मंदसौर। नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद शहर में चल रही विकास की तमाम योजनाएं अब पूरी तरह ठप हो गई है. केंद्र सरकार ने शहर के लिए 3 साल पहले अमृत पेयजल योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से यह योजना अधर में ही लटकी हुई है.
इस स्कीम में चंबल नदी से मंदसौर तक 52 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन के जरिए शहरवासियों को पेयजल मुहैया करना था. दो चरणों में पूरी होने वाली इस योजना के लिए नगर पालिका प्रशासन ने गुजरात की एक निजी कंपनी को ठेका दिया है. इस योजना की पाइप लाइन में एक तरफ रेलवे लाइन बन रही है. वहीं दूसरी तरफ चम्बल नदी के छोर पर चलने वाली विद्युत मोटरों के लिए अभी तक बिजली की लाइन भी नहीं डाली गई है.
वहीं जानकारी के अनुसार, इस मामले में पालिका प्रशासन के अलावा रेलवे विभाग और बिजली कंपनी के अधिकारी ठेकेदार की कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं. लिहाजा ठेकेदार कंपनी 2 महीने पहले ही यह काम बंद कर यहां से रवाना हो गई है. आलम यह है कि 52 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण काम जगह-जगह अधूरा पड़ा हुआ है.
वहीं दूसरे चरण के लिए मंदसौर के रामघाट बैराज में भी अभी तक कोई व्यवस्था ना होने से इस स्कीम का पानी इस साल भी शहरवासियों को मिलने में संदेह नजर आ रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के बाद यहां यह पद खाली हो गया है. लिहाजा विकास काम के मामले में भी अब प्रशासन का कोई ध्यान नही है. हालांकि नवागत सीएमओ आरपी मिश्रा ने इस स्किम पर जल्द ही काम शुरू करने की बात कही है.