मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर ने जीत दर्ज की है. रविंद्र सिंह तोमर ने बीजेपी के गिर्राज दंडोतिया को करीब 26 हजार से ज्यादा मतों से पराजित किया है. अपनी जीत के बाद कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
कांग्रेस विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करता रहूंगा, जनता ने मुझे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व दिया है, लेकिन सरकार कांग्रेस की नहीं बन पाई. इसलिए क्षेत्र के विकास के लिए लगातार संघर्ष करूंगा.
कांग्रेसी विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 'वह दो चुनाव पहले भी लड़ चुके हैं और जीत से महज कुछ वोट पीछे रहे. 2008 में सिर्फ 256 वोट से चुनाव हारे थे और 2013 में भी 1100 मतों से चुनाव हार गए थे. इसलिए इस बार कांग्रेस के टिकट पर बड़े अंतर से लोगों ने उन्हें जीत दिलाकर अपने चहेते उम्मीदवार को प्रतिनिधि चुना.'
बिकाऊ और टिकाऊ का मुद्दा रहा हावी
दिमनी विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया चुनावी मैदान में थे तो वहीं कांग्रेस पार्टी से रविंद्र सिंह तोमर कमलनाथ सरकार के विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जा रहे थे. इस बार चुनाव में कांग्रेस ने बिकाऊ और टिकाऊ के मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने में सफलता मिली और जनता में एक मानस बना दिया कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जो लोग शामिल हुए उन्होंने जनमत को अपने स्वार्थ के लिए बेचा है.
ग्वालियर चंबल अंचल में नहीं है कोई सिंधिया का प्रभाव
कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने बताया कि 'कांग्रेस पार्टी के नेता कमलनाथ ने जो काम किए वह लोगों ने सराहा. इसके अलावा उनकी जो योजनाएं थी आधारभूत व्यवस्थाओं को सुधारने वाली थी. इसलिए जनता ने कांग्रेस को वोट दिया. चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया का खासा प्रभाव माना जाता है. इस चुनाव में उसके सकारात्मक परिणाम नहीं आए, इसके पीछे क्या कारण है, इस पर रविंद्र सिंह तोमर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की 'ज्योतिरादित्य सिंधिया का अंचल में अब कोई प्रभाव नहीं है लोग क्यों उन्हें प्रभावशाली मानते हैं यह उनकी समझ से परे हैं, क्योंकि जो व्यक्ति स्वयं चुनाव नहीं जीत पाया, वह अंचल में अपनी पार्टी और अपने सिपाही के रूप में भेजे गए प्रत्याशियों को कैसे चुनाव जिता सकते है. लोग पैसे और चमक-दमक के कारण उन्हें एक प्रभावशाली नेता मानते हैं पर वास्तविकता यह नहीं है. उनका कोई प्रभाव नहीं रहा जो भी प्रभाव है. वह राजनीतिक दल की अपनी विचारधारा और उसके द्वारा किए जा रहे जनहित योजनाओं का है.