मुरैना। बीते वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर छीने लोग बेरोजगार होते चले गए और सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद भी युवा अपने भविष्य को अंधकार में देख रहा था, लेकिन नव वर्ष की शुरुआत में जिला प्रशासन ने जिले के युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए अवसर मुहैया कराए हैं. जिसमें आधा दर्जन कंपनियों ने प्रत्यक्ष और कुछ को प्रशिक्षण के बाद जॉब दिलाने का आश्वासन दिया है. मुरैना में आयोजित किए गए रोजगार मेले में 350 बेरोजगार युवाओं ने रोजगार के लिए विभिन्न कंपनियों में पंजीयन कराए हैं.
बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की पहल
जनपद पंचायत मुरैना द्वारा आयोजित खंड स्तरीय रोजगार मेले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के नेतृत्व में आधा दर्जन कंपनियां के प्रतिनिधि शामिल हुए और उन्होंने युवाओं से योग्यता और साक्षात्कार के आधार पर अपने अवसरों की जानकारी दी. जिसमें एसआईएस सिक्योरिटी कंपनी द्वारा सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर की नौकरी के लिए दसवीं पास बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की लिए प्रत्यक्ष रूप से चयन किया. वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम ने आगामी 5 वर्षों को ध्यान में रखते हुए युवाओं को विभिन्न पदों पर आने वाली भर्तियों के लिए प्रशिक्षित करने के लिए पंजीकृत किया है. इसके अलावा जो स्नातक और स्नातकोत्तर युवा हैं वह बीमा व्यवसाय के क्षेत्र में भी कमीशन के आधार पर काम कर सकते में रुचि रखते हैं. उन्हें तत्काल कंपनी के साथ जोड़कर काम करने का अवसर दिया है.वहीं कुछ कंपनियां राज्य से बाहर भी लोगों को रोजगार देने की बात कर रही थी. ऐसे युवा जो राज्य से बाहर जाकर काम कर सकते हैं. उनके पंजीयन किए गए हैं. जिन्हें आने वाले समय में योग्यता के आधार पर संपर्क किया जाएगा.
डिपाजिट राशि पर युवाओं ने जताई आपत्ति
एसआईएस सिक्योरिटी कंपनी द्वारा सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर की पद पर नियुक्ति के लिए चयन के बाद दस हजार की सुरक्षा निधि जमा कराने की युवाओं से शर्त रखी गई. जिसका कई युवाओं ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर हम सिक्योरिटी राशि अदा करने में सक्षम होते तो रोजगार मेले में रोजगार मांगने नहीं आते. तो कई ऐसे छात्रों के साथ धोखाधड़ी से जोड़कर भी चल रहे थे. हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले में भरोसा दिलाया कि किसी के साथ कोई भी फ्रॉड यहां से चयनित करने वाली कंपनी नहीं करेगी. हालांकि उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी राशि के संदर्भ में उन्हें दी जाने वाली सामग्री की अमानत राशि ली जा रही है.