मुरैना। मुरैना में एक तरफ कोरोना कहर बरपा रहा है, तो दूसरी तरफ आम जनता गलतियां करने से बाज नहीं आ रही. अनलॉक के बाद तो यहां के लोग सोशल डिस्टेसिंग भूल ही गए हैं. शहर में जगह-जगह गदंगी पसरी है, न तो नगर-निगम साफ-सफाई पर ध्यान दे रहा है और न ही मुरैना के लोग, आलम यह है कि सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पान, तंबाकू थूकने से लोग बाज नहीं आ रहे हैं.
मुरैना में गदंगी किस तरह फैली है, इसका एक नजारा हम आपकों दिखाते हैं. यह मुरैना के नगर-निगम का मुख्यालय है, जहा प्रवेश करते ही सीढ़ियों पर पान की पीक पड़ी है, कुछ ऐसे ही हालात मुरैना के जिला अस्पताल में भी है. जहां जगह-जगह गदंगी पसरी है. जबकि शहर के सार्वजनिक स्थानों का भी यही हाल है.
लोग नहीं बरत रहे सावधानी
ऐसे में जब गदंगी पर ही नियंत्रण नहीं होगा, तो कोरोना को कैसे नियंत्रित किया जाएगा. जानकारों का कहना है कि कोरोना सबसे ज्यादा संक्रमित व्यक्ति के लार में पाया जाता है. ऐसे में बीड़ी, सिगरेट, पान, गुटखा, तंबाकू सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से कोरोना फैलने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है.
विशेषज्ञों की मानें तो जिन मापदंडों को आईसीएमआर और डब्ल्यूएचओ के नियमों का सबसे ज्यादा पालन करने की बात कही गई थी. मुरैना में सबसे ज्यादा उन्ही नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है.
सार्वजनिक प्याऊ, शौचालय सहित अन्य जगहों पर न तो लोग सावधानी बरत रहे हैं और न यहां साफ-सफाई हो रही है. हालांकि प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए अब तक तीन सौ से ज्यादा लोगों पर चालानी कार्रवाई की है. ताकि लोग सावधानी बरते. लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी लोग लावपरवाही बरत रहे हैं.
बड़ा सवाल यह है कि मुरैना की पब्लिक कोरोना पर गंभीर नजर नहीं आ रही. बारिश का मौसम आने से गंदगी और बढ़ रही है. जबकि शहर के सार्वजनिक स्थलों पर भी लोग सावधानी नहीं बरत रहे. ऐसे में खतरा और बढ़ सकता है. मुरैना में अगर जल्द से जल्द गंदगी पर कंट्रोल नहीं किया गया तो कोरोना सहित मौसमी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ सकता है.