मंदसौर। सड़क हादसें में पति की मौत के सदमें से राजस्थान की महिला की स्थिति बिगड़ी तो वह अपने दो बच्चों को छोड़ घर से बिना बताए निकल गई. महिला मंदसौर पहुंची तो दिमागी हालात को देख पुलिस ने उसे अनामिका विक्षिप्त महिला (psychosis woman in mandsaur) आश्रय गृह में पहुंचा दिया. यहां उपचार व काउंसलिंग के बाद जब उसे परिवार याद आया तो गूगल पर सर्च करने के साथ राजस्थान पुलिस की मदद ली और परिवार तक सूचना दी. इसके बाद दोनों बच्चों को लेकर महिला के दो भाई, भाभी और मां उसे लेने पहुंचे.
लगातार की जा रही थी महिला की काउंसलिंग
विक्षिप्त महिला आश्रय गृह की संचालिका अनामिका जैन ने बताया कि महिला लीला को कोतवाली पुलिस उनके आश्रय गृह में छोड़कर गई थी. तब वह परिवार और अपनों के बारें में बता नहीं पाई थी. लगातार उपचार के साथ ही काउंसलिंग भी की जा रही थी. आठ दिन पहले ही महिला को उसका परिवार याद आया.
गूगल पर किया था सर्च
संचालिका ने बताया कि महिला के बताने के बाद हमनें गूगल पर सर्च किया और राजस्थान (rajasthan police helped physics woman) में चित्तौडगढ़ और निम्बाहेड़ा पुलिस से संपर्क किया. वहां उन्हें फोटो भेजे. वहां की पुलिस ने महिला के परिवार को ढूंढने में मदद की. परिवार का पता चला तो सूचना भेजी. इस पर परिवार के लोग शनिवार को आश्रय गृह पर पहुंचे. यहां सांसद सुधीर गुप्ता, कलेक्टर गौतमसिंह, समाजसेवी प्रदीप गनेड़ीवाल, जिला पंचायत सीईओ कुमार सत्यम की मौजूदगी में पूनर्वास करवाते हुए महिला को परिवार के सुपुर्द किया.
पति की मौत का सदमा खींच लाया मंदसौर
समाजसेविका अनामिका जैन ने बताया कि महिला के पति की एक हादसें में मौत हो जाने के बाद उसकी यह स्थिति बन गई. मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण महिला अपने दो बच्चों व परिवार को छोड़कर अचानक घर से निकल गई थी और यहां पहुंच गई. चित्तौडगढ़ में रेलवे चौकी पर इसकी गुमशुदगी भी दर्ज थी. 9 माह से महिला परिवार से लापता थी और बच्चों से लेकर भाई व मां का बुरा हाल था.