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डॉक्टरों की लापरवाही प्रसूता के जान पर भारी, ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिए ग्लव्स और कपड़े

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Published : Aug 27, 2019, 9:01 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 9:58 AM IST

अजब मध्यप्रदेश के गजब भगवान हैं, जो जिंदगी बचाने की बजाय मरीजों की जान लेने पर ही आमादा रहते हैं. मुरैना जिला अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही का खामियाजा प्रसूता और उसके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है, जिसके पेट में ऑपरेशन के दौरान स्टाफ ने कपड़ा, कॉटन पट्टी और हैंड ग्लव्स छोड़ दिया था.

ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिये ग्लब्स, कपड़ा

मुरैना। जिला अस्पताल में प्रसूता के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में ही कपड़ा, हैंड ग्लव्स छोड़ दिया. आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर-स्टाफ की लापरवाही के चलते महिला के पेट में ही कपड़ा छूट गया. इस मामले में कलेक्टर ने ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश देते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिए ग्लव्स और कपड़े
जानकारी के मुताबिक ऋषि गालव कॉलेज रोड मुरैना निवासी ममता कुशवाहा 20 अगस्त को जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती हुई थी. उसी दिन उसने एक बच्ची को जन्म दिया, उसके दो दिन बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हो गई, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही महिला की तबीयत खराब होने लगी, तो परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जांच में सामने आया कि महिला के पेट में कॉटन पट्टी और हैंड ग्लव्स पड़े हैं. तब डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से कपड़ा और हैंड ग्लव्स निकाला, पर महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इतना सबकुछ होने के बावजूद पीड़िता और उसके परिवार का संकट कम नहीं हुआ, क्योंकि ऑपरेशन के तुरंत बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर ने जब परिजनों को ऑपरेशन का बिल थमाया, तो उनके पास इतने पैसे ही नहीं थे, जिसके बाद निजी अस्पताल से भी महिला की कुछ समय बाद छुट्टी कर दी गई. तब परिजन इलाज की मदद के लिए पीड़िता को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे, जहां कलेक्टर ने उन्हें उपचार का आश्वासन दिया है.

मुरैना। जिला अस्पताल में प्रसूता के ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में ही कपड़ा, हैंड ग्लव्स छोड़ दिया. आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर-स्टाफ की लापरवाही के चलते महिला के पेट में ही कपड़ा छूट गया. इस मामले में कलेक्टर ने ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के खिलाफ संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश देते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

ऑपरेशन के दौरान पेट में छोड़ दिए ग्लव्स और कपड़े
जानकारी के मुताबिक ऋषि गालव कॉलेज रोड मुरैना निवासी ममता कुशवाहा 20 अगस्त को जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती हुई थी. उसी दिन उसने एक बच्ची को जन्म दिया, उसके दो दिन बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी हो गई, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही महिला की तबीयत खराब होने लगी, तो परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां जांच में सामने आया कि महिला के पेट में कॉटन पट्टी और हैंड ग्लव्स पड़े हैं. तब डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से कपड़ा और हैंड ग्लव्स निकाला, पर महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. इतना सबकुछ होने के बावजूद पीड़िता और उसके परिवार का संकट कम नहीं हुआ, क्योंकि ऑपरेशन के तुरंत बाद निजी अस्पताल के डॉक्टर ने जब परिजनों को ऑपरेशन का बिल थमाया, तो उनके पास इतने पैसे ही नहीं थे, जिसके बाद निजी अस्पताल से भी महिला की कुछ समय बाद छुट्टी कर दी गई. तब परिजन इलाज की मदद के लिए पीड़िता को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे, जहां कलेक्टर ने उन्हें उपचार का आश्वासन दिया है.
Intro:लोक डॉक्टरों को भगवान की तरह मानते हैं यही कारण है कि संकट के समय वह अपने परिजनों को उनके भरोसे छोड़ देते हैं लेकिन भगवान ही अगर लापरवाह होकर हैवान बन जाए तो किसी को क्या पता? ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल में सामने आया जब एक गाय ने कर और उसके नर्सिंग स्टाफ ने लापरवाही करते हुए डिलीवरी के लिए आई महिला के पेट में कपड़ा और गिलास छोड़ दिए । जिसके इंफेक्शन से महिला की हालत बिगड़ गई और उसे निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराना पड़ा महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है ।




Body:जानकारी के अनुसार श्रीमती ममता कुशवाहा निवासी ऋषि गालव कॉलेज रोड मुरैना 20 अगस्त को जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती हुई थी और उसी दिन उसने एक बच्ची को जन्म दिया उस समय महिला को उपचार दे रहे ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने प्रसूता ममता कुशवाहा के पेट में कपड़ा और ग्लैप्स छोड़ दिए एवं 2 दिन बाद महिला को गंभीर की अस्पताल से छुट्टी हो गई लेकिन तीन-चार दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ने लगी उसके शरीर से बदबू आने लगी और पैसा वाद की परेशानी बढ़ी तो परिजनों ने महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां महिला ममता की जांच में जो सामने आया उसे देख कर डॉक्टर और परिजन भौचक्के रह गए । महिला के पेट मे कॉटन पट्टी यानी कपड़ा और गलेप्स दिखाई दुये । डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर महिला के पेट से कपड़ा और ग्लैप्स निकाले । महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है ।


Conclusion:पीड़ित महिला ममता कुशवाहा और उसके परिजनों का संकट अभी भी कम नहीं हुआ ऑपरेशन के तुरंत बाद डॉक्टर ने जब परिजनों को ऑपरेशन का बिल थमाया तो उनके पास इतने पैसे ही नहीं थे परिणाम स्वरूप निजी अस्पताल ने भी महिला की कुछ समय बाद छुट्टी कर दी तब परिजन उपचार की मदद के लिए पीड़ित को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचे जहां कलेक्टर ने उन्हें उपचार का आश्वासन देते हुए दोषी ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के विरुद्ध संबंधित अधिकारियों को जांच के निर्देश देते हुए कार्यवाही करने की बात कही है ।

बाईट 1 - श्रीमती ममता कुशवाह - पीड़ित महिला
बाईट 2- श्रीमती प्रियंकदास , कलेक्टर मुरैना
Last Updated : Aug 28, 2019, 9:58 AM IST
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