मुरैना। दिमनी थाना क्षेत्र के सिरमौर का पुरा गांव से हुए फौजी के बेटे के अपहरण की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा दिया. फौजी के बेटे ने अपने पिता से 10 लाख रुपये वसूलने के लिए खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची. ग्वालियर के एक होटल के सुसज्जित कमरे में बैठकर खुद के फोन से ही आवाज बदलकर अपने पिता से फिरौती मांगी.
कैसे हुआ खुलासा
मंदिर के पास प्रिंस तोमर बाइक खड़ा करके जा रहा था तब, पुजारी ने उसे टोका तो प्रिंस यह कहकर वहां से चला गया कि कुछ सामान बाइक से गिर गया, उसे लेने जा रहा हूं. इसके बाद पुलिस ने प्रिंस के मोबाइल लोकेशन का पता लगाया जो पहले धौलपुर और फिर ग्वालियर मिली. पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास स्थित होटल के कमरे से प्रिंस को खोज निकाला.
एसपी अनुराग सुजानिया ने बताया कि प्रिंस ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रची. बाइक को सड़क किनारे खड़ा करके वह पहले बस से धौलपुर और वहां से ट्रेन के जरिए ग्वालियर आया और अपने ही मोबाइल से पिता के पिता को फोन लगाया और विनोद उपाध्याय बनकर फिरौती मांगी.
एसपी सुजानिया ने बताया कि प्रिंस तोमर मोबाइल पर ऑनलाइन जुआ खेलता था. योया एप पर गिफ्ट एवं काइन जमा करने के लिए उसने पिता के खाते से 5 लाख 70 हजार रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया था. लेकिन जब पिता लौटे तो वह डर गया और वो पैसे पिता के अकाउंट में वापस डालने के लिए ये पूरा प्लान रचा.
बीएसएफ जवान के बेटे ने पूंछतांछ में बताया कि ऑनलाइन जुआ खेलने की बात पकड़े जाने का डर था, इसलिए उसने पहले घर से भागने की योजना बनाई. लेकिन धौलपुर पहुंचने के बाद उसने घर से भागने की बजाय अपहरण की कहानी रचकर पिता से ही रुपये वसूलने और उनके से 5 लाख रुपये वापस पिता के खाते में जमा कराने की योजना बनाई थी.
क्या था मामला
सिरमोर का पुरा निवासी अनोद सिंह तोमर बीएसएफ में एसआई के पद पर हैं और बिहार के किशनगंज में पदस्थ हैं. 10 महीने बाद वह शनिवार को 40 दिन की छुट्टी पर घर आए थे. शनिवार को ही फौजी अनोद सिंह का 18 वर्षीय बेटा प्रिंस तोमर गायब हो गया था. गांव से एक किमी दूर मणिसिद्ध मंदिर के पास उसकी बाइक लावारिश हालत में मिली. कुछ देर बाद फौजी के पास फोन आया, जिसने प्रिंस तोमर के अपहरण की बात बताते हुए 10 लाख की फिरौती मांगी थी.