मुरैना। जिले की प्राचीन गढ़ी के पास बनी खाई में मकान बनाने के लिए खुदाई की जा रही है. खुदाई के दौरान एक प्राचीन मूर्ति खंड मिला है. प्रतिमा खंड मिलने के लगभग सप्ताह भर बाद भी प्रशासनिक अमले और पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने ना तो इसकी जांच करना उचित समझा और ना ही इस मूर्ति को पुरातत्व विभाग ने अभी तक अपने कब्जे में लिया है. जबकि मूर्ति परीक्षण से प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के कई रहस्य उजागर हो सकते हैं. प्रतिमा खंड को फिलहाल जैन मंदिर में रखवाया गया है.
नगर के मध्य स्थित प्राचीन गढ़ी के पास मकान निर्माण के लिए की जा रही खुदाई में लगभग 4 फीट लंबा और 2 फीट चौड़ा एक प्रतिमा खंड मिला है. इस पर महीन नक्काशी के साथ मेहरा और कुछ मूर्तियां बनी हुई हैं. देखने में यह किसी विशाल मूर्ति का हिस्सा लगता है. मूर्ति की नक्काशी बहुत सुंदर और खजुराहो शैली पर आधारित बताई जा रही है. देखने में ये विशाल प्रस्तर खंड किसी मूर्ति का शिखर प्रतीत होता है.
मूर्ति खंड सैकड़ों वर्ष पुराना बताया जा रहा है, साथ ही इसका पुरातात्विक महत्व भी है. प्राचीन काल की सैकड़ों साल पुरानी मूर्ति मिलने से सभी हैरत में हैं. मूर्ति को देखने पर इसके जैन धर्म से जुड़े होने की संभावना भी कुछ लोग व्यक्त कर रहे हैं. जमीन के करीब दो- तीन फीट नीचे प्राचीन प्रतिमा मिली है. मूर्ति एक ही पत्थर को तराशकर बनाई गई है. बता दें कि, ये क्षेत्र प्राचीन समय में राजा और उनके सरदारों का निवास हुआ करता था, जिसे गढ़ी के नाम से जाना जाता है. प्राचीन गढ़ी के आसपास मूर्ति मिलने के कारण यहां किसी प्राचीन सभ्यता के अवशेष होने की संभावना है, हालांकि अभी तक पुरातत्व विभाग की टीम ने यहां पहुंच कर कोई जांच पड़ताल नहीं की है.