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इलाज करते पकड़ाया नकली डॉक्टर, अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को सौंपा - आरएमओ डॉ.धर्मेंद्र गुप्ता

रविवार को मुरैना जिला अस्पताल में फर्जी डॉक्टर घुस आया और महिलाओं का इलाज करने लगा. इस बात की जानकारी जैसे ही अस्पताल प्रशासन को लगी तो उन्होंने तुरंत कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया. अस्पताल के आरएमओ की शिकायत पर फर्जी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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Published : Mar 14, 2021, 10:04 PM IST

मुरैना। जिला अस्पताल में रविवार की सुबह तब हड़कंप मच गया जब नर्सों की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन ने एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ लिया. ये नकली डॉक्टर जिला अस्पताल के महिला वार्ड में महिलाओं का चेकअप और इलाज करने पहुंच गया. उसके बाद वार्ड में भर्ती महिलाओं की नर्स स्टाफ से केस डायरी मांगने लगा और महिलाओं का चेकअप करने लगा. जब नर्स स्टाफ को शक हुआ, तो उसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की. उसके बाद मौके पर पहुंचे आरएमओ ने वार्ड ब्वाय की मदद से फर्जी डॉक्टर को पकड़ लिया और सिटी कोतवाली पुलिस को बुलाकर उसको सौंप दिया. हैरानी की बात है कि यह फर्जी डॉक्टर 15 महीने पहले अम्बाह अस्पताल में इलाज करते हुए पकड़ा जा चुका है. जिसके खिलाफ अम्बाह थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. अब इस मामले में पुलिस अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है.

इलाज करते पकड़ाया नकली डॉक्टर
  • महिलाओं का चेकअप करते पकड़ा फर्जी डॉक्टर

नकली डॉक्टर को आरएमओ डॉ.धर्मेंद्र गुप्ता ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मी और वार्ड ब्वाय की मदद से उस युवक को पकड़ लिया. इसकी छानबीन में पता लगा कि ये फर्जी डॉक्टर संजय माहौर है, जो खुद को जिला अस्पताल का डॉक्टर बताते हुए महिला वार्ड में घुस गया. अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी डॉक्टर को सिटी कोतवाली थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है. जहां अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है.

  • 15 महीने पहले भी पकड़ा जा चुका है ये फर्जी डॉक्टर

फर्जी डॉक्टर का नाम संजय माहौर है. जो कि मुरैना की तुस्सीपुरा कॉलोनी का रहने वाला है. फर्जी डॉक्टर ने 30 मई 2019 को अम्बाह अस्पताल में नकली ट्रांसफर आदेश दिखाकर यहां ज्वाइनिंग की थी. लगभग 6 महीने तक अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर डॉक्टर पदस्थ रहा और विभाग ने उसे हर महीने वेतन भी दिया. इस दौरान इस फर्जी डॉक्टर ने घायलों के मेडिकल से लेकर मृतकों का पोस्टमार्टम तक किया. बीएमओ डॉ.बीएस यादव को संजय माहौर के काम करने के तरीके पर शक हुआ और उन्होंने उससे पूरे दस्तावेज मांगे, उसी दिन से यह गायब हो गया. उसके बाद डॉ. यादव ने अम्बाह थाने में एफआईआर दर्ज कराई और 4 दिसंबर 2019 को पुलिस ने उस फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया.

फर्जी डॉक्टर, फर्जी क्लीनिक, मरीज असली, छापेमार कार्रवाई में 47 प्रकार की दवाइयां जब्त

  • दोबारा प्रेक्टिस करने लगा फर्जी डॉक्टर

इस नकली डॉक्टर ने एक दुष्कर्म के आरोपी का मेडिकल भी किया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और आरोपी का दोबारा मेडिकल करवाया गया. लगभग 1 साल संजय माहौर जेल में रहा और जमानत पर छूटने के बाद फिर से फर्जी डॉक्टर बनकर अब जिला अस्पताल में जा पहुंचा और वो फिर से पकड़ा गया.

  • फर्जी डॉक्टर के पास मिले कई कागजात

जिला अस्पताल में पकड़े गए फर्जी डॉक्टर संजय माहौर पर पढ़ाई के कागजात मिले हैं. जो पूरी तरह से फर्जी है. पुलिस अब ये पता लगा रही है कि ये कागजात संजय माहौर ने कहां से बनवाए थे.

मुरैना। जिला अस्पताल में रविवार की सुबह तब हड़कंप मच गया जब नर्सों की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन ने एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ लिया. ये नकली डॉक्टर जिला अस्पताल के महिला वार्ड में महिलाओं का चेकअप और इलाज करने पहुंच गया. उसके बाद वार्ड में भर्ती महिलाओं की नर्स स्टाफ से केस डायरी मांगने लगा और महिलाओं का चेकअप करने लगा. जब नर्स स्टाफ को शक हुआ, तो उसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन से की. उसके बाद मौके पर पहुंचे आरएमओ ने वार्ड ब्वाय की मदद से फर्जी डॉक्टर को पकड़ लिया और सिटी कोतवाली पुलिस को बुलाकर उसको सौंप दिया. हैरानी की बात है कि यह फर्जी डॉक्टर 15 महीने पहले अम्बाह अस्पताल में इलाज करते हुए पकड़ा जा चुका है. जिसके खिलाफ अम्बाह थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. अब इस मामले में पुलिस अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है.

इलाज करते पकड़ाया नकली डॉक्टर
  • महिलाओं का चेकअप करते पकड़ा फर्जी डॉक्टर

नकली डॉक्टर को आरएमओ डॉ.धर्मेंद्र गुप्ता ने अस्पताल के सुरक्षाकर्मी और वार्ड ब्वाय की मदद से उस युवक को पकड़ लिया. इसकी छानबीन में पता लगा कि ये फर्जी डॉक्टर संजय माहौर है, जो खुद को जिला अस्पताल का डॉक्टर बताते हुए महिला वार्ड में घुस गया. अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी डॉक्टर को सिटी कोतवाली थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है. जहां अस्पताल प्रबंधन की शिकायत पर फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है.

  • 15 महीने पहले भी पकड़ा जा चुका है ये फर्जी डॉक्टर

फर्जी डॉक्टर का नाम संजय माहौर है. जो कि मुरैना की तुस्सीपुरा कॉलोनी का रहने वाला है. फर्जी डॉक्टर ने 30 मई 2019 को अम्बाह अस्पताल में नकली ट्रांसफर आदेश दिखाकर यहां ज्वाइनिंग की थी. लगभग 6 महीने तक अम्बाह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर डॉक्टर पदस्थ रहा और विभाग ने उसे हर महीने वेतन भी दिया. इस दौरान इस फर्जी डॉक्टर ने घायलों के मेडिकल से लेकर मृतकों का पोस्टमार्टम तक किया. बीएमओ डॉ.बीएस यादव को संजय माहौर के काम करने के तरीके पर शक हुआ और उन्होंने उससे पूरे दस्तावेज मांगे, उसी दिन से यह गायब हो गया. उसके बाद डॉ. यादव ने अम्बाह थाने में एफआईआर दर्ज कराई और 4 दिसंबर 2019 को पुलिस ने उस फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया.

फर्जी डॉक्टर, फर्जी क्लीनिक, मरीज असली, छापेमार कार्रवाई में 47 प्रकार की दवाइयां जब्त

  • दोबारा प्रेक्टिस करने लगा फर्जी डॉक्टर

इस नकली डॉक्टर ने एक दुष्कर्म के आरोपी का मेडिकल भी किया था. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और आरोपी का दोबारा मेडिकल करवाया गया. लगभग 1 साल संजय माहौर जेल में रहा और जमानत पर छूटने के बाद फिर से फर्जी डॉक्टर बनकर अब जिला अस्पताल में जा पहुंचा और वो फिर से पकड़ा गया.

  • फर्जी डॉक्टर के पास मिले कई कागजात

जिला अस्पताल में पकड़े गए फर्जी डॉक्टर संजय माहौर पर पढ़ाई के कागजात मिले हैं. जो पूरी तरह से फर्जी है. पुलिस अब ये पता लगा रही है कि ये कागजात संजय माहौर ने कहां से बनवाए थे.

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