मुरैना। जिले की तहसील जौरा में पिछले दिनों अचानक चंबल नदी से छोड़े गये हजारों क्यूसेक पानी से कई गांवों में बाढ़ जैसे हलात बन गए और कई क्षेत्र प्रभावित भी हुए हैं. बता दें कि पिछले दिनों हो रही भारी बारिश से कोटा बैराज बांध से चंबल नदी में पानी छोड़ा गया है.
कोटा बैराज बांध से छोड़ा गया हजारों क्यूसेक पानी, आस- पास के कई गांव हुए जनमग्न
कोटा बैराज बांध से हजारों क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है. जिससे कई गांवों में बाढ़ जैसे हलात बन गए. प्रशासन लगातार स्थिति में नजर बनाए हुए है, बाढ़ ग्रस्त इलाकों से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है.
आस- पास के कई गांव हुए जनमग्न
मुरैना। जिले की तहसील जौरा में पिछले दिनों अचानक चंबल नदी से छोड़े गये हजारों क्यूसेक पानी से कई गांवों में बाढ़ जैसे हलात बन गए और कई क्षेत्र प्रभावित भी हुए हैं. बता दें कि पिछले दिनों हो रही भारी बारिश से कोटा बैराज बांध से चंबल नदी में पानी छोड़ा गया है.
Intro:पिछले दिनों राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने के कारण चंबल नदी किनारे के गांवों में आया बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है। नदी का जलस्तर भी अब धीरे-धीरे खतरे के निशान से कम होता जा रहा है इसके बावजूद प्रशासन स्थिति पर अभी भी नजर बनाए हुए है।Body:उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कोटा बैराज बांध से अचानक चंबल नदी में हजारों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदी किनारे के कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए थे। बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए प्रशासनिक अमले ने जनप्रतिनिधियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं उनके भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की पहल की गई थी। इस दौरान कई ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से डूब के क्षेत्र से हटाकर ऊंचाई के सुरक्षित स्थानों पर बसाने की मांग भी की थी। जौरा विधायक पुत्र प्रदीप शर्मा के साथ अनुविभागीय अधिकारी जौरा नीरज शर्मा ने इस दौरान ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर बसाने का भरोसा भी दिलाया था। वर्तमान में चंबल नदी के जलस्तर में निरंतर कमी होने से बाढ़ के हालात फिलहाल टल गए हैं। इसके बावजूद प्रशासन अभी भी हालातों पर सतत निगरानी बनाए हुए हैं।Conclusion:बाइट-नीरज शर्मा
अनुविभागीय अधिकारी जौरा
अनुविभागीय अधिकारी जौरा