मुरैना। मुरैना नगर पालिका के कर्मचारियों ने कूटरचित टेंडर की रसीदों के नंबर का इस्तेमाल कर टेंडर से आने वाली फीस का गबन कर डाला. 11 साल पुराने इस प्रकरण में सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर नगर पालिका के तत्कालीन उपयंत्री सहित चार अन्य कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया है. इन कर्मचारियों कर्मचारियों पर 1 लाख 58 हजार रुपये का गबन किए जाने का आरोप है.
11 साल पुराना है मामला : गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद मुरैना में दो जून 2011 से नौ अगस्त 2011 के बीच टेंडरों के नाम पर आने वाली फीस का कर्मचारियों ने गबन कर दिया था. दरअसल, कर्मचारियों ने नगर पालिका द्वारा जारी किए गए टेंडर फार्म की रसीदों के नंबर डालकर फार्म ब्रिकी कर दिए. जिससे इन टेंडर के एवज में 1 लाख 58 हजार रुपये की राशि कर्मचारियों ने ऐंठ ली. इस बात की जांच की गई तो इसमें नगर पालिका के तत्कालीन उपयंत्री केके शर्मा, उच्च श्रेणी लिपिक शिवचरण डंडौतिया, कर्मचारी रमेश चंद्र वर्मा, दामोदर शर्मा और रामवीर शर्मा के नाम सामन आए.
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एक आरोपी को लोकायुक्त ने पकड़ा : इस मामले में तब कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी. इस पर इस मामले में परिवाद न्यायालय में लगाया गया.न्यायालय ने मामले में एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए. इस पर सिटी कोतवाली थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश के पालन में उपयंत्री केके शर्मा, रमेश चंद्र शर्मा, दामोदर शर्मा, रामवीर शर्मा, शिवचरण डंडौतिया के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है. यहां बता दें कि इस मामले में एक आरोपी कर्मचारी शिवचरण डंडौतिया को लोकायुक्त ने भी पकड़ा था. जिस पर न्यायालय ने उसे दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा भी सुनाई थी. (Case registered in tender fee scam)