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विधवा के खिलाफ साजिश, Fake Marriage Certificate बनाकर नौकरी से रोकने की कोशिश, केस दर्ज

मुरैन में फर्जी विवाह प्रमाण पत्र(Fake Marriage Certificate ) बनाने के आरोप में सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने नगर निगम के पूर्व आयुक्त सहित 6 के खिलाफ FIR दर्ज (fir against 6 accused) ) की है. विधवा को अनुकंपा नियुक्ति से रोकने के लिए ये साजिश रची गई.

conspiracy against widow
विधवा के खिलाफ साजिश
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Published : Nov 19, 2021, 3:47 PM IST

मुरैना। पति की मौत के बाद विधवा को कहीं अनुकंपा नौकरी नहीं मिल पाए, इसके लिए महिला के ससुरालजनों ने अफसरों के साथ मिलकर उसका फर्जी विवाह प्रमाण पत्र बनवा दिया. दो साल से ज्यादा समय से पीड़िता न्याय की गुहार लगा रही है. (Fake Marriage Certificate)अब जाकर सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने मुरैना नगर निगम के पूर्व आयुक्त अमरसत्य गुप्ता के साथ ही 6 अन्य लोगों पर धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है.

विधवा के खिलाफ साजिश

जानकारी के अनुसार आगरा निवासी प्रेमलता शर्मा की शादी 7 मई 2009 को लखनऊ(fir against 6 accused) निवासी अंकित शर्मा से हुई थी.रेलवे में नौकरी करने वाले अंकित शर्मा की 15 अगस्त 2018 को एक दुर्घटना में मौत हो गई. पति की मौत के बाद प्रेमलता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन किया, तो देवर राजा शर्मा ने रेलवे के समक्ष प्रेमलता के विवाह का फर्जी विवाह प्रमाण-पत्र पेश करते हुए आपत्ति लगा दी, कि उसकी भाई की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली है. इसीलिए अनुकंपा नियुक्ति मृतक की पत्नी की बजाय भाई राजा शर्मा को दी जाए.

विधवा का बनाया फर्जी विवाह प्रमाण पत्र

प्रेमलता ने इस फर्जी प्रमाण पत्र के खिलाफ आवाज उठाते हुए साल 2019 में पहली बार शिकायत की. उसके बाद दो साल से वो मुरैना के सिटी कोतवाली थाने,एसपी ऑफिस,आईजी ऑफिस से लेकर पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंची. मामला इतना बढ़ गया , कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई गई. प्रेमलता की शिकायत में तात्कालीन नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता को भी साजिश में शामिल बताया गया था. जांच-पड़ताल के (conspiracy against widow) बाद पुलिस ने प्रेमलता की शिकायत को सही पाया गया. शादी का फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने पूर्व नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता, विवाह पंजीकरण शाखा के कर्मचारी सतेन्द्र उर्फ टिल्लू , नगर निगम के पंप ऑपरेटर नरेश निगम, लिपिक सूरज सिंह तोमर, एडवाकेट महावीर पचौरी और महिला के देवर राजा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.

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6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

प्रेमलता का विवाह प्रमाण पत्र 2 सितंबर 2019 को जारी हुआ है. इस विवाह प्रमाण पत्र में 12 मई 2014 को 28 साल की प्रेमलता की शादी राजस्थान के धौलपुर होतमपुर के 50 वर्षीय सुंदर पुत्र फुल्लू से होना बताया गया है. यानी प्रेमलता के पति की मौत से चार साल पहले ही 50 साल के अधेड़ से होना बता दिया. इस फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रेमलता साल 2019 से कोतवाली थाने से लेकर सीएसपी, एएसपी, एसपी और आईजी ऑफिस तक में (morena crime news) शिकायत कर रही थी. पुलिस ने धौलपुर के सुंदर पुत्र फुल्लू को ढूंढा तो उसने बताया कि उसकी शादी कभी प्रेमलता से नहीं हुई, न ही वह प्रेमलता को जानता है. इसके बाद दूसरा फर्जीवाड़ा यह पकड़ में आया कि शिकायत करने वाली महिला और उसका मृत पति उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि उसकी शादी राजस्थान के धौलपुर के 50 वर्षीय व्यक्ति से होना बताई गई. इनका मुरैना से कोई लेनादेना नहीं, फिर विवाह प्रमाण पत्र मुरैना नगर निगम ने कैसे जारी कर दिया.

मुरैना। पति की मौत के बाद विधवा को कहीं अनुकंपा नौकरी नहीं मिल पाए, इसके लिए महिला के ससुरालजनों ने अफसरों के साथ मिलकर उसका फर्जी विवाह प्रमाण पत्र बनवा दिया. दो साल से ज्यादा समय से पीड़िता न्याय की गुहार लगा रही है. (Fake Marriage Certificate)अब जाकर सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने मुरैना नगर निगम के पूर्व आयुक्त अमरसत्य गुप्ता के साथ ही 6 अन्य लोगों पर धोखाधड़ी और अन्य गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है.

विधवा के खिलाफ साजिश

जानकारी के अनुसार आगरा निवासी प्रेमलता शर्मा की शादी 7 मई 2009 को लखनऊ(fir against 6 accused) निवासी अंकित शर्मा से हुई थी.रेलवे में नौकरी करने वाले अंकित शर्मा की 15 अगस्त 2018 को एक दुर्घटना में मौत हो गई. पति की मौत के बाद प्रेमलता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए रेलवे में आवेदन किया, तो देवर राजा शर्मा ने रेलवे के समक्ष प्रेमलता के विवाह का फर्जी विवाह प्रमाण-पत्र पेश करते हुए आपत्ति लगा दी, कि उसकी भाई की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली है. इसीलिए अनुकंपा नियुक्ति मृतक की पत्नी की बजाय भाई राजा शर्मा को दी जाए.

विधवा का बनाया फर्जी विवाह प्रमाण पत्र

प्रेमलता ने इस फर्जी प्रमाण पत्र के खिलाफ आवाज उठाते हुए साल 2019 में पहली बार शिकायत की. उसके बाद दो साल से वो मुरैना के सिटी कोतवाली थाने,एसपी ऑफिस,आईजी ऑफिस से लेकर पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंची. मामला इतना बढ़ गया , कि इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाई गई. प्रेमलता की शिकायत में तात्कालीन नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता को भी साजिश में शामिल बताया गया था. जांच-पड़ताल के (conspiracy against widow) बाद पुलिस ने प्रेमलता की शिकायत को सही पाया गया. शादी का फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के आरोप में सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने पूर्व नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता, विवाह पंजीकरण शाखा के कर्मचारी सतेन्द्र उर्फ टिल्लू , नगर निगम के पंप ऑपरेटर नरेश निगम, लिपिक सूरज सिंह तोमर, एडवाकेट महावीर पचौरी और महिला के देवर राजा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है.

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प्रेमलता का विवाह प्रमाण पत्र 2 सितंबर 2019 को जारी हुआ है. इस विवाह प्रमाण पत्र में 12 मई 2014 को 28 साल की प्रेमलता की शादी राजस्थान के धौलपुर होतमपुर के 50 वर्षीय सुंदर पुत्र फुल्लू से होना बताया गया है. यानी प्रेमलता के पति की मौत से चार साल पहले ही 50 साल के अधेड़ से होना बता दिया. इस फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रेमलता साल 2019 से कोतवाली थाने से लेकर सीएसपी, एएसपी, एसपी और आईजी ऑफिस तक में (morena crime news) शिकायत कर रही थी. पुलिस ने धौलपुर के सुंदर पुत्र फुल्लू को ढूंढा तो उसने बताया कि उसकी शादी कभी प्रेमलता से नहीं हुई, न ही वह प्रेमलता को जानता है. इसके बाद दूसरा फर्जीवाड़ा यह पकड़ में आया कि शिकायत करने वाली महिला और उसका मृत पति उत्तर प्रदेश के हैं, जबकि उसकी शादी राजस्थान के धौलपुर के 50 वर्षीय व्यक्ति से होना बताई गई. इनका मुरैना से कोई लेनादेना नहीं, फिर विवाह प्रमाण पत्र मुरैना नगर निगम ने कैसे जारी कर दिया.

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