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मुरैना: कृषि उपज मंडी की अनियमितताओं को लेकर जिला प्रशासन सख्त, FIR दर्ज

फसल खरीदी में हो रही अनियमितताओं पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है साथ ही अधिकारी से कारण बताओ नोटिस भी मांगा गया है. जिसमें मृगपुरा और नितेहरा में सहकारी संस्थाओं में अनियमितताएं सामने आई थी.

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Published : May 30, 2019, 8:19 PM IST

निरीक्षण के दौरान प्रशासन

मुरैना। किसानों से समर्थन मुल्य पर खरीदी में हो रही अनियमितताओं पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही नोडल अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. कुछ दिन पहले पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रदुम्न सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें मृगपुरा और नितेहरा में सहकारी संस्थाओं में अनियमितताएं सामने आई थी.

निरीक्षण के दौरान प्रशासन

निरीक्षण के दौरान सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा और सेवा सहकारी संस्था नितेहरा किसानों से समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी कर रहा था. खरीदी के समय 50 किलो 8 सौ ग्राम कुल वजन तौला जाना था, लेकिन समिति प्रबंधक किसानों को गुमराह कर उनसे अधिक तौल कर रहे थे. जिससे किसानों के साथ ठगी की जा रही थी, इसको लेकर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर को संबंधित समिति प्रबंधकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा को राजनीतिक दबाव के चलते क्लीन चिट दे दी. तो वहीं नोडल अधिकारी और खाद्य विभाग के निरीक्षक जो सतत निगरानी के लिए तैनात किए गए थे. उन्हें सिर्फ औपचारिक नोटिस देकर छोड़ दिया गया, इससे कहीं ना कहीं स्पष्ट है कि किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी में समिति प्रबंधकों के साथ प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भी संलिप्त हैं.

मुरैना। किसानों से समर्थन मुल्य पर खरीदी में हो रही अनियमितताओं पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है. साथ ही नोडल अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. कुछ दिन पहले पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रदुम्न सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें मृगपुरा और नितेहरा में सहकारी संस्थाओं में अनियमितताएं सामने आई थी.

निरीक्षण के दौरान प्रशासन

निरीक्षण के दौरान सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा और सेवा सहकारी संस्था नितेहरा किसानों से समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी कर रहा था. खरीदी के समय 50 किलो 8 सौ ग्राम कुल वजन तौला जाना था, लेकिन समिति प्रबंधक किसानों को गुमराह कर उनसे अधिक तौल कर रहे थे. जिससे किसानों के साथ ठगी की जा रही थी, इसको लेकर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कलेक्टर को संबंधित समिति प्रबंधकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा को राजनीतिक दबाव के चलते क्लीन चिट दे दी. तो वहीं नोडल अधिकारी और खाद्य विभाग के निरीक्षक जो सतत निगरानी के लिए तैनात किए गए थे. उन्हें सिर्फ औपचारिक नोटिस देकर छोड़ दिया गया, इससे कहीं ना कहीं स्पष्ट है कि किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी में समिति प्रबंधकों के साथ प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भी संलिप्त हैं.

Intro:किसानों से अधिक उपज देने वाले समिति प्रबंधक के विरुद्ध प्रशासन ने दर्ज कराई एफआईआर । वही 3 नोडल अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है , कि उन्होंने किसानों से ली जा रही अधिक उपज की रिपोर्ट उन्होंने प्रशासन को क्यों नहीं दी। ज्ञात हो कि 2 दिन पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रदुमन सिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी का औचक निरीक्षण किया था । जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई , जिसे लेकर मंत्री ने दोषी समिति प्रबंधकों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए थे ।


Body:निरीक्षण के दौरान सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा और सेवा सहकारी संस्था नितेहरा द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर कृषि उपज की खरीदी की जा रही थी , खरीदी के समय 50 किलो 800 ग्राम कुल भजन तोला जाना था लेकिन समिति प्रबंधक किसानों को गुमराह कर उनसे अधिक टोल कर रहे थे । जो निरीक्षण के अधिक तोल मिला , जिससे किसानों के साथ ठगी की जा रही थी इसको लेकर मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कलेक्टर को संबंधित समिति प्रबंधकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए कलेक्टर मुरैना के निर्देश पर एन ए एन के प्रबंधक द्वारा सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा को राजनीतिक प्रभाव के चलते सेवा सहकारी संस्था के कार्यवाही से मुक्त कर दिया, जो प्रशासन की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई को दर्शाती है यही नहीं इससे यह भी स्पष्ट है किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी का सिलसिला अभी भी जारी रहेगा ।


Conclusion:वही कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास ने सेवा सहकारी संस्था मृगपुरा को राजनीतिक दबाव के चलते क्लीन चिट दे दी । तो वही नोडल अधिकारी और खाद्य विभाग के निरीक्षक जो सतत निगरानी के लिए तैनात किए गए थे को सिर्फ औपचारिक नोटिस देकर छोड़ दिया इससे कहीं ना कहीं स्पष्ट है कि किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी मैं समिति प्रबंधकों के साथ प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी भी संलिप्त है ।
बाईट - श्रीमती प्रियंका दास - कलेक्टर
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