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मंदसौरः कारगिल विजय की निशानी पुलिस स्टेशन में खा रही धूल

देश प्रेम का जज्बा रखने वाले शहर के समाज सेवक कैलाश प्रजापति ने कारगिल विजय की याद में बोफोर्स तोप की डमी बनवाई. मंदसौर पुलिस स्टेशन को भेंट में दी गई यह कारगिल विजय की निशानी कोने में पड़ी धूल खा रही है.

कारगिल विजय की निशानी पुलिस स्टेशन में खा रही धूल
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Published : Jul 26, 2019, 6:06 AM IST

Updated : Jul 26, 2019, 7:00 AM IST

मंदसौर। देश प्रेम का जज्बा रखने वाले शहर के समाज सेवक कैलाश प्रजापति ने कारगिल विजय की याद में बोफोर्स तोप की डमी बनवाई थी .जिससे युवाओं में देश भक्ति की भावना जागृत हो सके. यह तोप उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशल को भेंट कर दी थी. लेकिन पुलिस स्टेशन में यह तोप कोने में पड़ी धूल खा रही है.

कारगिल विजय की निशानी पुलिस स्टेशन में खा रही धूल

कैलाश प्रजापति ने इस तोप की डमी को 1 लाख रुपये खर्च करके बनवाया था. जिससे नौजवानों में देशभक्ति की भावना जगा सकें. इसके लिए उन्होंने 40 युवाओं को सैनिक की ड्रेस पहनाकर शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला था. जिससे देश प्रेम के जज्बे को देखकर तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने कैलाश को प्रशंसा पत्र देकर घंटाघर चौराहे पर सम्मानित भी किया था.

वर्तमान में तोप की डमी खस्ता हालत में पुलिस स्टेशन में पड़ी है. कैलाश खुद ही साल में दो तीन बार तोप की सफाई करवाते है. ईटीवी भारत ने जब मामले में मंदसौर एस पी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि कारगिल दिवस जनता व पुलिस दोनो के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही तोप के रख-रखाव का आश्वासन भी दिया है.

मंदसौर। देश प्रेम का जज्बा रखने वाले शहर के समाज सेवक कैलाश प्रजापति ने कारगिल विजय की याद में बोफोर्स तोप की डमी बनवाई थी .जिससे युवाओं में देश भक्ति की भावना जागृत हो सके. यह तोप उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशल को भेंट कर दी थी. लेकिन पुलिस स्टेशन में यह तोप कोने में पड़ी धूल खा रही है.

कारगिल विजय की निशानी पुलिस स्टेशन में खा रही धूल

कैलाश प्रजापति ने इस तोप की डमी को 1 लाख रुपये खर्च करके बनवाया था. जिससे नौजवानों में देशभक्ति की भावना जगा सकें. इसके लिए उन्होंने 40 युवाओं को सैनिक की ड्रेस पहनाकर शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला था. जिससे देश प्रेम के जज्बे को देखकर तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने कैलाश को प्रशंसा पत्र देकर घंटाघर चौराहे पर सम्मानित भी किया था.

वर्तमान में तोप की डमी खस्ता हालत में पुलिस स्टेशन में पड़ी है. कैलाश खुद ही साल में दो तीन बार तोप की सफाई करवाते है. ईटीवी भारत ने जब मामले में मंदसौर एस पी से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि कारगिल दिवस जनता व पुलिस दोनो के लिए महत्वपूर्ण है. साथ ही तोप के रख-रखाव का आश्वासन भी दिया है.

Intro:मंदसौर। कारगिल विजय के बाद देश प्रेम का जज्बा रखने वाले शहर के समाज सेवक कैलाश प्रजापति द्वारा शहरवासियों को प्रेरणा देने की मंशा से बनाई गई , बोफोर्स तोप की निशानी पुलिस कंट्रोल रूम के कोने में भंगार बन कर पड़ी है ।सेना द्वारा सीमा पर जंग जीतने के बाद सिलाई के कारोबार से जुड़े इस सामान्य कारोबारी ने करीब एक लाख खर्च कर दोस्तों की हूबहू नकल वाली प्रतिकृति बनवाई थी।


Body:उन्होंने इस तोप को एक ट्रक में सवार कर इसकी झांकी बनाई और 40 युवाओं को सैनिक की ड्रेस पहना कर शहर में फ्लैग मार्च भी निकाला था ।कैलाश प्रजापति के देश प्रेम के जज्बे को देखकर तत्कालीन कलेक्टर और एसपी ने उन्हें प्रशंसा पत्र देकर घंटाघर चौराहे पर सम्मानित भी किया था ।इसके बाद उन्होंने विजय की प्रतीक इस तोप को पुलिस कंट्रोल रूम में प्रदर्शित करने के लिए विभाग को भेंट कर दिया था ।यह तोप तब से लगाकर आज तक कंट्रोल रूम के एक कोने में ही पड़ी धूल फांक रही है।


Conclusion:हैरानी की बात यह है कि कैलाश प्रजापति साल भर में 2 बार उसके साफ-सफाई और उसका रंग रोगन का काम भी करवाते हैं। लेकिन देश प्रेम की प्रेरणा देने वाली इस तोप की तरफ पुलिस विभाग का कोई ध्यान ना होने से उन्होंने अब इसकी सुरक्षा करने और इसे व्यवस्थित जगह प्रदर्शित करने की भी मांग की है ।ईटीवी भारत द्वारा इस मुद्दे पर एसपी हितेश चौधरी का ध्यान आकर्षण करने के बाद उन्होंने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने क्या का आश्वासन दिया है ।
byte1 :कैलाश प्रजापति ,समाज सेवक
byte 2:हितेश चौधरी, एसपी, मंदसौर



विनोद गौड़, रिपोर्टर ,मंदसौर
Last Updated : Jul 26, 2019, 7:00 AM IST
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