ETV Bharat / state

मंदसौर जिला अस्पताल का बुरा हाल, मामूली बीमारियों का भी नहीं हो पा रहा है इलाज - poor condition of government hospital

मंदसौर के जिला अस्पताल में 500 बेड पर 62 डॉक्टरों की पोस्टिंग है, लेकिन फिलहाल यहां 11 डॉक्टर ही ड्यूटी कर रहे हैं. मेडिकल सुविधाओं की कमी की वजह से डॉक्टर यहां इलाज करने से कतराते हैं. ऐसे में ये अस्पताल सिर्फ रेफर करने वाला हॉस्पिटल बनकर रह गया है.

मंदसौर जिला अस्पताल
author img

By

Published : Jul 12, 2019, 10:40 AM IST

मंदसौर। जिले का सरकारी अस्पताल इन दिनों कई कमियों का शिकार है. 500 बेड वाले इस अस्पताल में इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ आधुनिक संसाधनों की भारी कमियों के कारण यहां मामूली बीमारी तक का इलाज नहीं हो पाता है. ऐसे में सरकारी अस्पताल से हरेक केस रेफर कर दिया जाता है.

मंदसौर जिला अस्पताल का बुरा हाल

अस्पताल में 62 डॉक्टरों की पोस्टिंग है, लेकिन फिलहाल यहां 11 डॉक्टर ही ड्यूटी कर रहे हैं. मेडिकल संसाधनों की कमी से डॉक्टर यहां इलाज करने से कतराते हैं. यहां की सोनोग्राफी और एक्स-रे मशीन अक्सर तकनीकी खराबी और ऑपरेटरों की कमी से बंद रहती है. वहीं दूसरी तरफ सीटी स्कैन और एमआरआई व्यवस्थाएं नहीं होने से मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है. जांच भी यहां की पैथोलॉजी के बदले मरीजों को भारी खर्च कर निजी संस्थानों से करवानी पड़ती है.

मंदसौर जिला अस्पताल मध्य प्रदेश के मालवा और सीमावर्ती राजस्थान के मेवाड़ इलाके का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है. यहां आने वाले गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन साल पहले यहां एक आधुनिक ट्रॉमा सेंटर खोलने की मंजूरी दी थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से ये अभी तक नहीं बन पाया है. जिला अस्पताल में कमियों की बात यहां के अधिकारी भी मानते हैं.

मंदसौर। जिले का सरकारी अस्पताल इन दिनों कई कमियों का शिकार है. 500 बेड वाले इस अस्पताल में इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ आधुनिक संसाधनों की भारी कमियों के कारण यहां मामूली बीमारी तक का इलाज नहीं हो पाता है. ऐसे में सरकारी अस्पताल से हरेक केस रेफर कर दिया जाता है.

मंदसौर जिला अस्पताल का बुरा हाल

अस्पताल में 62 डॉक्टरों की पोस्टिंग है, लेकिन फिलहाल यहां 11 डॉक्टर ही ड्यूटी कर रहे हैं. मेडिकल संसाधनों की कमी से डॉक्टर यहां इलाज करने से कतराते हैं. यहां की सोनोग्राफी और एक्स-रे मशीन अक्सर तकनीकी खराबी और ऑपरेटरों की कमी से बंद रहती है. वहीं दूसरी तरफ सीटी स्कैन और एमआरआई व्यवस्थाएं नहीं होने से मरीजों को बाहर रेफर कर दिया जाता है. जांच भी यहां की पैथोलॉजी के बदले मरीजों को भारी खर्च कर निजी संस्थानों से करवानी पड़ती है.

मंदसौर जिला अस्पताल मध्य प्रदेश के मालवा और सीमावर्ती राजस्थान के मेवाड़ इलाके का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है. यहां आने वाले गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन साल पहले यहां एक आधुनिक ट्रॉमा सेंटर खोलने की मंजूरी दी थी, लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से ये अभी तक नहीं बन पाया है. जिला अस्पताल में कमियों की बात यहां के अधिकारी भी मानते हैं.

Intro:मंदसौर ।सीमावर्ती इलाके का सबसे बड़ा माने जाने वाला जिला अस्पताल अब तमाम तरह की कमियों का शिकार है ।500 बेड वाले इस अस्पताल में एक तरफ इलाज करने वाले डॉक्टर ही नहीं बचे हैं ।वहीं दूसरी तरफ आधुनिक संसाधनों की भारी कमियों के कारण भी अब यहां मामूली सी बीमारियों तक का इलाज नहीं हो पा रहा है ।इन हालातों में अस्पताल अब एक रेफरल हॉस्पिटल बन कर रह गया है।


Body:अविभाजित मंदसौर जिले का सरकारी अस्पताल, मध्य प्रदेश के मालवा और राजस्थान के मेवाड़ इलाके का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है ।500 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में 62 डॉक्टरों की पोस्टिंग है। लेकिन फिलहाल यहां 11 डॉक्टर ही ड्यूटी कर रहे हैं ।इस अस्पताल के तमाम वार्डो का कायाकल्प योजना में जीर्णोद्धार कर दिया गया। लेकिन मेडिकल संसाधनों की कमी से डॉक्टर अब यहां इलाज करने से भी कतराने लगे हैं। यहां की सोनोग्राफी मशीन, एक्सरे मशीन अक्सर तकनीकी खराबी और ऑपरेटरों की कमी से बंद रहती है ।वहीं दूसरी तरफ सीटी स्कैन और एमआरआई व्यवस्थाएं भी न होने से मरीजों को बाहर रेफर किया जा रहा है। पैथोलॉजी के मामले में मरीजों को भारी खर्च कर निजी संस्थानों से जांच करवानी पड़ रही है ।हालात यह है कि यहां के डॉक्टर मामूली से इलाज के लिए भी मरीजों को बाहर रेफर कर रहे हैं ।
byte 1:संजय कला ,मरीज शामगढ़
byte 2: भारत, परिजन शामगढ़


Conclusion:जिला अस्पताल के जीर्णोद्धार के लिए शासन ने इस बिल्डिंग को कायाकल्प योजना में शामिल किया है ।वहींइस मामले में यहां आने वाले गंभीर मरीजों के इलाज के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 3 साल पहले यहां एक आधुनिक ट्रामा सेंटर खोलने की भी मंजूरी दी है ।लेकिन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से यह कार्रवाई भी अभी तक अधूरी पड़ी है ।जिला अस्पताल में कमियों की बात यहां के अधिकारी भी मानते हैं ।वहीं सिविल सर्जन ने भी डॉक्टरों की कमी सहित तमाम सुविधाओं के मामले में राज्य सरकार से कई तरह की मांग की है।
byte 3: ए के मिश्रा ,सिविल सर्जन ,जिला अस्पताल मंदसौर


विनोद गौड़ ,रिपोर्टर, मंदसौर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.