मुरैना। पोरसा थाना क्षेत्र के नंदपुरा गांव में एक बीएससी के छात्र के साथ दो घंटों तक बंधक बनाकर मारपीट का मामला सामने आया है, छात्र का आरोप है कि वे मोबाइल पर बात करते हुए जा रहा था तभी दो पुलिस वालों ने उसका मोबाइल छीन लिया जब उसने मोबाइल छीनें जाने का कारण पूछा, तो पुलिस वालों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. जिसमें उसकों गम्भीर चोटे आई हैं, जबकि छात्र की न तो थाने में शिकायत दर्ज हुई और नहीं अस्पताल में इलाज किया गया. जिसके बाद पीड़ित छात्र ने एसपी से शिकायत की है. जिस पर एसपी ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए है.
पुलिस ने की छात्र की बेरहमी से पिटाई, एसपी दिया कार्रवाई का आश्वासन
मुरैना में पुलिस की गुंडागर्दी का मामला सामने आया हैं. जहां पुलिस ने छात्र को पीट-पीट कर घायल कर दिया. छात्र ने मामले की शिकायत एसपी से की हैं.
मुरैना। पोरसा थाना क्षेत्र के नंदपुरा गांव में एक बीएससी के छात्र के साथ दो घंटों तक बंधक बनाकर मारपीट का मामला सामने आया है, छात्र का आरोप है कि वे मोबाइल पर बात करते हुए जा रहा था तभी दो पुलिस वालों ने उसका मोबाइल छीन लिया जब उसने मोबाइल छीनें जाने का कारण पूछा, तो पुलिस वालों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी. जिसमें उसकों गम्भीर चोटे आई हैं, जबकि छात्र की न तो थाने में शिकायत दर्ज हुई और नहीं अस्पताल में इलाज किया गया. जिसके बाद पीड़ित छात्र ने एसपी से शिकायत की है. जिस पर एसपी ने जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए है.
Body:वीओ1 - पूरा घटना क्रम नंदपुरा गांव का है जहां पर क्राइम ब्रांच की टीम रविवार को किसी अपराधी को पकड़ने के लिए बाकी फोर्स के साथ गई हुई थी। वहीं पर छात्र आलोक तोमर अपने खेतों पर से लौट कर घर की ओर जा रहा था और मोबाइल पर बात कर रहा था। जिसे क्राइम ब्रांच के सिपाही मंगल गुर्जर और सचिन ने रोका और उसका मोबाइल मांगा। जिसका कारण पूछने पर ही पुलिस वालों को अपनी बेज्जती महसूस हुई और बस फिर क्या था। पहले उसे वहीं मारा और फिर गाड़ी में डालकर बाकी सिपाहियों ने भी उस पर हाथ साफ किया 2 घंटे तक गाड़ी में डालकर घुमाते रहे और मारते रहे। जिसके बाद उसे अधमरी हालत में छोड़ गए।
बाइट1 - आलोक तौमर - पीड़ित छात्र
वीओ2 - पीड़ित की पोरसा थाने में तो सुनवाई ही नहीं हुई,यहां तक कि अस्पताल में डॉक्टरों ने भी इलाज करने से मना कर दिया। जिसके बाद उसने एसपी से मामले की शिकायत की है। जिस पर एसपी जांच के बाद आगे की कार्रवाई की बात कह रहे है।
बाइट2 - असित यादव - एसपी मुरैना।
Conclusion:वीओ3 - इसे पुलिस वालों का फस्ट्रेशन कहें या फिर पुलिसिया रौब या फिर ऐसे पुलिस वालों को पुलिस वाला गुंडा। इस घटना के बाद यह सभी बातें पुलिस पर सटीक बैठ रही है। मारपीट हुई वो तो एक बात है,थाने में बिना कार्रवाई के भगा दिया। ये भी एक बड़ा मामला है। अब देखना यही है कि पुलिस वालों के ऊपर उनकी विभागीय जांच कब तक होती है और जांच में पीड़ित को इंसाफ मिलता है या नहीं।