मंदसौर। शहर के विकास में नगर पालिका परिषद दूषित राजनीति कर रही है. दो साल पहले भाजपा अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की परिषद ने शहर से कृषि मंडी तक की डिवाइडर सड़क के निर्माण काम को मंजूरी दे दी थी. लेकिन अध्यक्ष की हत्या के बाद गठित हुई कांग्रेस की परिषद ने इस पर पानी फेर दिया.
प्रहलाद बंधवार के कार्यकाल में स्वीकृत हुए विकास कार्यों पर कांग्रेस परिषद ने फेरा पानी
कृषि मंडी तक की डिवाइडर सड़क के निर्माण के काम को कांग्रेस की परिषद ने खारिज कर दिया है.
नगर पालिका परिषद की दूषित राजनीति
मंदसौर। शहर के विकास में नगर पालिका परिषद दूषित राजनीति कर रही है. दो साल पहले भाजपा अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की परिषद ने शहर से कृषि मंडी तक की डिवाइडर सड़क के निर्माण काम को मंजूरी दे दी थी. लेकिन अध्यक्ष की हत्या के बाद गठित हुई कांग्रेस की परिषद ने इस पर पानी फेर दिया.
Intro:मंदसौर :शहर के विकास में नगर पालिका परिषद द्वारा अब दूषित राजनीति करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। 2 साल पहले भाजपा अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की परिषद ने शहर से कृषि मंडी तक की डिवाइडर सड़क के निर्माण काम को मंजूरी दे दी थी ।लेकिन अध्यक्ष की हत्या के बाद गठित हुई कांग्रेसी परिषद ने इस सौगात पर भी पानी फेर दिया है। दो करोड़ 77 लाख के इस विकास काम का ठेका होने के बावजूद ,अब निरस्तीकरण से ठेकेदार भी झूल में लटक गया है।
Body:4 किलोमीटर लंबी सड़क के डिवाइडर निर्माण काम और दोहरीकरण के लिए नगर पालिका परिषद ने जावरा की अंशुल कंस्ट्रक्शन कंपनी को सर्वसम्मति से ठेका दिया था। ठेकेदार कंपनी ने प्रोजेक्ट की 10% अमानत राशि भी परिषद कार्यालय में जमा करवा दी थी। इसके बाद अध्यक्ष की हत्या होने से यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया ।उधर कमलनाथ सरकार ने अब इस परिषद में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष की नियुक्ति की है ,लिहाजा पूरी परिषद का तख्तापलट हो गया है। वर्ष 2017 में हुए विकास काम को अब ठेकेदार ने वर्क आर्डर के लिए , इस परिषद की मीटिंग में रखा। लेकिन इस परिषद में इस प्रोजेक्ट को ही खारिज कर दिया है।
Conclusion:इस मामले में पालिका प्रशासन भी जवाबदारी से बच रहा है। जबकि ठेकेदार कंपनी अब कानूनी तौर पर कोर्ट में जाने की तैयारी में है। बहरहाल दूषित राजनीति के चलते अब यहां विकास की एक और सौगात ठंडे बस्ते में चली गई है ।
1.अंशुल अग्रवाल, इंजीनियर, ठेकेदार कंपनी
2.मोहम्मद हनीफ शेख, अध्यक्ष ,नगर पालिका परिषद, मंदसौर
विनोद गौड़, रिपोर्टर ,मंदसौर
Body:4 किलोमीटर लंबी सड़क के डिवाइडर निर्माण काम और दोहरीकरण के लिए नगर पालिका परिषद ने जावरा की अंशुल कंस्ट्रक्शन कंपनी को सर्वसम्मति से ठेका दिया था। ठेकेदार कंपनी ने प्रोजेक्ट की 10% अमानत राशि भी परिषद कार्यालय में जमा करवा दी थी। इसके बाद अध्यक्ष की हत्या होने से यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में चला गया ।उधर कमलनाथ सरकार ने अब इस परिषद में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष की नियुक्ति की है ,लिहाजा पूरी परिषद का तख्तापलट हो गया है। वर्ष 2017 में हुए विकास काम को अब ठेकेदार ने वर्क आर्डर के लिए , इस परिषद की मीटिंग में रखा। लेकिन इस परिषद में इस प्रोजेक्ट को ही खारिज कर दिया है।
Conclusion:इस मामले में पालिका प्रशासन भी जवाबदारी से बच रहा है। जबकि ठेकेदार कंपनी अब कानूनी तौर पर कोर्ट में जाने की तैयारी में है। बहरहाल दूषित राजनीति के चलते अब यहां विकास की एक और सौगात ठंडे बस्ते में चली गई है ।
1.अंशुल अग्रवाल, इंजीनियर, ठेकेदार कंपनी
2.मोहम्मद हनीफ शेख, अध्यक्ष ,नगर पालिका परिषद, मंदसौर
विनोद गौड़, रिपोर्टर ,मंदसौर