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मुरैना जिले में बाढ़ से 10 करोड़ का नुकसान, किसानों की फसलों का अब तक शुरु नहीं हुआ सर्वे

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Published : Oct 1, 2019, 11:51 AM IST

चंबल नदी में आई बाढ़ से मुरैना जिले में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके बाद किसानों की बर्बादी के सर्वे के लिए अभी तक कोई नहीं पहुंचा है. मुरैना जिले में बाढ़ से तकरीबन 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.

बाढ़ से बर्बाद हुआ किसान

मुरैना। चंबल नदी में आई बाढ़ से जिले के कई गांवों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जबकि किसानों की फसलों के बर्बाद हो जाने से भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन किसानों की हरसंभव मदद की बात कर रहा है. लेकिन अब तक फसल बर्बादी के सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा है.

मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रख रहा है. जिले में बाढ़ से 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. वहीं दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर शत प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में सर्वे के लिए जिला प्रशासन ने प्रत्येक गांव के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई है.

चंबल नदी में आई बाढ़ से चंबल किनारे के गांवों में किसानों की बाजरा और तिली की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. अम्बाह विधान सभा की नगरा पंचायत के साहसपुरा गांव में 70 से 80 और भदावली पंचायत के भूप का पुरा गांव के 60 से 65 किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

इन गांवों में अभी तक कोई सर्वे करने नहीं आया है. तो वहीं किसान पर आई इस आपदा से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. खेत में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. किसानों का कहना है कि अब हम भगवान भरोसे हैं सरकार मदद करेगी लेकिन कब तक करेगी ये कुछ नहीं पता है.

मुरैना। चंबल नदी में आई बाढ़ से जिले के कई गांवों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जबकि किसानों की फसलों के बर्बाद हो जाने से भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन किसानों की हरसंभव मदद की बात कर रहा है. लेकिन अब तक फसल बर्बादी के सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा है.

मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रख रहा है. जिले में बाढ़ से 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. वहीं दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर शत प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में सर्वे के लिए जिला प्रशासन ने प्रत्येक गांव के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई है.

चंबल नदी में आई बाढ़ से चंबल किनारे के गांवों में किसानों की बाजरा और तिली की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. अम्बाह विधान सभा की नगरा पंचायत के साहसपुरा गांव में 70 से 80 और भदावली पंचायत के भूप का पुरा गांव के 60 से 65 किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.

इन गांवों में अभी तक कोई सर्वे करने नहीं आया है. तो वहीं किसान पर आई इस आपदा से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. खेत में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. किसानों का कहना है कि अब हम भगवान भरोसे हैं सरकार मदद करेगी लेकिन कब तक करेगी ये कुछ नहीं पता है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले में 2 सप्ताह पहले चंबल नदी में आई बाढ़ ने मुरैना जिले के 1 सैकड़ा से अधिक गांव का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई गांव ऐसे हैं जो आज भी सड़क किनारे अपने परिवार को लेकर दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है उम्मीद है कि सरकार की तरफ से कोई फरिश्ता आएगा और सब कुछ पहले जैसा कर देगा सरकार की तरफ से फरिश्ता बनकर मंत्री और विधायक तो आई लेकिन वादों की झड़ी और आश्वासन देकर वापस लौट आये। लेकिन इसी बीच जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने - पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रख रहा है। पिछले दिनों में हर रोज कलेक्टर प्रियंका दास अपने अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित गांव का दौरा किया।कलेक्टर के मुताबिक जिले के दो दर्जन से अधिक ऐसे गाँव है जहां पर शत प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है। जिले में बाढ़ से 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।सर्वे के लिए जिला प्रशासन ने प्रत्येक गाँव के लिए 3 सद्स्ययी टीम बनाई है।





Body:वीओ - चंबल नदी में पिछले दिनों आई बाढ़ से चंबल किनारे गाँव के ग्रामीण पूरी तरह से बर्बाद हो गए है। बाढ़ से मकान क्षतिग्रस्त होने के साथ साथ फसल तो पूरी तरह नष्ट हो गई है। किसानों की बाजरा व तिली की फसलों में भारी नुकसान हुआ है,किसान अब आस लगाए बैठा हुआ है कि कोई मदद करने आये।अम्बाह विधान सभा की नगरा पंचायत के साहसपुरा गाँव मे 70 से 80 एवं भदावली पंचायत के भूप का पुरा गाँव के 60 से 65 किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है अभी तक कोई सर्वे करने नही आया है। तो वही किसान पर आई इस आपदा से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है। खेत में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है उनका कहना है कि अब हम भगवान भरोसे हैं सरकार मदद करेगी लेकिन कब तक करेगी ये कुछ नहीं पता है।

बाइट1 - उमेन्द्र - किसान पीड़ित।
बाइट2 - ग्यासीराम - किसान पीड़ित।
(ये किसान सिर पर साफी बांधे हुए है)






Conclusion:वीओ - कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि चंबल में आई भीषण बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। 3 हजार हेक्टेयर से ज्यादा बाजरा व तिली की फसल में नुकसान हुआ है। प्रारंभिक सर्वे में शत प्रतिशत नुकसान है,जिले के ऐसे 27 गाँव है जहां पर तो 100 प्रतिशत नुकसान है। सर्वे के लिए प्रत्येक गांव के लिए 3 सद्स्ययी टीम बनाई है जिसमें पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव व कृषि विभाग के कर्मचारी के साथ सर्वे करेगी।बाढ़ से जिले में 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।

बाइट3 - प्रियंका दास - कलेक्टर मुरैना।
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