मुरैना। प्रदेश और शहर में लगातार बारिश से चंबल नदी उफान पर है प्रशासन ने 89 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है. और 11 से अधिक गांवों को खाली कराने का पुलिस को निर्देश भी दिए हैं. लेकिन जमीनी हकीकत तो यह कि गांव वाले खुद अपने घरों से सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं. हालात तो ये है कि गांव वाले अपने ट्रैक्टरों और जुगाड़ की झोपडियों में रहने को मजबूर हैं, वहीं आसपास के गांवों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब बड़ा सवाल यह है कि पुलिस और प्रशासन एक दो जगह पहुंचकर सारे इंतजाम करने के दावे कर रहा है, तो बाकी जगहों पर इंतजाम और कर्मचारी क्यों दिखाई नहीं दे रहे हैं.
प्रशासन के दावों की खुली पोल, ग्रामीणों का रेस्क्यू नहीं कर पा रहा प्रशासन
जिले में भारी बारिश के चलते चंबल नदी इन दिनों उफान पर है, जिसके कारण कई गांवों में पानी भर गया है. और प्रशासन के दावों की पोल यहां खुलती हुई नजर आ रही है.
मुरैना। प्रदेश और शहर में लगातार बारिश से चंबल नदी उफान पर है प्रशासन ने 89 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है. और 11 से अधिक गांवों को खाली कराने का पुलिस को निर्देश भी दिए हैं. लेकिन जमीनी हकीकत तो यह कि गांव वाले खुद अपने घरों से सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं. हालात तो ये है कि गांव वाले अपने ट्रैक्टरों और जुगाड़ की झोपडियों में रहने को मजबूर हैं, वहीं आसपास के गांवों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब बड़ा सवाल यह है कि पुलिस और प्रशासन एक दो जगह पहुंचकर सारे इंतजाम करने के दावे कर रहा है, तो बाकी जगहों पर इंतजाम और कर्मचारी क्यों दिखाई नहीं दे रहे हैं.
Body:वीओ1 - एसपी और जिला पंचायत सीईओ ने आज इलाके के एक गांव का दौरा किया,,उनके अनुसार अधिकारीयो और कर्मचारीयो को तैनात कर दिया गया है ,,,इलाके में एलर्ट जारी किया गया है और जिन गांवो में पानी भर गया है वहां से गा्रमीणो को सुरक्षित स्थानो पर पहुंचाया जा रहा है।
बाइट1 - तरुण भटनागर --------- सीईओ जिला पंचायत
वीओ2 - ये तो हो गया प्रषासन और पुलिस के अनुसार बाढ से निपटने के इंतजाम की कहानी,,पर जमीनी हकीकत अब हम आपको बताते नही ,दिखाते है। ये ग्रामीण खुद घरो में पानी भरने के बाद अपने सामान को निकाल रहे है,,उसके बाद दूसरी तस्वीर देखिए ,,ये लोग अपने ट्रेक्टरो ,और खेतो में झोपडी बनाकर या तिरवाल लगाकर रहने को मजबूर है,,बच्चे बूठे सभी तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर है। फसले बर्बाद हो चूकी है।
बाइट - रघुवीर सिंह -------- ग्रामीण
बाइट2 - रघुवीर सिंह ग्रामीण
Conclusion:वीओ3- अब ये दौ तस्वीरे हमने आपके सामने पेष की,,जिसमें एक तस्वीर में एसपी,सीईओ एक गांव में जाकर पूरे इलाको का दौरा करने और सभी इंतजाम करने के दावे कर रहे है,,वही दूसरी तस्वीर में हमने आपको दिखाया कि किस तरह से खुद गा्रमीण घरो से सामान निकालकर खेतो में तिरपाल के नीचे रह रहे है।