मुरैना। एक तरफ जहां कोरोना ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है, वहीं सहकारी संस्था के अधिकारियों की लापरवाही के चलते किसानों को खाद भी उपलब्ध नहीं हो रही है. ऐसे में किसानों को फसलें नष्ट होने की आशंका सता रही है. इस भीषण गर्मी और कोरोना के खतरे के बीच घंटों लाइन में लगकर एक तरफ किसान खाद लेने आ रहा है, वहीं अधिकारियों पर ब्लैक में खाद बेचने के आरोप लग रहे हैं.
खाद की कालाबाजारी
पहले ही किसान मौसम की मार से परेशान हैं, अब कोरोना ने इस नुकसान को और बढ़ा दिया. थोड़ी बहुत उम्मीद जो बाकी थी, वो भी खाद न मिलने के चलते खत्म होती नजर आ रही है. किसान इस भीषण गर्मी में कृषि उपज मंडी में स्थित विपणन संघ के गोदाम पर लाइन लगा रहे हैं. पर यहां कोरोना से बचाव के लिए भी कोई उपाय नहीं हैं. वहीं खाद की कालाबाजारी भी जमकर की जा रही है, इतनी मुसीबत के बाद भी किसान को जरूरत से आधी ही खाद मिल रही है.
अधिकारियों के बुलावे पर भी नहीं आ रही पुलिस
अधिकारियों की मानें तो कर्फ्यू के चलते बाजार बंद होने से यहां पर किसानों की भीड़ अधिक आ रही है. जिससे व्यवस्थाओं में परेशानी है. डीएमओ एमएस राजपूत ने बताया की पुलिस को कई बार पत्र लिखा गया है पर पुलिस भी यहां पर नहीं आ पा रही है, जिससे व्यवस्था बनाने में परेशानी हो रही है और समय भी लग रहा है.
मंत्री आश्वासन के बाद भी हाल जस के तस
बता दें एक दिन पहले मुरैना दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जब इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने किसानों को खाद सहित बीज और कीटनाशक की किसी भी तरह की परेशानी न होने देने की बात की थी.उन्होंने भरोसा दिलाते हुए इस समस्या के निपटारी के लिए अधिकारियों से बात कर दिशा निर्देश दिए थे, बाबजूद इसके किसानों को लंबी लाइन लगाने पर भी खाद नहीं मिल पा रही है.