मुरैना। चंबल नदी में आई बाढ़ से जिले के कई गांवों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जबकि किसानों की फसलों के बर्बाद हो जाने से भारी नुकसान हुआ है. प्रशासन किसानों की हरसंभव मदद की बात कर रहा है. लेकिन अब तक फसल बर्बादी के सर्वे के लिए कोई नहीं पहुंचा है.
मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास का कहना है कि जिला प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान रख रहा है. जिले में बाढ़ से 10 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. वहीं दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां पर शत प्रतिशत फसल बर्बाद हो चुकी है. ऐसे में सर्वे के लिए जिला प्रशासन ने प्रत्येक गांव के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई है.
चंबल नदी में आई बाढ़ से चंबल किनारे के गांवों में किसानों की बाजरा और तिली की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. अम्बाह विधान सभा की नगरा पंचायत के साहसपुरा गांव में 70 से 80 और भदावली पंचायत के भूप का पुरा गांव के 60 से 65 किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है.
इन गांवों में अभी तक कोई सर्वे करने नहीं आया है. तो वहीं किसान पर आई इस आपदा से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. खेत में खड़ी फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है. किसानों का कहना है कि अब हम भगवान भरोसे हैं सरकार मदद करेगी लेकिन कब तक करेगी ये कुछ नहीं पता है.