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लापरवाही की हद! मुरैना जिला अस्पताल में धूल खा रहे 8 वेंटिलेटर

मध्य प्रदेश में जहां रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की भारी कमी है, वहीं मुरैना के जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर मशीन धूल खा रही है. इसका कारण यहां वेंटिलेटर चलाने वाले टेक्नीशियन की कमी है.

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टेक्नीशियन के नहीं होने से जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर बंद
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Published : Apr 21, 2021, 4:31 PM IST

मुरैना। कोरोना महामारी में देशभर के अस्पतालों में बेड की कमी है. वेंटिलेटर की कमी है. शासन, प्रशासन या मरीज के परिजन हर कोई अपनों के लिए ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और वेंटिलेटर की व्यवस्था में लगा है. इधर मुरैना के जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर सिर्फ इसलिए बंद पड़े हैं क्योंकि उसे चलाने वाला टेक्नीशियन ही नहीं है. अन्य जिलों के बात छोड़िए मुरैना में ही चार दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 900 पहुंच गई है. जिला अस्पताल में वेंटिलेटर होने के बाद भी क्रिटिकल मरीजों को ग्वालियर रेफर किया जा रहा है क्योंकि अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए टेक्नीशियन नहीं है.

टेक्नीशियन के नहीं होने से जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर बंद

विधायक ने सीएम के लिखा लेटर

इस मामले में राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुरैना के विधायक राकेश मावई ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था. पत्र में विधायक ने जिला अस्पताल में टेक्नीशियन की व्यवस्था करने की मांग की थी लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया. कोरोना संक्रमितों को बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से फोन पर चर्चा की और बंद पड़े वेंटिलेटर के लिए टेक्नीशियन की व्यवस्था करने की मांग की.

कोरोना मरीजों को देख प्रशासन ने फैक्ट्रियों से अधिग्रहण की ऑक्सीजन

डॉक्टर्स की ट्रेनिंग के बाद भी बंद पड़े वेंटिलेटर!

जिला अस्पताल के डॉक्टर्स की माने तो टेक्नीशियन नहीं होने के कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. हालांकि जिला अस्पताल के दो डॉक्टर्स को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन फिर भी यहां वेंटिलेटर बंद क्यों है इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है. वैसे डॉक्टर्स का कहना है कि वो भी जल्द से जल्द वेंटिलेटर शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं.

मुरैना। कोरोना महामारी में देशभर के अस्पतालों में बेड की कमी है. वेंटिलेटर की कमी है. शासन, प्रशासन या मरीज के परिजन हर कोई अपनों के लिए ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और वेंटिलेटर की व्यवस्था में लगा है. इधर मुरैना के जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर सिर्फ इसलिए बंद पड़े हैं क्योंकि उसे चलाने वाला टेक्नीशियन ही नहीं है. अन्य जिलों के बात छोड़िए मुरैना में ही चार दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 900 पहुंच गई है. जिला अस्पताल में वेंटिलेटर होने के बाद भी क्रिटिकल मरीजों को ग्वालियर रेफर किया जा रहा है क्योंकि अस्पताल में वेंटिलेटर के लिए टेक्नीशियन नहीं है.

टेक्नीशियन के नहीं होने से जिला अस्पताल में 8 वेंटिलेटर बंद

विधायक ने सीएम के लिखा लेटर

इस मामले में राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए मुरैना के विधायक राकेश मावई ने कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था. पत्र में विधायक ने जिला अस्पताल में टेक्नीशियन की व्यवस्था करने की मांग की थी लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया. कोरोना संक्रमितों को बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी से फोन पर चर्चा की और बंद पड़े वेंटिलेटर के लिए टेक्नीशियन की व्यवस्था करने की मांग की.

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डॉक्टर्स की ट्रेनिंग के बाद भी बंद पड़े वेंटिलेटर!

जिला अस्पताल के डॉक्टर्स की माने तो टेक्नीशियन नहीं होने के कारण वेंटिलेटर का उपयोग नहीं किया जा रहा है. हालांकि जिला अस्पताल के दो डॉक्टर्स को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन फिर भी यहां वेंटिलेटर बंद क्यों है इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है. वैसे डॉक्टर्स का कहना है कि वो भी जल्द से जल्द वेंटिलेटर शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं.

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