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चंबल नदी से सोन नदी के लिए भेजे गए 27 घड़ियाल, पंजाब से भी आई मांग

मुरैना से 27 घडियालों को सोन घड़ियाल अभ्यारण के लिए भेजा गया, 3 नर और 24 मादा घड़ियाल है शामिल

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Published : Feb 12, 2019, 11:45 PM IST

मुरैना। सोन घड़ियाल अभ्यारण्य के लिए मुरैना के देवरी ईको सेंटर से देर शाम 27 घड़ियालों को सीधी के लिए रवाना किया गया है जिसमें 3 नर घड़ियाल है और 24 मादा घड़ियाल हैं. हालांकि जिस सोन नदी में भी इन घड़ियालों को भेजा जा रहा है वहां भी इनका बसेरा है, लेकिन चंबल की तुलना में सोन नदीं में घड़ियालों की संख्या काफी कम है. ऐसे में घड़ियालों की संख्या को संतुलित करने के लिए देवरी ईको सेंटर से 30 घड़ियाल उपलब्ध कराने की मांग की गई थी.

चंबल नदी से सोन नदी के लिए भेजे गए 27 घड़ियाल
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इसके बाद 30 घड़ियालों को चंबल नदी से सोन नदी में भेजने की इस डिमांड को प्रधान मुख्य वन सरंक्षक भोपाल के पास भेज दिया गया था. जहां अब इस मांग को स्वीकार करते हुए 27 घड़ियालों के ट्रांसलोकेशन अनुमति दे दी गई.

वहीं पंजाब की व्यास नदी के लिए भी पंजाब सरकार की तरफ से ऐसी मांग आई है. जिस पर अनुमति मिलने के बाद व्यास नदी के लिए भी मुरैना से घड़ियाल भेजे जा सकते हैं. आपको बता दें कि, एक समय ऐसा भी था जब घडियालों की प्रजाति पर ही अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा था. हालांकि अब घड़ियाल सेंचुरी में किए जा रहे प्रयासों के चलते इनकी प्रजाति फल-फूल रही है. अब चंबल के घड़ियाल प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी भेजे जा रहे हैं.

मुरैना। सोन घड़ियाल अभ्यारण्य के लिए मुरैना के देवरी ईको सेंटर से देर शाम 27 घड़ियालों को सीधी के लिए रवाना किया गया है जिसमें 3 नर घड़ियाल है और 24 मादा घड़ियाल हैं. हालांकि जिस सोन नदी में भी इन घड़ियालों को भेजा जा रहा है वहां भी इनका बसेरा है, लेकिन चंबल की तुलना में सोन नदीं में घड़ियालों की संख्या काफी कम है. ऐसे में घड़ियालों की संख्या को संतुलित करने के लिए देवरी ईको सेंटर से 30 घड़ियाल उपलब्ध कराने की मांग की गई थी.

चंबल नदी से सोन नदी के लिए भेजे गए 27 घड़ियाल
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इसके बाद 30 घड़ियालों को चंबल नदी से सोन नदी में भेजने की इस डिमांड को प्रधान मुख्य वन सरंक्षक भोपाल के पास भेज दिया गया था. जहां अब इस मांग को स्वीकार करते हुए 27 घड़ियालों के ट्रांसलोकेशन अनुमति दे दी गई.

वहीं पंजाब की व्यास नदी के लिए भी पंजाब सरकार की तरफ से ऐसी मांग आई है. जिस पर अनुमति मिलने के बाद व्यास नदी के लिए भी मुरैना से घड़ियाल भेजे जा सकते हैं. आपको बता दें कि, एक समय ऐसा भी था जब घडियालों की प्रजाति पर ही अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा था. हालांकि अब घड़ियाल सेंचुरी में किए जा रहे प्रयासों के चलते इनकी प्रजाति फल-फूल रही है. अब चंबल के घड़ियाल प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी भेजे जा रहे हैं.

Intro:एंकर - मध्य प्रदेश के सॉन्ग घड़ियाल अभ्यारण के लिए मुरैना के देवरी ईको सेंटर से देर शाम 27 घड़ियालों को देर शाम सीधी के लिए रवाना किया गया। ज्ञात है कि मध्य प्रदेश में चंबल नदी के अलावा घड़ियाल अभ्यारण और केन घड़ियाल अभ्यारण भी है। लेकिन चंबल की तुलना में यहां घड़ियालों की संख्या कम है। इसलिए सोन नदी में छोड़ने के लिए संजय टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने चंबल अभ्यारण से घड़ियाल उपलब्ध कराने की डिमांड बीते साल भेजी थी।
सोन नदी में भी घडियालों का बसेरा हैं यहां पर घर वालों की संख्या बढ़ाने के लिए इससे पहले भी चंबल नदी से घड़ियाल ले जाए गए थे। जो यहां अच्छी तरह से फल-फूल रहे हैं इस बार सोन अभ्यारण के लिए करीब 30 घड़ियालों की डिमांड पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ भोपाल से की गई थी।जिसे स्वीकार करते हुए भोपाल से 27 घड़ियालों के ट्रांसलोकेशन की अनुमति टाइगर रिजर्व को मिली है। इन घडियालों को काफी हिफाजत के साथ देर शाम सीधी के लिए रवाना कर दिया घडियालों को लेने के लिए सोन अभ्यारण से एसडीओ विजेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ आए थे।


Body:सोन नदी में भेजे गए 27 घड़ियालों में से 3 नर घड़ियाल है और 24 मादा घड़ियाल है। ऐसे में चंबल अभ्यारण से कुछ कर्मचारियों को यहां से भेजा जा रहा है इस काम के लिए स्पेशल ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को सोन अभ्यारण से लाया गया था जिनके साथ घड़ियालों को रवाना किया गया है। चंबल अभ्यारण से घड़ियाल सीधी सोन अभ्यारण भेजे गए हैं जो संभावित कार्यक्रम है उसके तहत पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ इन घायलों को वही रिलीज करेंगे।
वहीं पंजाब की व्यास नदी के लिए भी पंजाब सरकार की तरफ से मंगा आई है। जिस पर अनुमति मिलने के बाद वहां के लिए भी घड़ियाल भेजे जाएंगे एक समय ऐसा था जब घडियालों का अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा था। पर घड़ियाल सेंचुरी में किए जा रहे प्रयासों के चलते अब चंबल के घड़ियाल प्रदेश के साथ साथ देश के कोने कोने में पहुंच रहे हैं।


Conclusion:बाईट - पीडी ग्रेवियल - डीएफओ मुरैना
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