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तय समय से 3 दिन पहले ही चुनाव के लिए वाहनों का किया गया अधिग्रहण, बस ऑपरेटर्स हुए परेशान

लंबे रूट की बसों के अधिग्रहण करने से यात्री और वाहन चालक परेशान हो रहे हैं. मुरैना लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान होना है. सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर छतरपुर और पन्ना से अर्धसैनिक बल की 15 कंपनियों को मुरैना लाया जाएगा.

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Published : May 8, 2019, 11:25 AM IST

वाहनों का अधिग्रहण

मुरैना। लोकसभा चुनाव के लिए पुलिस को 9 मई से ट्रक और बसों का अधिग्रहण करना था, लेकिन 3 दिन पहले 6 मई से वाहनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया. इधर बस ऑपरेटरों ने ग्वालियर, धौलपुर और जौरा रूट से अचानक बसों का संचालन बंद कर दिया.

वाहनों का अधिग्रहण

प्रशासन की कार्रवाई के चलते लोग परेशान हो रहे हैं. लंबे रूट की बसों के अधिग्रहण करने से यात्री और वाहन चालक परेशान हो रहे हैं. मुरैना लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान होना है. सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर छतरपुर और पन्ना से अर्धसैनिक बल की 15 कंपनियों को मुरैना लाया जाएगा. पुलिस लाइन में इतनी अधिक फोर्स को लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं है, इसलिए सूबेदार को बसों के अधिग्रहण का काम सौंपा गया.

मंगलवार की सुबह जब पुलिस का दस्ता बसों के अधिग्रहण के लिए सड़कों पर पहुंचा, तो बस मालिकों में खलबली मच गई. बस ऑपरेटरों ने परिवहन विभाग के अफसरों पर सवाल उठाए हुए कहा कि चुनाव के लिए बसों का अधिग्रहण 9 मई से किया जाना था, फिर 6 मई से ही क्यों किया जा रहा है. वहीं परिवहन विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनकी टीम द्वारा बसों का अधिग्रहण नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई के दौरान ऑपरेटरों ने रूट से बसें हटा लीं. इस कार्रवाई के दौरान कई लेबर, यात्री और वाहन चालक परेशान हुए.

बता दें कि मतदान दलों को पोलिंग बूथों तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा 450 बसों का अधिग्रहण किया जाएगा. फोर्स के लिए 250 चारपहिया वाहन अधिग्रहण किए जाने हैं. 153 चारपहिया वाहन जीपीएस लगाने के लिए अधिग्रहण किए जाने हैं. मास्टर ट्रेनों की ब्लॉक मुख्यालयों पर भेजने के लिए 10 मई को 54 चार पहिया वाहन पकड़े जाने हैं. ट्रक के अधिग्रहण का जिम्मा पुलिस को सौंपा गया है.

मुरैना। लोकसभा चुनाव के लिए पुलिस को 9 मई से ट्रक और बसों का अधिग्रहण करना था, लेकिन 3 दिन पहले 6 मई से वाहनों का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया. इधर बस ऑपरेटरों ने ग्वालियर, धौलपुर और जौरा रूट से अचानक बसों का संचालन बंद कर दिया.

वाहनों का अधिग्रहण

प्रशासन की कार्रवाई के चलते लोग परेशान हो रहे हैं. लंबे रूट की बसों के अधिग्रहण करने से यात्री और वाहन चालक परेशान हो रहे हैं. मुरैना लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान होना है. सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनजर छतरपुर और पन्ना से अर्धसैनिक बल की 15 कंपनियों को मुरैना लाया जाएगा. पुलिस लाइन में इतनी अधिक फोर्स को लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं है, इसलिए सूबेदार को बसों के अधिग्रहण का काम सौंपा गया.

मंगलवार की सुबह जब पुलिस का दस्ता बसों के अधिग्रहण के लिए सड़कों पर पहुंचा, तो बस मालिकों में खलबली मच गई. बस ऑपरेटरों ने परिवहन विभाग के अफसरों पर सवाल उठाए हुए कहा कि चुनाव के लिए बसों का अधिग्रहण 9 मई से किया जाना था, फिर 6 मई से ही क्यों किया जा रहा है. वहीं परिवहन विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनकी टीम द्वारा बसों का अधिग्रहण नहीं किया जा रहा है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि पुलिस की कार्रवाई के दौरान ऑपरेटरों ने रूट से बसें हटा लीं. इस कार्रवाई के दौरान कई लेबर, यात्री और वाहन चालक परेशान हुए.

बता दें कि मतदान दलों को पोलिंग बूथों तक पहुंचाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा 450 बसों का अधिग्रहण किया जाएगा. फोर्स के लिए 250 चारपहिया वाहन अधिग्रहण किए जाने हैं. 153 चारपहिया वाहन जीपीएस लगाने के लिए अधिग्रहण किए जाने हैं. मास्टर ट्रेनों की ब्लॉक मुख्यालयों पर भेजने के लिए 10 मई को 54 चार पहिया वाहन पकड़े जाने हैं. ट्रक के अधिग्रहण का जिम्मा पुलिस को सौंपा गया है.

Intro:एंकर - लोकसभा चुनाव के लिए पुलिस ने 9 मई के बजाय 6 मई से ही ट्रक व बसों का अधिग्रहण शुरू कर दिया। धरपकड़ के लिए कार्रवाई शुरू की तो बस ऑपरेटरों ने ग्वालियर, धौलपुर व जौरा रूट से अचानक बसों का संचालन बंद कर दिया। इससे विवाह शादियों में जा रहे लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही बसों के अधिग्रहण का नियम टूटने से मोटर मालिकों मैं भी नाराजगी है।साथ ही लंबे रुट की बसों को अधिग्रहण करने से यात्री व वाहन चालक परेशान हो रहे है।




Body:वीओ - 12 मई को मतदान के दिन सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन को छतरपुर व पन्ना से अर्ध सैनिक बल को 15 कंपनियां फोर्स मुरैना लाना है। पुलिस लाइन में इतना अधिक फोर्स को लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था नहीं है। इसलिए सूबेदार को बसों के अधिग्रहण का काम सौंपा गया। मंगलवार की सुबह 7 बजे पुलिस का दस्ता बसों के अधिग्रहण के लिए सड़कों पर पहुंचा तो बस मालिकों में खलबली मच गई। बस ऑपरेटरों ने परिवहन विभाग के अफसरों से सवाल किए कि चुनाव के लिए बसों का अधिग्रहण 9 मई से किया जाना था तो 6 मई से ही क्यों पकड़ा जा रहा है। परिवहन विभाग के अफसर बोले कि हमारी तो कोई टीम बसों का अधिग्रहण नहीं कर रही है। हो सकता है कि वह पुलिस की कार्रवाई को इसके बाद ऑपरेटरों ने रुट से बसें हटा ली।बसें न मिलने से पुलिस ने ट्रक व लोडिंग वाहन पकड़ना शुरू कर दिया।इस कार्यवाई के दौरान कई यात्री,लेबर व वाहन चालक परेशान हुए।

बाईट1 - रामधार सिंह - लोडिंग वाहन चालक।
बाईट2 - ब्रजेश - चालक
बाईट3 - अशोक सोनी - बस चालक।




Conclusion:वीओ - 11 मई को मतदान दल मतदान केंद्रों पर पहुंचाया जा सके। इसके लिए परिवहन विभाग 450 बसों का अधिग्रहण करेगा फोर्स के लिए 250 चार पहिया वाहन अधिग्रहण किए जाने हैं। 153 फोर व्हीलर जीपीएस लगाने के लिए अधिग्रहण किए जाने हैं मास्टर ट्रेनों की ब्लॉक मुख्यालयों पर भेजने के लिए 10 मई को 54 फोर व्हीलर वाहन पकड़े जाने है।ट्रक पकड़े का जिम्मा पुलिस को सौंपा गया है।
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