मुरैना। देवगढ़ थाना क्षेत्र के पठानपुरा गांव के पास, वन विभाग की महिला अधिकारी श्रद्धा पांढरे और उनकी टीम पर रेत माफिया द्वारा हमले के मामले में आरोपियों पर मामला दर्ज किया है. रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली को छुड़ाकर ले जाने वाले माफियाओं पर करीब 12 घंटे बाद शहर के सिटी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की है. वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढरे की शिकायत पर 7 नामजद और 100 से अधिक अज्ञात रेत माफियाओं पर शासकीय कार्य में बाधा, बलवा और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.
7 नामजद सहित 100 अज्ञात पर FIR दर्ज
बुधवार की रात वन विभाग के दबंग एसडीओ श्रद्धा पांढरे SAF और वन विभाग की टीम के साथ रात्रि गश्त के दौरान देवगढ़ थाना क्षेत्र के पठानपुरा गांव में पहुंचकर, अवैध चंबल रेत से भरा ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ा था. जब उस टैक्टर ट्रॉली को देवगढ़ थाने की तरफ ले जा रही थी, इसी दौरान 100 से अधिक रेत माफियाओं की भीड़ ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया. रेत माफिया ने वन विभाग की टीम पर फायरिंग की और गाड़ियां पर कुल्हाड़ी, लाठी, डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया. इस हमले में वन विभाग की टीम के साथ मौजूद SAF का जवान मुकेश सेन घायल हो गया.
हरकत में आई पुलिस
इसके बाद रेत माफिया वन विभाग की टीम के कब्जे से रेत से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भाग गए. घटना के बाद एसडीओ श्रद्धा पांढरे ने आरोप लगाए हैं कि उन्होंने देवगढ़ थाने में सूचना दी. लेकिन थाने से कोई पुलिसकर्मी नहीं आया. इस मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस प्रशासन हरकत में आया और गुरुवार की सुबह एसडीओ श्रद्धा पांढरे की शिकायत पर सिटी कोतवाली थाने में 7 नामजद सहित 100 अज्ञात रेत माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सिटी कोतवाली में ये मामला शून्य पर दर्ज होकर प्रकरण देवगढ़ थाने में भेजा गया है.
फॉरेस्ट टीम पर हमला कर माफिया छुड़ा ले गए रेत भरा ट्रैक्टर, SDO ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
थाने से फोर्स गया था, लेकिन फोर्स पहुंचने से पहले SDO निकल गई
वन विभाग एसडीओ श्रद्धा पांढरे और उनकी टीम पर रेत माफिया द्वारा हमला करने और पुलिस द्वारा मदद न करने के मामले में एएसपी का कहना है कि पिछले दिनों चंबल कमिश्नर के नेतृत्व में जिले के सभी अधिकारियों की बैठक ली गई थी. बैठक में तय किया गया था कि जब भी जिले में रेत के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, तो उसमें राजस्व विभाग, माइनिंग विभाग, वन विभाग और पुलिस की सयुंक्त टीम के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी. लेकिन वन विभाग की एसडीओ बिना बताएं कार्रवाई करने चली जाती है. कल हमला वाले मामले में भी जब देवगढ़ थाना प्रभारी को सूचना दी गई थी, तो उसके बाद थाने से फोर्स भेजा गया था. लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फोर्स पहुंचने से पहले ही एसडीओ श्रद्धा पांढरे वहां से जा चुकी थी. एएसपी ने ये भी कहा जब भी कोई सूचना मिलती है तो सभी लोग एक साथ मिलकर सयुंक्त रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करें.
बिना बताएं कार्रवाई करने चली जाती है SDO
एएसपी राय सिंह नरवरिया का कहना है कि वन विभाग की महिला एसडीओ श्रद्धा पांढरे बिना सूचने के कार्रवाई करने चली जाती है. अगर एसडीओ संबधित थाना प्रभारी, एसडीओपी, सीएसपी या फिर एसपी और एएसपी को सूचना देकर जाती तो कल जो हमला हुआ शायद ऐसा आगे नहीं होगा. एसडीओ को अगर किसी थाना प्रभारी पर रेत माफिया के साथ मिलने या सूचना देने की शंका है, तो वो हमें बताएं तो हम पुलिस लाइन से किसी अधिकारी मय फोर्स के साथ उनके साथ भेजेंगे.
इन पर FIR
- धर्मेन्द्र सिंह सिकरवार
- छोटू सिकरवार
- भरत सिंह सिकरवार
- धर्मा सिंह सिकरवार
- सरनाम सिंह सिकरवार
- मरिया पंडित
- रामधन सिकरवार
- सहित 100 अज्ञात रेत माफियाओं के खिलाफ अन्य धाराओं में पुलिस ने मामला दर्ज किया है.