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आत्महत्या की जांच में सामने आया रेप का मामला, परिजन ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का लगाया आरोप - rape case

मुरैना के कैलारस में कन्या छात्रावास में एक नाबालिक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. मामले की जांच में छात्रा के साथ रेप होने का खुलासा हुआ है. मृतिका के परिजन का आरोप है कि पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रही है.

नाबालिक के आत्महत्या की जांच में रेप का मामला आया सामने, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
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Published : Sep 22, 2019, 8:34 PM IST

मुरैना। जिले के कैलारस इलाके में 8 महीने पहले कन्या छात्रावास में 9वीं की छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. घटना 22 जनवरी की है जब 9वीं की छात्रा ने कन्या छात्रावास के रुम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस की जांच कछुए की चाल से चलते हुए अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. मृतिका के परिजन न्याय के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं.

नाबालिक के आत्महत्या की जांच में रेप का मामला आया सामने, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

नाबालिक के नाना के मुताबिक जांच में रेप की बात सामने आई है, उसके बाद भी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है. पुलिस अधिकारी जैसे ही जांच में रुचि लेते हैं, उनका तबादला कर दिया जाता है, जिसके कारण मामला लटकता जा रहा है. छात्रा के परिजन पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान हैं और न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं.

मामला गंभीर होने के बाद भी जांच में जुटी पुलिस और अधिकारी हॉस्टल के कर्मचारी और अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है. परिजन ने हॉस्टल के पुलिस सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हॉस्टल में किसी युवक का आना-जाना लगा रहता था, जिसके साथ छात्रा संपर्क में थी. उस लड़के को पकड़कर उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. बाकी छात्रावास के कर्मचारी और अधिकारियों का भी अगर जरुरत पड़ी तो उनका भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि पुलिस किस बात का इंतजार कर रही है.

मुरैना। जिले के कैलारस इलाके में 8 महीने पहले कन्या छात्रावास में 9वीं की छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. घटना 22 जनवरी की है जब 9वीं की छात्रा ने कन्या छात्रावास के रुम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस की जांच कछुए की चाल से चलते हुए अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. मृतिका के परिजन न्याय के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं.

नाबालिक के आत्महत्या की जांच में रेप का मामला आया सामने, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

नाबालिक के नाना के मुताबिक जांच में रेप की बात सामने आई है, उसके बाद भी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है. पुलिस अधिकारी जैसे ही जांच में रुचि लेते हैं, उनका तबादला कर दिया जाता है, जिसके कारण मामला लटकता जा रहा है. छात्रा के परिजन पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान हैं और न्याय की गुहार लगाते-लगाते थक चुके हैं.

मामला गंभीर होने के बाद भी जांच में जुटी पुलिस और अधिकारी हॉस्टल के कर्मचारी और अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कस पा रही है. परिजन ने हॉस्टल के पुलिस सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हॉस्टल में किसी युवक का आना-जाना लगा रहता था, जिसके साथ छात्रा संपर्क में थी. उस लड़के को पकड़कर उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. बाकी छात्रावास के कर्मचारी और अधिकारियों का भी अगर जरुरत पड़ी तो उनका भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. लेकिन सवाल ये है कि पुलिस किस बात का इंतजार कर रही है.

Intro:एंकर - मुरैना जिले की कैलारस इलाके में 8 महीने पहले कन्या छात्रावास में 9वीं की छात्रा की आत्महत्या की गुत्थी सुलझ नहीं पा रही है। ये घटना 22 जनवरी की है जो की 9वीं की छात्रा ने कैलारस के कन्या छात्रावास में अपने ही रूम में फंसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस की जांच कछुआ की चाल से चलते हुए अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। घटना के समय 9वीं की छात्रा के साथ रेप की बात भी जांच में आग चुकी है पर उसके बाद भी पुलिस की जांच अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अधिकारी अभी भी हॉस्टल के कर्मचारी और अधिकारियों पर शिकंजा नहीं कस पाई। यहां तक कि पुलिस ने अभी तक हॉस्टल के सभी कर्मचारी और अधिकारियों के डीएनए टेस्ट नहीं कराया है। ऐसे में साफ है कि या तो पुलिस जांच करने में असहाय हैं या फिर किसी कारण से जांच पूरी करना ही नही चाह रही है।


Body:वीओ1 - बच्ची के नाना के अनुसार जांच में रेप की बात सामने आने के बाद भी पुलिस की जांच पूरी होने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस अधिकारी जैसे ही जांच में रुचि लेते हैं उनका तबादला कर दिया जाता है और फिर से वह मामला वहीं लटका रह जाता है। मृतिका छात्रा के परिजन पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाकर परेशान है,अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाते लगाते थक चुके है। परिजनों का कहना है कि हमारी कोई सुनवाई नही कर रहा है।जब जांच में रेप की बात साफ है तो आखिर पुलिस सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का डीएनए टेस्ट क्यों नहीं कर रही है।

बाइट - शिव नारायण - परिजन।


वीओ2 - पुलिस के अधिकारियों की मानें तो हॉस्टल में किसी युवक का आना-जाना था। जिससे लड़की संपर्क में थी उस लड़के को पकड़कर उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। बाकी छात्रावास के कर्मचारी और अधिकारियों का भी अगर जरूरत पड़ी तो डीएनए कराया जाएगा। पर बड़ा सवाल यही है कि पुलिस किस बात का इंतजार कर रही है और अगर हॉस्टल में किसी युवक आना जाना था तो उसमें हॉस्टल कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही नहीं है क्या, 9वीं की छात्रा नाबालिक है अगर ऐसे में उसके साथ कुछ हुआ तो वो भी रेप है।

बाइट2 - आशुतोष बागरी - एएसपी मुरैना।


Conclusion:वीओ3 - इस पूरे मामले से साफ है कि इस घटना में हॉस्टल संचालक और वहां के कर्मचारी की बड़ी लापरवाही तो है। आरोपी कोई भी हो पर अगर बाहर से आकर कोई हॉस्टल के अंदर बच्ची के साथ रेप करता है और उसकी मौत होती है तो हॉस्टल कर्मचारी और अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।रही बात इन लोगों की घटना में शामिल होने की या आरोपी होने की तो उसके लिए तो अभी तक उनका डीएनए टेस्ट हो जाना चाहिए था। जिसके लिए पुलिस अभी सिर्फ सोच रही है पुलिस का रवैया मामले को लेकर बहुत ही ढीला है। अब इसके पीछे पुलिसिया अंदाज है या फिर कुछ और ये तो मामले के खुलासे पर ही साफ हो पायेगा।
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