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शासकीय रिकॉर्ड में जिंदा आदमी को बताया मृत, किसान बोला 'मैं भी जिंदा हूं'

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Published : Sep 29, 2020, 7:14 AM IST

मंदसौर जिले के पंगा चौकी में रहने वाले एक व्यक्ति को राजस्व रिकॉर्ड में मृत्य घोषित कर दिया गया. अब किसान सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है और कह रहा है कि वो अभी जिंदा है.

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शासकीय रिकॉर्ड में जिंदा आदमी को बताया मृत

मंदसौर। भानपुरा तहसील अंतर्गत गांव पंगा चौकी में जिंदा होने के बाद भी व्यक्ति को राजस्व रिकॉर्ड में मृत्य घोषित कर दिया गया, मृत घोषित किया गया शख्स अब खुद को जिंदा बताने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है और कह रहा है, 'मैं भी जिंदा हूं'.

एसडीएम आर पी वर्मा

जानकारी के मुताबिक गोरी लाल, पंगा चौकी गांव में अपने पूरे परिवार के साथ सकुशल जीवित अवस्था में है. अपने मवेशियों को भी साथ में पाल पोस कर जीवन यापन कर रहा था कि ग्राम पंचायत के द्वारा 15 अगस्त 2017 में उसे मृत घोषित कर दिया गया. जिम्मेदारों का कहना है कि गांव में गोरेलाल की मृत्यु 15 अगस्त 2017 को हुई थी, परिवार के नाम एक जैसे होने से गोरीलाल को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी जमीन पर उसके परिजनों का नाम लग गया.

प्रधानमंत्री किसान सहायता के लिए गांव के सभी किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपए आए, लेकिन गोरीलाल के खाते में पैसा ना आने के कारण उसने थक हारकर कार्यालयों के चक्कर लगाना शुरू किया. कभी भानपुरा तो कभी गरोठ, लेकिन दर-दर भटकने के बाद जब कोई आस नहीं दिखी तो गरोठ एसडीएम आर पी वर्मा की नजर गोरी लाल के आवेदन पर पड़ी, एसडीएम वर्मा ने मामले को तुरंत संज्ञान लेते हुए, इस बड़ी गलती को सुधारने के लिए भानपुरा तहसीलदार राकेश यादव को प्रस्ताव बनाकर जांच प्रतिवेदन मांगा. गरोठ एसडीएम के आश्वासन के बाद वृद्ध किसान को आस मिली और गोरीलाल का कहना है कि उसे न्याय मिलेगा और वो फिर से राजस्व रिकॉर्ड में जिंदा हो जाएगा.

मंदसौर। भानपुरा तहसील अंतर्गत गांव पंगा चौकी में जिंदा होने के बाद भी व्यक्ति को राजस्व रिकॉर्ड में मृत्य घोषित कर दिया गया, मृत घोषित किया गया शख्स अब खुद को जिंदा बताने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है और कह रहा है, 'मैं भी जिंदा हूं'.

एसडीएम आर पी वर्मा

जानकारी के मुताबिक गोरी लाल, पंगा चौकी गांव में अपने पूरे परिवार के साथ सकुशल जीवित अवस्था में है. अपने मवेशियों को भी साथ में पाल पोस कर जीवन यापन कर रहा था कि ग्राम पंचायत के द्वारा 15 अगस्त 2017 में उसे मृत घोषित कर दिया गया. जिम्मेदारों का कहना है कि गांव में गोरेलाल की मृत्यु 15 अगस्त 2017 को हुई थी, परिवार के नाम एक जैसे होने से गोरीलाल को मृत घोषित कर दिया गया और उसकी जमीन पर उसके परिजनों का नाम लग गया.

प्रधानमंत्री किसान सहायता के लिए गांव के सभी किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपए आए, लेकिन गोरीलाल के खाते में पैसा ना आने के कारण उसने थक हारकर कार्यालयों के चक्कर लगाना शुरू किया. कभी भानपुरा तो कभी गरोठ, लेकिन दर-दर भटकने के बाद जब कोई आस नहीं दिखी तो गरोठ एसडीएम आर पी वर्मा की नजर गोरी लाल के आवेदन पर पड़ी, एसडीएम वर्मा ने मामले को तुरंत संज्ञान लेते हुए, इस बड़ी गलती को सुधारने के लिए भानपुरा तहसीलदार राकेश यादव को प्रस्ताव बनाकर जांच प्रतिवेदन मांगा. गरोठ एसडीएम के आश्वासन के बाद वृद्ध किसान को आस मिली और गोरीलाल का कहना है कि उसे न्याय मिलेगा और वो फिर से राजस्व रिकॉर्ड में जिंदा हो जाएगा.

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