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मंदसौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने फिर मीनाक्षी नटराजन पर जताया भरोसा, बीजेपी के सुधीर गुप्ता से है मुकाबला

मंदसौर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने मीनाक्षी नटराजन पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है. इस बार उनका मुकाबला बीजेपी के सुधीर गुप्ता से है. बता दें की 2104 में मीनाक्षी नटराजन इस सीट से हार चुकी है.

कांग्रेस प्रत्याशी
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Published : Mar 29, 2019, 8:10 PM IST

मंदसौर। कांग्रेस ने एक बार फिर मालवा इलाके की सबसे खास और बीजेपी की सीट माने जाने वाले मंदसौर लोकसभा सीट से महिला प्रत्याशी पर दांव लगाया है. पार्टी ने पूर्व राष्ट्रीय सचिव मीनाक्षी नटराजन को तीसरी बार मौका देते हुए चुनावी मैदान में उतारा है. मीनाक्षी नटराजन इस सीट से पूर्व में सांसद चुनी जा चुकी है. हालांकि पिछले चुनाव में मोदी लहर होने के चलते मीनाक्षी 3 लाख से अधिक वोटों से हारी थी.

मंदसौर लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के मुताबिक 16 चुनावों में से 11 बार बीजेपी ने जीत हासिल की है. इसके बावजूद कांग्रेस ने काफी सोच समझ कर फिर से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. इस सीट पर बीजेपी के डॉक्टर लक्ष्मी नारायण पांडे ही केवल एक ऐसे नेता रहे. जिन्होंने 8 बार जीत हासिल की. इसके अलावा दोनों ही पार्टियों में कोई भी नेता यहां से दोबारा सांसद चुनकर नहीं आया है. अब 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक तरफ बीजेपी ने जन संघ के नेता सुधीर गुप्ता को दोबारा टिकट दिया है. तो वहीं कांग्रेस ने मीनाक्षी नटराजन के तीसरी बार चुनावी मैदान में भेजा है. भाजपा के सुधीर गुप्ता और कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन दूसरी बार आमने सामने है.

मीनाक्षी नटराजन

हालांकि पिछले चुनाव में मीनाक्षी नटराजन बीजेपी प्रत्याशी सुधीर गुप्ता से 3 लाख 3 हजार 650 वोटों से हार गई थी. इससे पहले सन 2009 के चुनाव के दौरान मीनाक्षी नटराजन ने बीजेपी के कद्दावर नेता डॉं लक्ष्मी नारायण पांडे को 30 हजार 819 वोटों से मात दी थी. इन सब कारणों के साथ ही महिला कोटे से सक्षम नेतृत्व होने के कारण भी पार्टी ने मीनाक्षी नटराजन पर ही तीसरी बार भरोसा जताया है.

मीनाक्षी नटराजन को राहुल गांधी की काफी करीबी नेता माना जाता है. लेकिन पिछले चुनाव में गुटबाजी की शिकार हुई मीनाक्षी नटराजन इस बार तमाम गुटों के नेताओं को एक साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है. हालांकि सिंधिया खेमे के कुछ नेता अभी भी मीनाक्षी के टिकट से नाखुश हैं. लेकिन उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी की बात से इंकार किया है. उधर इन सब बातों के मद्देनजर पार्टी संगठन के बड़े नेताओं ने अभी से जमीनी रणनीति बनाते हुए कार्यकर्ताओं को जोड़ना शुरू कर दिया है.

मंदसौर। कांग्रेस ने एक बार फिर मालवा इलाके की सबसे खास और बीजेपी की सीट माने जाने वाले मंदसौर लोकसभा सीट से महिला प्रत्याशी पर दांव लगाया है. पार्टी ने पूर्व राष्ट्रीय सचिव मीनाक्षी नटराजन को तीसरी बार मौका देते हुए चुनावी मैदान में उतारा है. मीनाक्षी नटराजन इस सीट से पूर्व में सांसद चुनी जा चुकी है. हालांकि पिछले चुनाव में मोदी लहर होने के चलते मीनाक्षी 3 लाख से अधिक वोटों से हारी थी.

मंदसौर लोकसभा सीट के चुनावी इतिहास के मुताबिक 16 चुनावों में से 11 बार बीजेपी ने जीत हासिल की है. इसके बावजूद कांग्रेस ने काफी सोच समझ कर फिर से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. इस सीट पर बीजेपी के डॉक्टर लक्ष्मी नारायण पांडे ही केवल एक ऐसे नेता रहे. जिन्होंने 8 बार जीत हासिल की. इसके अलावा दोनों ही पार्टियों में कोई भी नेता यहां से दोबारा सांसद चुनकर नहीं आया है. अब 17वीं लोकसभा के चुनाव में एक तरफ बीजेपी ने जन संघ के नेता सुधीर गुप्ता को दोबारा टिकट दिया है. तो वहीं कांग्रेस ने मीनाक्षी नटराजन के तीसरी बार चुनावी मैदान में भेजा है. भाजपा के सुधीर गुप्ता और कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन दूसरी बार आमने सामने है.

मीनाक्षी नटराजन

हालांकि पिछले चुनाव में मीनाक्षी नटराजन बीजेपी प्रत्याशी सुधीर गुप्ता से 3 लाख 3 हजार 650 वोटों से हार गई थी. इससे पहले सन 2009 के चुनाव के दौरान मीनाक्षी नटराजन ने बीजेपी के कद्दावर नेता डॉं लक्ष्मी नारायण पांडे को 30 हजार 819 वोटों से मात दी थी. इन सब कारणों के साथ ही महिला कोटे से सक्षम नेतृत्व होने के कारण भी पार्टी ने मीनाक्षी नटराजन पर ही तीसरी बार भरोसा जताया है.

मीनाक्षी नटराजन को राहुल गांधी की काफी करीबी नेता माना जाता है. लेकिन पिछले चुनाव में गुटबाजी की शिकार हुई मीनाक्षी नटराजन इस बार तमाम गुटों के नेताओं को एक साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है. हालांकि सिंधिया खेमे के कुछ नेता अभी भी मीनाक्षी के टिकट से नाखुश हैं. लेकिन उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी की बात से इंकार किया है. उधर इन सब बातों के मद्देनजर पार्टी संगठन के बड़े नेताओं ने अभी से जमीनी रणनीति बनाते हुए कार्यकर्ताओं को जोड़ना शुरू कर दिया है.

Intro:मंदसौर। कांग्रेस ने एक बार फिर मालवा इलाके की सबसे खास और भगवा सीट माने जाने वाले मंदसौर लोकसभा क्षेत्र से महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। पार्टी ने राहुल गांधी की व्यक्तिगत टीम में शामिल और पूर्व राष्ट्रीय सचिव मीनाक्षी नटराजन को तीसरी बार मौका देते हुए चुनावी मैदान में खड़ा किया है। मीनाक्षी नटराजन इसी क्षेत्र से पूर्व में सांसद चुनी जा चुकी है। लेकिन मोदी लहर में पिछले चुनाव में 3 लाख से अधिक वोटों से हार जाने के बावजूद पार्टी ने इस बार फिर मीनाक्षी को ही जनता के बीच भेजा है ,और इसकी सबसे बड़ी वजह महिला कोटे से उनका सक्षम नेतृत्व माना जा रहा है।


Body:लोकसभा चुनाव के इतिहास के मुताबिक 16 चुनावों में से 11 बार भगवा जीत हासिल करने वाली मंदसौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने काफी सोच समझ कर एक बार फिर महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। इस सीट पर भाजपा के डॉक्टर लक्ष्मी नारायण पांडे ही केवल एक ऐसे नेता रहे जिन्होंने 8 बार जीत हासिल की ।इसके अलावा दोनों ही पार्टियों में कोई भी नेता यहां से दोबारा सांसद चुनकर नहीं आया है ।अब 17 वी लोकसभा के चुनाव में एक तरफ भाजपा ने जन संघ के नेता सुधीर गुप्ता को दोबारा टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने मीनाक्षी नटराजन के तीसरी बार चुनावी मैदान में भेजा है। भाजपा के सुधीर गुप्ता और कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन दूसरी बार आमने सामने है ।हालांकि पिछले चुनाव में मीनाक्षी नटराजन भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता से 3लाख3हजार 650 वोटों से हार गई थी। लेकिन इससे पहले सन 2009 में हुए चुनाव के दौरान मीनाक्षी नटराजन ने भाजपा के कद्दावर नेता डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे को 30हजार819 वोटों से करारी मात दी थी ।इन सब कारणों के साथ ही महिला कोटे से सक्षम नेतृत्व होने के कारण भी पार्टी ने मीनाक्षी नटराजन पर ही तीसरी बार भरोसा जताया है।
byte1: मीनाक्षी नटराजन, कांग्रेस प्रत्याशी, मंदसौर


Conclusion:मीनाक्षी नटराजन को राहुल गांधी की काफी करीबी नेता माना जाता है। लेकिन पिछले चुनाव में गुटबाजी की शिकार हुई मीनाक्षी नटराजन इस बार तमाम गुटों के नेताओं को शुरुआती दौर में ही एक साथ लेकर चलने की कोशिश कर रही है। हालांकि सिंधिया खेमे के कुछ नेता अभी भी मीनाक्षी के टिकट से नाखुश हैं ।लेकिन उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी की बात से इंकार किया है। उधर इन सब बातों के मद्देनजर पार्टी संगठन के बड़े नेताओं ने अभी से जमीनी रणनीति बनाते हुए, कार्यकर्ताओं को भी जोड़ना शुरू कर दिया है ।
byte2 :मुकेश काला, पूर्व जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी मंदसौर
byte3: प्रकाश रातडिया ,जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी मंदसौर



विनोद गौड़ ,रिपोर्टर,मंदसौर
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