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मुरैना: कृषि कानून के खिलाफ 25 सितंबर को सड़कों पर उतरेगी माकपा, हजारों किसान होंगे शामिल

कैलारस तहसील में माकपा पार्टी द्वारा वामपंथी नेता बहादुर सिंह धाकड़ की स्मृति में आयोजित विशाल संकल्प सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान फैसला किया गया कि कृषि कानून के विरोध में 25 सितंबर से आंदोलन किया जाएगा. पढ़िए पूरी खबर...

Farmers will take to the streets on September 25 against the law made by the government
मुरैना: सरकार द्वारा बनाए गए कानून के खिलाफ 25 सितंबर को सड़कों पर उतरेगा किसान
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Published : Sep 19, 2020, 2:40 AM IST

मुरैना। कैलारस तहसील में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने वामपंथी नेता बहादुर सिंह धाकड़ की स्मृति में आयोजित विशाल संकल्प सभा का आयोजन किया गया. सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना काल का अवसर के रूप में उपयोग करते हुए खेती किसानी पर हमला किया है. मंडी व्यवस्था समाप्त करने, ठेका खेती लागू करने, जमाखोरी को छूट देने संबंधी कानून संसद में पारित किए गए हैं, इससे बदहाल होते किसान और तबाह हो जाएंगे और बर्बाद होती खेती नष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ हरियाणा, पंजाब ,उत्तर प्रदेश सहित देशभर के किसान 25 सितंबर को जुझारू आंदोलन करेंगे.

संकल्प सभा को संबोधित करते हुए समाजवादी नेता, पूर्व विधायक, चंबल विकास समिति के संयोजक बाबू सूबेदार सिंह ने कहा कि हमने और धाकड़ ने मिलकर गरीबों, श्रमिकों के लिए संघर्ष किया है. जब मैं सत्ता में था तब भी साथी धाकड़ के साथ जेल में रहा और सरकार को श्रमिकों की समस्याएं मनवाने के लिए बाध्य किया. वर्तमान सरकार पूंजीपति व सामंती गठबंधन की सत्ता है, हमें इसे हटाना होगा.

सभा को मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने संबोधित करते हुए स्थानीय मुद्दे उठाए. जिनमें शक्कर मिल, आवास, धारकों को अधिकार, दुकानदारों का पुनर्वास, नपा द्वारा बढ़ाई गई कर वृद्धि वापस लेने, चंबल एक्सप्रेस वे में किसानों को जमीन का मुआवजा देने संबंधी मामले शामिल थे.

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्षा सुमन शर्मा ने सरकार की नाकामी व महिलाओं की स्थिति पर बोलते हुए महिलाओं से आगे आने की अपील की है. माकपा पार्टी सद्स्यों ने कोरोना काल में जनता की तकलीफों को रेखांकित किया.

मुरैना। कैलारस तहसील में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने वामपंथी नेता बहादुर सिंह धाकड़ की स्मृति में आयोजित विशाल संकल्प सभा का आयोजन किया गया. सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने कहा कि मोदी सरकार ने कोरोना काल का अवसर के रूप में उपयोग करते हुए खेती किसानी पर हमला किया है. मंडी व्यवस्था समाप्त करने, ठेका खेती लागू करने, जमाखोरी को छूट देने संबंधी कानून संसद में पारित किए गए हैं, इससे बदहाल होते किसान और तबाह हो जाएंगे और बर्बाद होती खेती नष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ हरियाणा, पंजाब ,उत्तर प्रदेश सहित देशभर के किसान 25 सितंबर को जुझारू आंदोलन करेंगे.

संकल्प सभा को संबोधित करते हुए समाजवादी नेता, पूर्व विधायक, चंबल विकास समिति के संयोजक बाबू सूबेदार सिंह ने कहा कि हमने और धाकड़ ने मिलकर गरीबों, श्रमिकों के लिए संघर्ष किया है. जब मैं सत्ता में था तब भी साथी धाकड़ के साथ जेल में रहा और सरकार को श्रमिकों की समस्याएं मनवाने के लिए बाध्य किया. वर्तमान सरकार पूंजीपति व सामंती गठबंधन की सत्ता है, हमें इसे हटाना होगा.

सभा को मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक तिवारी ने संबोधित करते हुए स्थानीय मुद्दे उठाए. जिनमें शक्कर मिल, आवास, धारकों को अधिकार, दुकानदारों का पुनर्वास, नपा द्वारा बढ़ाई गई कर वृद्धि वापस लेने, चंबल एक्सप्रेस वे में किसानों को जमीन का मुआवजा देने संबंधी मामले शामिल थे.

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला अध्यक्षा सुमन शर्मा ने सरकार की नाकामी व महिलाओं की स्थिति पर बोलते हुए महिलाओं से आगे आने की अपील की है. माकपा पार्टी सद्स्यों ने कोरोना काल में जनता की तकलीफों को रेखांकित किया.

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