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मुरैना: उपचुनाव की हलचल होने लगी तेज, राज्य निर्वाचन आयोग ने दिए संकेत

मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने जिले में होने वाले पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर तैयारियां करने के निर्देश जारी किया.

The by-elections stirred up
उपचुनाव की हलचल होने लगी तेज
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Published : May 22, 2020, 8:23 PM IST

Updated : May 23, 2020, 3:35 PM IST

मुरैना। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिले में होने वाले पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर तैयारियां करने के निर्देश जारी किए हैं. ऐसा करते ही राजनीतिक दलों में भी उथल-पुथल शुरू हो गई. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक को वादे के अनुरूप उम्मीदवार बनने के लिए आश्वस्त हैं, तो वहीं कांग्रेस को भी सरकार में वापसी के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है. हालांकि अभी बहुजन समाज पार्टी ने चंबल संभाग में अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

उपचुनाव की हलचल होने लगी तेज

सिंधिया के साथ 22 कांग्रेस विधायकों ने थामा था बीजेपी का दामन

कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने दल बदल कानून के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी. इसके बाद जिले में भी चार सीटें खाली हो गई. वही जौरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद उपचुनाव होना तय है. कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर ग्वालियर-चंबल अंचल में खासी मशक्कत कर रही है. कांग्रेस को अब विजयी होने वाले प्रत्याशियों की तलाश है, क्योंकि कांग्रेस के जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली नेता थे, वे बीजेपी के झंडे तले पहुंच गए हैं. ऐसे में कांग्रेस ने जिले की पांचों सीटों को बचाने के लिए अभी से मशक्कत करना शुरू कर दिया है. दावेदारी करने वाले नेताओं ने भी प्रचार शुरू कर क्षेत्र में अपनी पहुंच बनाने के लिए ताकत झोंकना शुरू कर दिया है.

बीजेपी अपनी सरकार बचाने को लेकर आशवस्त

भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि जिन 22 विधायकों ने अपनी कुर्बानी देकर बीजेपी पर विश्वास किया है, ऐसे में उन सीटों पर बीजेपी उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी. रहा सवाल कार्यकर्ताओं के असंतोष का तो पार्टी में ऐसी कोई बात नहीं है. पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता समर्पित भाव से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय का पालन करते हुए काम करेगा और उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए निष्ठा से काम करते हुए प्रदेश की सरकार को स्थिरता प्रदान करेगा.

कांग्रेस भी उपचुनाव में मजबूती से

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उनके पास एक-एक सीट पर आठ से दस नेता दावेदारी कर रहे हैं. उन्हें उम्मीदवार चयन के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. जनता भी कांग्रेस पार्टी को धोखा देने वाले नेताओं को और चुनाव में सबक सिखा कर कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जिले की पांचों सीटों पर विजयी बनाएगी.

मुरैना। राज्य निर्वाचन आयोग ने जिले में होने वाले पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर तैयारियां करने के निर्देश जारी किए हैं. ऐसा करते ही राजनीतिक दलों में भी उथल-पुथल शुरू हो गई. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक को वादे के अनुरूप उम्मीदवार बनने के लिए आश्वस्त हैं, तो वहीं कांग्रेस को भी सरकार में वापसी के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है. हालांकि अभी बहुजन समाज पार्टी ने चंबल संभाग में अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

उपचुनाव की हलचल होने लगी तेज

सिंधिया के साथ 22 कांग्रेस विधायकों ने थामा था बीजेपी का दामन

कांग्रेस पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके बाद चुनाव आयोग ने दल बदल कानून के तहत उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी. इसके बाद जिले में भी चार सीटें खाली हो गई. वही जौरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद उपचुनाव होना तय है. कांग्रेस पार्टी प्रदेश में सरकार बनाने को लेकर ग्वालियर-चंबल अंचल में खासी मशक्कत कर रही है. कांग्रेस को अब विजयी होने वाले प्रत्याशियों की तलाश है, क्योंकि कांग्रेस के जो अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली नेता थे, वे बीजेपी के झंडे तले पहुंच गए हैं. ऐसे में कांग्रेस ने जिले की पांचों सीटों को बचाने के लिए अभी से मशक्कत करना शुरू कर दिया है. दावेदारी करने वाले नेताओं ने भी प्रचार शुरू कर क्षेत्र में अपनी पहुंच बनाने के लिए ताकत झोंकना शुरू कर दिया है.

बीजेपी अपनी सरकार बचाने को लेकर आशवस्त

भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि जिन 22 विधायकों ने अपनी कुर्बानी देकर बीजेपी पर विश्वास किया है, ऐसे में उन सीटों पर बीजेपी उन्हें ही उम्मीदवार बनाएगी. रहा सवाल कार्यकर्ताओं के असंतोष का तो पार्टी में ऐसी कोई बात नहीं है. पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता समर्पित भाव से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्णय का पालन करते हुए काम करेगा और उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए निष्ठा से काम करते हुए प्रदेश की सरकार को स्थिरता प्रदान करेगा.

कांग्रेस भी उपचुनाव में मजबूती से

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि उनके पास एक-एक सीट पर आठ से दस नेता दावेदारी कर रहे हैं. उन्हें उम्मीदवार चयन के लिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. जनता भी कांग्रेस पार्टी को धोखा देने वाले नेताओं को और चुनाव में सबक सिखा कर कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जिले की पांचों सीटों पर विजयी बनाएगी.

Last Updated : May 23, 2020, 3:35 PM IST
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