताकि ग्रेट वार 1914 से 1919 तक में जाने वाले मुरैना जिले के खंडोली ग्राम के 12 लोग जो आज तक लौटकर नहीं आए की पहचान की जा सके ।


Body:समूचे चंबल अंचल सहित मुरैना जिले का इतिहास रहा है कि यहां के लोग देश और मातृभूमि पर मर मिटने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं इसके उदाहरण समय-समय पर मिलते रहे हैं चाहे आजादी की लड़ाई मैं पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के बलिदान से लेकर आजादी के बाद कारगिल युद्ध तक मुरैना के लोगों के शहीद होने वालों में एक लंबी लिस्ट शामिल है । इसी तरह संध्या राजतंत्र के समय हुए प्रथम विश्वयुद्ध जिसे ग्रेट वार 1914 से 1919 नाम दिया गया मैं मुरैना जिले के जरा तहसील के ग्राम खंडोली से 12 लोगों के जाने का एक शिलालेख मिला है यह लोग पलटन में भर्ती होकर प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने के लिए तो गए थे लेकिन लौटकर नहीं आए । यह लोग वर्तमान में निवासरत गांव के 3 परिवारों से ताल्लुक रखते थे इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पा रही है जिसे खोजने के लिए जिला पुरातत्व अधिकारी ने इस शिलालेख को गांव से लाकर संग्रहालय में रखा है और ग्वालियर रियासत से जुड़े संग्रहालय चाहे वह जॉब ग्वालियर का हो या जबलपुर का, में रखे दस्तावेजों को खंगालने का काम किया जाएगा ताकि मुरैना जिले से जाने वाले ऐसे लोगों को पहचान की जा सके जो प्रथम विश्व युद्ध में गए तो थे लेकिन लौट नहीं सके ।


Conclusion:प्रथम विश्व युद्ध यानी कि ग्रेट बार 1919 से 1914 तक में मुरैना जिले से कितने लोग गए होंगे इसका प्रमाण तो नहीं है लेकिन पुरातत्व विभाग के मुताबिक खंडोली गांव से 12 और तोमर घार के हरीचे संगोली से 14 लोगो के जाने का शिला लेख मिले । इन शिलालेखों पर ग्वालियर रियासत का मोनो बना हुआ है और ग्वालियर स्टेट लिखा है जिसके नीचे ग्रेट वार 1919 से 1914 तक जाने वाले लोगों की संख्या और उस गांव का नाम अंकित है जहां से लोग युद्ध में भाग लेने के लिए गए थे । अब जिला पुरातत्व विभाग प्रथम विश्व युद्ध से जुड़े जहां-जहां भी दस्तावेज रखे गए हैं उनमें इन सवालों का से संबंधित लोगों की पहचान करने के प्रयास किए जाने की पहल शुरू कर दी है ।

बाईट 1 - अशोक शर्मा , जिला पुरातत्व अधिकारी मुरैना
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.