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प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद थमी विकास कार्यों की रफ्तार, अधर में लटकी अमृत पेयजल योजना

नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद शहर में चल रही विकास की तमाम योजनाएं अब पूरी तरह ठप हो गई है. केंद्र सरकार ने शहर के लिए 3 साल पहले अमृत पेयजल योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना अधर में ही लटकी हुई है.

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Published : Mar 2, 2019, 8:20 PM IST

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मंदसौर। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद शहर में चल रही विकास की तमाम योजनाएं अब पूरी तरह ठप हो गई है. केंद्र सरकार ने शहर के लिए 3 साल पहले अमृत पेयजल योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना अधर में ही लटकी हुई है.

इस स्कीम में चंबल नदी से मंदसौर तक 52 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के जरिए शहरवासियों को पेयजल मुहैया करना था. दो चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के लिए नगर पालिका प्रशासन ने गुजरात की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है. इस योजना की पाइप लाइन में एक तरफ रेलवे लाइन बन रही है. वहीं दूसरी तरफ चम्बल नदी के छोर पर चलने वाली विद्युत मोटरों के लिए अभी तक बिजली की लाइन भी नहीं डाली गई है.

वहीं जानकारी के अनुसार, इस मामले में पालिका प्रशासन के अलावा रेलवे विभाग और बिजली कंपनी के अधिकारी ठेकेदार की कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. लिहाजा ठेकेदार कंपनी 2 महीने पहले ही यह काम बंद कर यहां से रवाना हो गई है. आलम यह है कि 52 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण काम जगह-जगह अधूरा पड़ा हुआ है.

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वहीं दूसरे चरण के लिए मंदसौर के रामघाट बैराज में भी अभी तक कोई व्यवस्था ना होने से इस स्कीम का पानी इस साल भी शहरवासियों को मिलने में संदेह नजर आ रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद यहां यह पद खाली हो गया है. लिहाजा विकास काम के मामले में भी अब प्रशासन का कोई ध्यान नही है. हालांकि नवागत सीएमओ आरपी मिश्रा ने इस स्किम पर जल्द ही काम शुरू करने की बात कही है.


मंदसौर। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद शहर में चल रही विकास की तमाम योजनाएं अब पूरी तरह ठप हो गई है. केंद्र सरकार ने शहर के लिए 3 साल पहले अमृत पेयजल योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना अधर में ही लटकी हुई है.

इस स्कीम में चंबल नदी से मंदसौर तक 52 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के जरिए शहरवासियों को पेयजल मुहैया करना था. दो चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के लिए नगर पालिका प्रशासन ने गुजरात की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है. इस योजना की पाइप लाइन में एक तरफ रेलवे लाइन बन रही है. वहीं दूसरी तरफ चम्बल नदी के छोर पर चलने वाली विद्युत मोटरों के लिए अभी तक बिजली की लाइन भी नहीं डाली गई है.

वहीं जानकारी के अनुसार, इस मामले में पालिका प्रशासन के अलावा रेलवे विभाग और बिजली कंपनी के अधिकारी ठेकेदार की कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. लिहाजा ठेकेदार कंपनी 2 महीने पहले ही यह काम बंद कर यहां से रवाना हो गई है. आलम यह है कि 52 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण काम जगह-जगह अधूरा पड़ा हुआ है.

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वहीं दूसरे चरण के लिए मंदसौर के रामघाट बैराज में भी अभी तक कोई व्यवस्था ना होने से इस स्कीम का पानी इस साल भी शहरवासियों को मिलने में संदेह नजर आ रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद यहां यह पद खाली हो गया है. लिहाजा विकास काम के मामले में भी अब प्रशासन का कोई ध्यान नही है. हालांकि नवागत सीएमओ आरपी मिश्रा ने इस स्किम पर जल्द ही काम शुरू करने की बात कही है.

Intro:मन्दसौर- नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रह in ji ji in ji UU ji un 77 yu लाद बंधवार की हत्या के बाद मंदसौर शहर में चल रही विकास की तमाम योजनाएं अब पूरी तरह ठप हो गई है ।केंद्र सरकार ने शहर की प्यास बुझाने के लिए 3 साल पहले अमृत पेयजल योजना को मंजूरी दी थी । इस स्कीम में चंबल नदी से मंदसौर तक 52 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के जरिए पेयजल मुहैया कराना शामिल है। लेकिन पालिका और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना झूल में लटक गई है । योजना पर चल रहा निर्माण काम पूरी तरह ठप हो गया है और अब इस साल भी शहरवासियों को चंबल का पानी नसीब नहीं होगा।


Body:मंदसौर शहर की प्यास बुझाने के लिए केंद्र सरकार ने अमृत पेयजल योजना के मद्देनजर चंबल नदी का पानी मंदसौर की शिवना नदी तक पानी पहुंचाने के लिए 52 करोड़ रुपये की मंजूरी की है। दो चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के लिए नगर पालिका प्रशासन ने गुजरात की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है ।इस योजना की पाइप लाइन में एक तरफ रेलवे लाइन रोड़ा बन रही है ।वही दूसरी तरफ चम्बल नदी के मुहाने पर चलने वाली विद्धुत मोटरों के लिए अभी तक भी बिजली की लाइन के नही डाली गई हैं।इस मामले में पालिका प्रशासन के अलावा रेलवे विभाग और बिजली कंपनी के अधिकारी ठेकेदार की कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं लिहाजा ठेकेदार कंपनी 2 महीने पहले ही यह काम बंद कर यहां से रवाना हो गई है।आलम यह है कि 52 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण काम जगह-जगह अधूरा पड़ा हुआ है। वहीं दूसरे चरण के लिए मंदसौर के रामघाट बैराज में भी अभी तक कोई व्यवस्था ना होने से इस स्कीम का पानी इस साल भी शहरवासियों को मिलने में संदेह नजर आ रहा हैं। नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद यहां यह पद खाली हो गया है। लिहाजा विकास काम के मामले में भी अब प्रशासन का कोई ध्यान नही है। हालांकि नवागत सीएमओ आर पी मिश्रा ने इस स्किम पर जल्द ही काम शुरू करने की बात कही है। लेकिन उन्होंने भी इस साल गर्मी में चंबल का पानी शहर वासियों को मुहैया कराने की बात से इंकार किया है ।
byte:आर पी मिश्रा, सीएमओ नगर पालिका मंदसौर



विनोद गौड़ ,मंदसौर


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